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chunavi chatkara…idhar udhar ki… | इधर उधर की…तुम तो बड़े छुपे रुस्तम निकले जनाब!

locationजयपुरPublished: Nov 08, 2023 03:35:03 pm

वैसे भी यदि नेताजी ईमानदारी नहीं दिखाते तो ये नेताजी बनते-बनते रह जाते। कोई न कोई जरुर इनकी कार सेवा कर देता। खैर…राज का क्या है, नेताजी बनना ज्यादा जरुरी है।

इधर उधर की...तुम तो बड़े छुपे रुस्तम निकले जनाब!

इधर उधर की…तुम तो बड़े छुपे रुस्तम निकले जनाब!

तुम तो बड़े छुपे रुस्तम निकले जनाब! भला हो इन शपथ पत्रों को कम से कम नेताजी कुछ तो सच बोले। ये शपथ पत्र भी बेचारे नेताजी के छुपे राज उगल रहे हैं। एक नेताजी थे,जिनका तलाक हो गया। लेकिन पता ही नहीं चला। शपथ पत्र में जब विवाहित के कॉलम में जब तलाक लिखा तो यह राज खुला। एक और नेताजी है। ये राजधानी के हैं। इन्होंने अंतिम दिन नामांकन दाखिल किया। शपथ पत्रों पर नजरें पड़ी तो, अरे ये क्या! इन्होंने तो दो-दो निकाह कर लिए। पहली वाली से तो तलाक भी नहीं लिया। वैसे भी यदि नेताजी ईमानदारी नहीं दिखाते तो ये नेताजी बनते-बनते रह जाते। कोई न कोई जरुर इनकी कार सेवा कर देता। खैर…राज का क्या है, नेताजी बनना ज्यादा जरुरी है।

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