Central Government Stopped The Appointment Of Independent Directors In – केन्द्र सरकार ने रोकी राजस्थान के चारों स्मार्ट सिटी में स्वतंत्र निदेशकों की नियुक्ति, गरमाई सियासत

राज्य सरकार ने राजनीतिक नियुक्तियों के तौर पर की थी नियुक्ति, केन्द्र सरकार को नहीं आई रास

जयपुर। केन्द्र सरकार ने राज्य सरकार की ओर से प्रदेश की चारों स्मार्ट सिटी में की गई स्वतंत्र निदेशकों की नियुक्तियों पर फिलहाल ब्रेक लगा दिया है। आवासन एवं शहरी कार्य मंत्रालय ने इस नियुक्ति प्रक्रिया की जांच शुरू कर दी है। मंत्रालय ने सचिव, स्वायत्त शासन विभाग को स्पष्ट किया है कि इस मामले में जब तक मंत्रालय स्तर पर उचित निर्णय नहीं लिया जाता, तब तक नियुक्ति प्रक्रिया स्थगित रखी जाए। इसके बाद राज्य सरकार में हलचल मची और सियासत गरमा गई। यहां के अफसर मंत्रालय के अधिकारियों से संपर्क साधते रहे। गौरतलब है कि सरकार ने राजनीतिक नियुक्तियों के तहत जयपुर, अजमेर, कोटा व उदयपुर चारों स्मार्ट सिटी में स्वतंत्र निदेशकों की नियुक्ति के 15 जुलाई को आदेश जारी किए थे। इसकी जानकारी मंत्रालय को भेजी गई।
इन्हें बनाया था स्वतंत्र निदेशक
जयपुर स्मार्ट सिटी— जय आकड़ व डॉ.पूनम शर्मा
कोटा स्मार्ट सिटी— रविन्द्र त्यागी व रजनी गुप्ता
उदयपुर स्मार्ट सिटी— सज्जन कटारा
अजमेर स्मार्ट सिटी— डॉ.गोपाल बाहेती व राजकुमार जयपाल
यहां भी की गई है नियुक्तियां
सरकार ने पिछले माह ही जयपुर हैकेन्द्र सरकार ने स्थगित की चारों स्मार्ट सिटी में स्वतंत्र निदेशकों की नियुक्तिरिटेज नगर निगम महापौर मुनेश गुर्जर को जयपुर स्मार्ट सिटी कंपनी, कोटा उत्तर नगर निगम महापौर मंजू महेरा कोटा स्मार्ट सिटी कंपनी का उपाध्यक्ष बनाया है।
चर्चा : केन्द्र का कंसेप्ट, विशेषज्ञों की जगह राजनीतिक नियुक्ति
स्मार्ट सिटी मिशन केन्द्र सरकार का कंसेप्ट है और इस पर खर्च राशि का आधा हिस्सा केन्द्र सरकार वहन कर रही है। चर्चा यह है कि केन्द्र सरकार अपने इस प्रोजेक्ट में किसी तरह का राजनीतिक दखल नहीं चाह रही। कारण, राजस्थान में कांग्रेस सरकार है और सरकार ने ही स्वतंत्र निदेशक बनाए हैं। इसके अलावा स्वतंत्र निदेशकों की पृष्ठभूमि विशेषज्ञ की बजाय राजनैतिक ज्यादा है।