Chhapra Siwan Hooch Tragedy: कैसे जहरीली बन जाती है शराब, जो किसी शाम कई घरों के बुझा देती है चिराग

हाइलाइट्स
देसी शराब अवैध नहीं होती है. इसे बनाकर बेचने के लिए लाइसेंस जारी किया जाता है.
गांव-कस्बों में गुड़, पानी, यूरिया, ऑक्सीटोसिन से बनने वाली शराब जहरीली हो जाती है.
Chhapra Siwan Hooch Tragedy: बिहार के छपरा में जहरीली शराब पीने से अब तक 54 लोगों की मौत हो चुकी है. माना जा रहा है कि यह आंकड़ा 100 के पार पहुंच सकता है. हालांकि, प्रशासन ने अब तक 26 मौत की ही पुष्टि की है. वहीं, सीवान में भी जहरीली शराब (Siwan Hooch Tragedy) पीने से 20 लोगों की मौत हो गई है. ये पहली बार नहीं है, जब बिहार, यूपी, गुजरात या दूसरे राज्यों में जहरीली शराब पीने से लोगों की मौत हुई हो. बिहार पुलिस हाईअलर्ट पर है और जगह-जगह छापेमारी कर रही है. एक जगह डॉग स्क्वायड ने जमीन के अंदर दबाकर छुपाई गई कच्ची शराब पकड़ी है. पुलिस की सघन जांच और सख्त कार्रवाई के बीच आइए जानते हैं कि शराब जहरीली कैसे हो जाती है. इसमें ऐसा क्या होता है, जिसको पीते ही कई घरों के चिराग हमेशा-हमेशा के लिए बुझ जाते हैं?
ज्यादातर लोग मानते हैं कि देसी शराब ही जहरीली शराब है. हालांकि, ऐसा होता नहीं है. सरकारें देसी शराब बनाने के लिए लाइसेंस जारी करती हैं. इसे कानूनी तरीके से देसी शराब के ठेकों पर बेचा जाता है. इसके उलट जहरीली शराब कानूनी तौर पर वैध नहीं है. इसे कच्ची शराब भी कहा जाता है. इसे छोटे कस्बों और गांवों में छुपकर बनाकर बेचा जाता है. ये देसी शराब के मुकाबले भी काफी सस्ती होती है. इसलिए कम आय वर्ग के लोग इसका सेवन करते हैं और शिकार बन जाते हैं.
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आपके शहर से (पटना)
कैसे कच्ची शराब बन जाती है जहरीली?
गांव-कस्बों में कच्ची शराब बनाने के लिए गुड़, पानी, यूरिया का इस्तेमाल किया जाता है. इसमें कई खतरनाक केमिकल का इस्तेमाल भी किया जाता है. इस विधि से तैयार शराब को लंबे समय तक रखने से कीड़े भी पड़ जाते हैं. ऐसी शराब जहरीली हो जाती है. कच्ची शराब बनाने वाले गुड़ को सड़ाने के लिए ऑक्सीटोसिन का इस्तेमाल करते हैं. इसके अलावा नौसादर और यूरिया भी मिलाया जाता है. ये सभी चीजें शरीर के लिए काफी खतरनाक होती हैं. जब यूरिया, ऑक्सीटोसिन, गुड़ और पानी को मिलाकर फर्मेंटेशन किया जाता है तो इथाइल अल्कोहल की जगह मिथाइल अल्कोहल बन जाता है. यह मिथाइल अल्कोहल ही शराब के जहरीला होने का कारण बनता है. शराब बनाने के दौरान तापमान का ख्याल नहीं रखने पर भी इथाइल अल्कोहल के साथ मिथाइल अल्कोहल भी बन जाता है.

जहरीली शराब से दिमाग, आंखों और दिल पर सीधा असर होता है.
जहरीली शराब से होती है दर्दनाक मौत
डॉ. नरेश कुमार का कहना है कि मिथाइल अल्कोहल शरीर में जाकर फार्मेल्डिहाइड (फॉर्मिक एसिड) बनाता है. ये ऐसा जहर है, जो आंखों की रोशनी जाने या मौत का कारण बन जाता है. यह पीने वाले के दिमाग पर असर करता है. जहरीली शराब में मिथाइल अल्कोहल की मात्रा 90 फीसदी से अधिक होती है. इतना मिथाइल अल्कोहल नर्वस सिस्टम ब्रेक डाउन का कारण बनता है. जहरीली शराब पीने वाले कार्डियोमायोपैथी और ऑप्टिक न्यूरोपैथी का शिकार हो जाते है़ं. कार्डियोमायोपैथी में हृदय का आकार अचानक बढ़ जाता है. इससे हृदय को ब्लड पंप करने में दिक्कत होने लगती है और पीने वाले को हार्ट अटैक होता है़. इससे पीने वाले को बहुत पीड़ा होती है और उसकी दर्दनाक मौत हो जाती है.
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एक घूंट की कीमत, ताउम्र सिर्फ अंधेरा
जहरीली शराब पीने वाला कार्डियोमायोपैथी के अलावा ऑप्टिक न्यूरोपैथी का शिकार भी हो सकता है. डॉ. नरेश कुमार का कहना है कि इसमें पीने वाले की जान तो नहीं जाती, लेकिन उम्रभर के लिए उसकी आंखों की रोशनी जा सकती है. इसमें पीने वाली की आंख की नस सूख जाती है. इससे दिखाई देना बंद हो जाता है. बता दें कि जहरीली शराब में मिथाइल अल्कोहल बहुत ज्यादा होने के कारण सबसे पहले आंखों पर ही असर दिखाई देता है.
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Tags: Bihar Liquor Smuggling, Illegal Liquor Factory, Poisonous Liquor
FIRST PUBLISHED : December 16, 2022, 14:13 IST