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सस्ते घर, नो ट्रैफिक! 5 साल में गुरुग्राम-नोएडा को पीछे छोड़ देगा NCR का ये शहर! cheap houses no traffic jam sonipat city of ncr will surpass gurgaon noida soon

Sonipat is the next iconic city of NCR: एनसीआर में चाहे घर खरीदना हो या रोजगार ढूंढना हो, सबसे टॉप शहरों में गुरुग्राम और नोएडा का ही नाम आता है. लेकिन महंगाई में डूबते और जाम से जूझते इन शहरों में भले ही प्रॉपर्टी की कीमतें आसमान छू रही हैं, और इन्वेस्टमेंट के लिए लोगों को ये बेस्ट ऑप्शन लगते हों, लेकिन आने वाले 5 साल में दिल्ली एनसीआर का एक तेजी से बढ़ता हुआ शहर इन्हें पीछे छोड़ देगा. नेशनल कैपिटल रीजन के सबसे शानदार शहर के रूप में चुपचाप बढ़ रहा यह शहर अब घर, प्रॉपर्टी, जमीन या कमर्शियल प्रॉपर्टी की खरीद के लिए लोगों की पसंद बनता जा रहा है.

कोविड के बाद से देखा जा रहा है कि एक बड़ी संख्या में खरीदार गुड़गांव और नोएडा जैसे इलाकों में महंगे फ्लैट लेने के बजाय अब सोनीपत की ओर रुख कर रहे हैं. जहां उन्हें इन दोनों शहरों से आधी से भी कम कीमत में ऐसी सुविधाएं मिल रही हैं, जो इसे एनसीआर का फ्यूचर सिटी बना रही हैं.

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ऐसा इंफ्रास्ट्रक्चर डेवलपमेंट, हर जगह हो रही चर्चा

सोनीपत एनसीआर में तेजी से आगे बढ़ने वाला शहर है.

आमतौर पर भारत में इंफ्रास्ट्रक्चर प्रोजेक्ट्स कछुए की गति से चलते हैं लेकिन सोनीपत इस नियम के विपरीत दिख रहा है. इस साल की शुरुआत मार्च 2025 में दिल्ली से सोनीपत को जोड़ती दिल्ली मेट्रो की येलो लाइन के विस्तार को जो मंजूरी मिली है वो इतनी जल्दी मिली है कि कई लोग हैरान रह गए. इतना ही नहीं इस लाइन पर काम भी शुरू हो चुका है .

2028 तक सोनीपत मेट्रो से सीधे कनॉट प्लेस से सिर्फ 45 मिनट में जुड़ जाएगा. यही नहीं लंबे समय से प्रतीक्षित अर्बन एक्सटेंशन रोड-II का काम जून 2025 तक पूरा हो जाएगा, यानी सोनीपत के निवासी जल्द ही 45 मिनट में इंदिरा गांधी अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डे पहुंच सकेंगे, कभी-कभी तो दक्षिण दिल्ली में रहने वालों से भी तेज और जल्दी.

आंकड़े झूठ नहीं बोलतेकुशमैन एंड वेकफील्ड की ताजा NCR मार्केटबीट रिपोर्ट कहती है, ‘अब सोनीपत एनसीआर की कुल औद्योगिक लीजिंग का 31% हिस्सा अपने नाम कर चुका है. ये अटकले नहीं सच्चाई है जिसे मारुति सुजुकी जैसी बड़ी कंपनियां यहां अपने दीर्घकालिक ऑपरेशंस शुरू करके साबित कर रही हैं.

सोनीपत में प्राॅपर्टी खरीदना फायदे का सौदा है.

सोनीपत के तेजी से उभरते औद्योगिक क्षेत्र कुंडली में जमीन की कीमतों में 2020 से अब तक 190% की जबरदस्त बढ़ोतरी हुई है. वहां अब भूखंड ₹61,000 प्रति वर्ग गज की दर से बिक रहे हैं. इसकी वजह वेयरहाउस, फैक्ट्रियों और कर्मचारियों के लिए बन रही नई आवासीय परियोजनाओं की लगातार बढ़ती मांग है.

दरअसल, एनारॉक द्वारा 2024 में एनसीआर में ट्रैक किए गए 38 बड़े जमीन के सौदों में से एक बड़ा हिस्सा सोनीपत के विकास कॉरिडोर में हुआ और यह सिर्फ औद्योगिक क्षेत्र तक सीमित नहीं है.इंडिया ब्रांड इक्विटी फाउंडेशन की रिपोर्ट के अनुसार, पिछले साल एनसीआर के लक्जरी हाउसिंग बाजार में 85% की वृद्धि हुई, और इसका बड़ा हिस्सा सोनीपत जैसे नए उभरते इलाकों में देखने को मिला, जो कम कीमत में ज्यादा स्पेस और बेहतर जीवनशैली दे रहे हैं.

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क्या कहते हैं विशेषज्ञ

जिंदल रियल्टी के प्रेसिडेंट और सीईओ अभय कुमार मिश्रा कहते हैं, सोनीपत एक अपार संभावनाओं वाला शहर बन गया है. आरआरटीएस, यूईआर-II और आगामी दिल्ली मेट्रो विस्तार जैसी प्रमुख बुनियादी ढांचा परियोजनाओं के साथ, यह क्षेत्र कनेक्टिविटी क्रांति के मुहाने पर है. इन विकासों से दिल्ली, आईजीआई हवाई अड्डे और सेंट्रल बिजनेस हब्स तक यात्रा का समय काफी कम होने जा रहा है. लिहाजा यह शहर घर खरीदारों और उद्योगों, दोनों के लिए और भी आकर्षक बन जाएगा.

हीरो रियल्टी के सीईओ रोहित किशोर कहते हैं कि टियर-2 और टियर-3 शहर अब रियल एस्टेट डेवलपर्स के लिए काफी आकर्षक बनते जा रहे हैं, क्योंकि इन जगहों पर घरों की मांग और निवेशकों की रुचि लगातार बढ़ रही है. बेहतर सड़कें और मेट्रो नेटवर्क के विस्तार के चलते दिल्ली और एनसीआर के अन्य हिस्सों से कनेक्टिविटी के चलते सोनीपत की रियल एस्टेट और बाजार स्थिति और मजबूत हो रही है. लगातार विकास और बढ़ती मांग को देखते हुए, सोनीपत कस्टमाइज्ड होम्स के लिए एक प्रमुख केंद्र बनने की दिशा में बढ़ रहा है.

वहीं रॉयल ग्रीन रियल्टी के एमडी यशांक वासन कहते हैं कि रिमोट वर्क की प्रवृत्ति ने लोगों की लोकेशन को लेकर सोच ही बदल दी है. अब लोग चाहते हैं कि घर सस्ता हो और खुली, सुकून भरी जगह मिले. सोनीपत ये दोनों चीज़ें देता है. इतना ही नहीं जाम के चलते जितनी देर में गुरुग्राम से गुरुग्राम नहीं पहुंचा जाता, उतनी देर में सोनीपत से एनसीआर के किसी भी शहर में पहुंचने की सहूलियत इसे बेस्ट चॉइस बना रही है.

मैप्सको ग्रुप के निदेशक राहुल सिंगला कहते हैं, ‘सोनीपत दिल्ली के क़रीब है, यहां का इंफ्रास्ट्रक्चर तेजी से विकसित हो रहा है और मौजूदा कीमतों पर अब से शानदार रिटर्न मिल रहा है. यहां किराये से मिलने वाला रिटर्न सालाना 3 से 4% के बीच है, जो एक अच्छी और स्थिर कमाई मानी जाती है.’

सस्ते घर, शानदार सुविधाएं फिलहाल सोनीपत में आप 4,500 से 6,500 रुपये प्रति वर्ग फुट की दर से घर खरीद सकते हैं. इसकी तुलना गुड़गांव से करें तो यहां ऐसी ही संपत्तियां 8,000 से ₹15,000 रुपये प्रति वर्ग फुट की दर से मिलती हैं. यह अंतर सिर्फ बाजार का अंतर नहीं है, यह अवसरों का एक द्वार है.

90 के दशक का गुरुग्राम और 2000 के शुरुआती सालों का नोएडा भी ठीक वही संकेत दे रहे थे जो आज हम सोनीपत में देख रहे हैं, बड़े इंफ्रास्ट्रक्चर प्रोजेक्ट्स, तेजी से बढ़ता उद्योग और घरों की मांग. खास बात है कि ये मांग सट्टेबाजी से नहीं, बल्कि असल में वहां आकर बसने वाले लोगों और कारोबारों से पैदा हो रही है.

युवाओं को भा रहा ये शहर देखा जा रहा है कि युवा प्रोफेशनल्स यहां ज्यादा दिलचस्पी ले रहे हैं. उन्हें लगता है कि वे बिना कनेक्टिविटी खोए, बड़े और बेहतर घर अफोर्ड कर सकते हैं. उद्यमी यहां बिना दिल्ली जैसे भारी खर्चों के अपने बिजनेस शुरू कर रहे हैं. परिवार अपने बच्चों को अच्छे स्कूलों में दाखिला दिला रहे हैं और खुले पार्कों, हरियाली और बेहतर जीवनशैली का आनंद ले रहे हैं.

माइग्रेशन के आंकड़े भी यही कहानी कहते हैं कि अब ज्यादा लोग सोनीपत में बस रहे हैं.कंपनियां अपने ऑपरेशंस यहां शिफ्ट कर रही हैं. हर नया इन्फ्रास्ट्रक्चर प्रोजेक्ट सोनीपत को मुख्यधारा की ओर एक कदम और करीब ले जा रहा है और इसके साथ ही प्रॉपर्टी की कीमतें भी उसी हिसाब से बदलेंगी.

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