Health

धरती के साथ कितने जुड़े हैं आप? कर लीजिए अपनी परीक्षा, सफल हुए तो 7 परेशानियों से यूं ही मिल जाएगी मुक्ति

Earthing health benefits: मिट्टी से ही आए हैं और मिट्टी में मिल जाएंगे. मिट्टी से ही हम खाते-पीते हैं और इसी मिट्टी में समा भी जाएंगे. बड़े-बुजुर्ग अक्सर ऐसी बातें करते रहते हैं. दरअसल, मिट्टी कई बीमारियों की दवा भी हो सकती है. वो भी बिल्कुल मुफ्त में. हालांकि यह इस बात पर निर्भर करता है कि आप इस धरती के साथ कितने जुड़े हुए हैं. अध्ययनों में दावा किया गया है कि धरती और इसकी ऊर्जा से जुड़ना ऑवरऑल हेल्थ के लिए बहुत फायदेमंद है. इससे मन को जो शांति मिलती है वह तो बेमिसाल है ही, यह तन को भी बहुत फायदा पहुंचाता है. हालांकि धरती से किस प्रकार जुड़ा जाए यह सीखने की जरूरत है. आइए जानते हैं कि अर्थिंग या धरती से कुदरती तौर पर जुड़ने के फायदों के बारे में जानें.

अर्थिंग क्या हैसबसे पहले जानते हैं कि अर्थिंग है क्या. क्लीवलैंड क्लिनिक के मुताबिक अर्थिंग का मतलब है जमीन के साथ शरीर या स्किन का सीधा संपर्क. अगर आप नंगे पैर चलते हैं, जमीन पर लेटते हैं जिसमें स्किन का टच धरती से हो या घास पर लेटते हैं या समंदर किनारे रेत पर लेटते हैं तो ये सब अर्थिंग है. इसके अलावा यदि आप स्विमिंग करते हैं या पानी में उतरते हैं तो भी यह अर्थिंग है. वहीं किसी भी तरह आप मिट्टी या धूलकण को जमीन के सहारे हाथ से पकड़ते हैं या उसमें लोट जाते हैं या कोई खेल खेलते हैं जिसमें शरीर की स्किन जमीन से टच हो, तो वे सब अर्थिंग के उदाहरण हैं.

अर्थिंग के फायदेसबसे पहले नंगे पैर चलने से मूड बेहतर रहता है. मन में शांति रहती है गुस्सा कम आता है और तनाव दूर होता है. वहीं थकान और नींद की समस्याओं से भी निजात मिलती है. माना जाता है कि अर्थिंग के कारण शरीर में इंफ्लामेशन यानी सूजन नहीं होती है. इंफ्लामेशन के कारण ब्लड प्रेशर, हार्ट डिजीज, डायबिटीज, कैंसर जैसी क्रोनिक बीमारियां होती हैं. इसके साथ ही अर्थिंग किसी भी तरह के दर्द को कम करने में मदद करता है. वहीं अर्थिंग से इम्यून सिस्टम मजबूत होता है जिसके कारण इंफेक्शन वाली बीमारियों का जोखिम कम हो जाता है. अर्थिंग से हार्ट से संबंधित कई तरह की बीमारियों की आशंका कम हो जाती है. इसके अलावा ऑटोनोमिक नर्वस सिस्टम फंक्शन भी मजबूत होता है.

जमीन के साथ संपर्क अहमक्लिवलैंड क्लिनिक में साइकोलॉजिस्ट डॉ. सुजेन अल्बर्स कहती हैं कि अर्थिंग का मतलब है कि आपकी स्किन का सीधा जमीन के साथ संपर्क होना. इसमें या तो आपके नंगे पैर धरती के संपर्क में होने चाहिए या हाथ या शरीर का कोई खुला अंग. इसके पीछे का विज्ञान यह है कि जब आप धरती के सीधा संपर्क में रहते हैं तो धरती से अर्थ मिलता है जिसके बाद धरती की इलेक्ट्रिक एनर्जी हमारे शरीर के इलेक्ट्रिक एनर्जी को अपने आप बैलेंस करती है. इसलिए यह माना जाता है कि ऐसा होने से शरीर में क्रोनिक बीमारियों का जोखिम कम हो जाता है. डॉ. सुजेन ने कहा कि दरअसल, जब हम पैरों में चप्पल या जूते पहन लेते हैं तो हमारा धरती के साथ संपर्क कट जाता है. दिक्कतें यहीं से शुरू होने लगती है. इसलिए अगर आप रबर के चप्पल पहनते हैं तो इससे इलेक्ट्रिसिटी आप तक नहीं पहुंचती.

इसे भी पढ़ें-क्या बढ़ते तापमान के साथ ब्लड शुगर भी बढ़ जाता है? इस बात में कितना है दम, डॉक्टर से जानिए सच्चाई

इसे भी पढ़ें-हर किसी को नहीं पता ब्रश करने का सही तरीका, इस गलती से 40 प्रतिशत गंदगी मुंह में ही रह जाती, दांतों के लिए ये है परफेर्ट केयर टिप्स

Tags: Health, Health tips, Lifestyle

FIRST PUBLISHED : April 30, 2024, 14:02 IST

Source link

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button

Uh oh. Looks like you're using an ad blocker.

We charge advertisers instead of our audience. Please whitelist our site to show your support for Nirala Samaj