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Rajasthan Elections: कांग्रेस ERCP से सींचेगी वोटों की फसल, 16 अक्टूबर से शुरू करेगी जन आंदोलन, जानें सबकुछ

हाइलाइट्स

राजस्थान विधानसभा चुनाव 2023
राजस्थान कांग्रेस ने बनाई मजबूत रणनीति
ERCP वाले सभी 13 जिलों को कवर करेगी यात्रा

जयपुर. राजस्थान के विधानसभा चुनाव में इस बार ईस्टर्न राजस्थान कैनाल प्रोजेक्ट (ERCP) पूर्वी राजस्थान में सबसे बड़ा मुद्दा बनता नजर आ रहा है. लिहाजा कांग्रेस अपने चुनाव अभियान का आगाज पूर्वी राजस्थान से इस मुद्दे से ही करेगी. पार्टी ने 16 अक्टूबर से ईआरसीपी पर बीजेपी के खिलाफ वादा खिलाफी यात्रा निकालने का आज ऐलान कर अपने मंसूबे साफ कर दिये हैं. कांग्रेस पार्टी के पदाधिकारियों की पूर्वी राजस्थान के नेताओं के साथ आज हुई मैराथन बैठक के बाद उन्होंने बीजेपी के खिलाफ जन आंदोलन का ऐलान कर दिया है.

कांग्रेस के प्रदेश प्रभारी सुखजिंदर रंधावा ने बीजेपी पर आरोप लगाते हुए कहा कि उसने ईआरसीपी पर राजस्थान की जनता को गुमराह किया है. राज्य सरकार ने ईआरसीपी के लिए बजट आवंटित किया है. इस पर काफी काम भी हो रहा है. लेकिन केंद्र की सरकार ने वादाखिलाफी की है. उसे एक्सपोज किया जायेगा. जल शक्ति मंत्री गजेंद्रसिंह शेखावत राजस्थान के होने के बावजूद भी उसको उसका हक नहीं दिला पाये.

गहलोत सरकार ने इस मुद्दे को अब तक जिंदा रखा है
वसुंधरा सरकार ने चंबल की सहायक नदियों के पानी को जमा कर कैनाल के जरिये पूर्वी राजस्थान के 13 जिलों में पेयजल और सिंचाई का पानी पहुंचाने के मकसद से ईआरसीपी की डीपीआर बनाई थी. उसके बाद 2018 में वसुंधरा राजे की सरकार सता से बाहर हो गई. लेकिन गहलोत सरकार ने इस मुद्दे को अब तक जिंदा रखा है. कांग्रेस पिछली बार इस इलाके से मिले बंपर समर्थन को बनाये रखने के लिए ईआरसीपी के जरिये वोटों की फसल काटने की तैयारी कर रही है.

16 अक्टूबर को बारां जिले से होगा शुभारंभ
इसी रणनीति के तहत उसने आगामी 16 अक्टूबर से बीजेपी के खिलाफ वादा खिलाफी यात्रा और दस अक्टूबर से जनजागरण अभियान शुरू करने का ऐलान कर दिया है. कांग्रेस की ईआरसीपी वाले सभी 13 जिलों को पार्टी के झंडे, बैनरों और पोस्टरों से पाटने की तैयारी है. कांग्रेस ईआरसीपी पर बीजेपी के खिलाफ वादा खिलाफी यात्रा 16 अक्टूबर से बारां जिले से शुभारंभ करेगी, जहां से यह परियोजना शुरू हो रही है. वहां पर एक लाख से ज्यादा लोगों को जुटाने का लक्ष्य रखा गया है. यात्रा रोजाना दो जिले कवर करेगी. इस दौरान हर जिले में एक बड़ी सभा होगी.

लागत 37 हजार से 50 हजार करोड़ तक पहुंच गई है
ईआरसीपी फिलहाल धरातल पर कम और बयानों में ज्यादा छाई हुई है. परियोजना की 37 हजार करोड़ की लागत पांच साल बाद पचास हजार करोड़ पार कर रही है. लेकिन दिल्ली और जयपुर की लड़ाई में 13 जिलों की जनता की उम्मीदें टूटी हैं. इसलिए गहलोत ईआरसीपी के जरिये चुनावी वैतरणी पार करने की जुगत में हैं. कांग्रेस इस मुद्दे पर बीजेपी को बैकफुट पर धकेल फिर से पूर्वी राजस्थान में विजय पताका फहराना चाहती है.

Tags: Jaipur news, Rajasthan Congress, Rajasthan elections, Rajasthan news, Rajasthan Politics

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