चाइना साउथवेस्ट एयरलाइंस फ्लाइट एसजेड-4509 एयर क्रैश: 61 लोगों की मौत

Last Updated:February 24, 2025, 10:26 IST
Air Crash: करीब 3300 फीट की ऊंचाई पर मौजूद चाइना साउथ वेस्ट एयरलाइंस का यह प्लेन अगले 12 मिनट के भीतर एयरपोर्ट पर लैंड होने वाला था. अचानक इस प्लेन में एक जोरदार धमाका हुआ और यह प्लेन आमसान में ही दो टुकड़ो…और पढ़ें
हाइलाइट्स
चाइना साउथवेस्ट एयरलाइंस का प्लेन हादसे का शिकार हुआ.प्लेन में सवार सभी 61 लोगों की मौत हो गई.गलत लॉकनट के कारण प्लेन का कंट्रोल खो गया.
Air Crash: हैलो… एयर ट्रैफिक कंट्रोल, दिस इस कैप्टन फ्रॉम एसजेड-4509, रिक्वेस्टिंग फॉर लैंडिंग क्लीयरेंस… यह आवाज लैंडिंग के लिए इजाजत मांग रहे चाइना साउथवेस्ट एयरलाइंस की फ्लाइट एसजेड-4509 के कप्तान याओ फुचेन की थी. करीब 3300 फीट की ऊंचाई पर उड़ रहे प्लेन को जैसे ही एटीसी का ग्रीन सिग्नल मिला, कप्तान ने फ्लाइट का रुख रनवे की तरफ कर दिया. प्लेन अगले करीब 12 मिनट बाद रनवे पर लैंड होने वाला था. एटीसी में बैठे कंट्रोलर और एयर साइट पर मौजूद तमाम एयरलाइंस स्टाफ प्लेन की लैंडिंग का इंतजार कर रहा था.
तभी अचानक आसमान से एक जोरदार धमाके की आवाज आई. एयर साइट पर मौजूद स्टाफ को कुछ समझ आता, इससे पहले झुलसे हुए मांस के लोथड़ों की आसमान से जमीन पर गिरने लगे. घबराए हुए लोगों ने आसमान की तरफ देखा तो धुंए के गुबार और आग की लपटों से घिरा एक एयरक्राफ्ट उनकी दिखा में आ रहा था. यह देखते ही एयर साइट पर भगदड़ मच गई. हर कोई अपनी जान बचाने के लिए भागता नजर आया. अगले कुछ ही सेकेंडों में एक एयरक्राफ्ट दो टुकड़ों में जमीन पर गिरा और उसका मलवा लगभर पूरे एयर साइट पर फैल गया.
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वेनझोउ एयरपोर्ट के लिए रवाना हुआ था प्लेनएयरसाइट पर फैला यह मलवा उसी चाइना साउथवेस्ट एयरलाइंस की फ्लाइट एसजेड-4509 का था, जिसे कुछ ही मिनट पहले एटीसी ने लैंडिंग की इजाजत दी थी. जी हां, 24 फरवरी 1999 को हुए इस एयर क्रैश में प्लेन में सवार सभी 61 लोगों की मृत्यु हो गई थी. मरने वालों में 50 पैसेंजर और 11 क्रू मेंबर शामिल थे. उल्लेखनीय है कि चाइना साउथ वेस्ट एयरलाइंस की फ्लाइट एसजेड-4509 ने 24 फरवरी 1999 को चीन में चेंगदू श्वांगलियू इंटरनेशनल एयरपोर्ट से वेनझोउ योंगकियांग एयरपोर्ट के लिए उड़ान भी थी और लैंडिंग से ठीक पहले यह हादसा हो गया.
1000 मीटर ऊंचाई पर हुआ था एयर क्रैशरिपोर्ट्स के अनुसार, हादसे का शिकार होने वाला प्लेन 1990 में बना टुपोलेव Tu-154M था. तीन इंजन वाले इस प्लेन के कप्तान याओ फुचेन और फर्स्ट ऑफिसर जू माओ थे. क्रैश के समय कॉकपिट में नेविगेटर लैन झांगफ़ेंग और फ्लाइट इंजीनियर गुओ शुमिंग भी मौजूद थे. वहीं केबिन में 50 पैसेंजर के साथ 7 फ्लाइट अटेंडेंट भी थे. लैंडिंग के लिए आगे बढ़ रहा प्लेन के फ्लैप करीब 1000 मीटर की ऊंचाई पर खोल दिए गए. फ्लैप खुलने के साथ प्लेन का अगला हिस्सा आगे की तरफ छुक गया. देखते ही देखते यह प्लेन दो टुकड़ों में बंट गया.
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जांच रिपोर्ट में हुआ यह बड़ा खुलासाहादसे के बाद हुई जांच में पता चला कि इस हादसे के लिए जिम्मेदार सिर्फ एक लॉकनट था. दरअसल, इस प्लेन में एलिवेटर सिस्टम में गलत लॉकनट लगे थे. फ्लाइट टेकऑफ से पहले हुए इंस्पेक्शन में फ्लाइट मेंटिनेंस की टीम ने गलत लगे इन लॉकनट को नजरअंदाज कर दिया. उड़ान के दौरान, कंपन के चलते यह लॉकनट खुल गए और प्लेन का कंट्रोल खो गया. इस तरह एक एक छोटा सा लॉकनट इस एयर क्रैश की वजह बन गया. इस हादसे के बाद चीन ने 30 अक्टूबर 2002 को एक बड़ा फैसला लिया और सभी टुपोलेव Tu-154 प्लेन को सर्विस से हटा दिया.
First Published :
February 24, 2025, 10:26 IST
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