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Jaipur News Jda New Plants Ground Water – ऐसे तो खत्म हो जाएगा जयपुर में भूजल…जमीन में पानी जाने के रास्ते बंद कर दिए, रोज पौधों के लिए खींच रहे 1.5 करोड़ लीटर पानी

 

-800 पार्कों को संवारने के लिए एसटीपी से निकलने वाली पानी का उपयोग सही तरीके से किया जाए तो मिल सकती है बड़ी राहत

जयपुर. शहर की हरियाली को बचाए रखने के लिए भूजल का उपयोग तेजी से बढ़ रहा है। आलम यह है कि अकेले जेडीए की उद्यान शाखा की ओर से हरियाली पर डेढ़ करोड़ लीटर पानी रोज धरती की कोख से खींचा जा रहा है। इसके लिए निगम और जेडीए के अधिकारी जिम्मेदार हैं।
निगम 802 पार्कों का संधारण करता है। इन पार्कों में प्रति माह 40 करोड़ लीटर पानी खर्च हो जाता है। इसके लिए निगम ने अधिकतर पार्कों में बोरिंग लगा रखे हैं। साथ ही जिन पार्कों में बोरिंग नहीं हैं, वहां पर टैंकरों से पानी डाला जाता है। जबकि, राजधानी का अधिकतर हिस्सा डार्क जोन में आता है। वहीं, जेडीए करीब 150 पार्कों का संधारण करता है। इनमें से तीन बड़े पार्कों में एसटीपी से शोधित हुए पानी का उपयोग करता है।
दूसरी ओर देखें तो पानी के जमीन में जाने के सारे रास्ते विकास के नाम पर जेडीए और निगम ने ही बंद कर दिए। सड़क किनारे की जगह और फुटपाथ पक्के कर दिए। ऐसे में पानी का जमीन में जाना पूरी तरह से बंद हो गया।

नई एसटीपी के पानी का किया जा सकता है उपयोग
-जेडीए और निगम अधिकारियों की मानें तो नई एसटीपी के पानी का उपयोग पौधों की सिंचाई में किया जा सकता है। द्रव्यवती नदी पर लगीं पांच एसटीपी आधुनिक हैं। इसी तरह निगम की देहलावास एसटीपी को भी आधुनिक किया गया है। जो नई एसटीपी बन रही है, उसको भी नए मानकों के अनुसार बनाया जा रहा है।
-द्रव्यवती नदी पर लगी एसटीपी शहर में ही हैं। ऐसे में आसानी से इनसे पानी लिया जा सकता है। पानी का उपयोग शुरुआत के दिनों में टैंकरों से किया जा सकता है और आगे बड़े पार्कों और सड़क किनारे के पौधों को पानी देने के लिए लाइन भी बिछाई जा सकती है।
-देहलावास पर निगम की एसटीपी का काम पूरा होने के बाद जेडीए नदी के पानी को किसानों को देने की तैयारी में है। इस पानी का उपयोग किसान खेती में करेंगे।

फैक्ट फाइल
-500 रो किमी (सड़क किनारे और डिवाइडर)में फैली है शहर भर में हरियाली
-300 एमएलडी से अधिक क्षमता की एसटीपी अभी संचालित हैं राजधानी में
-292 हैक्टेयर क्षेत्रफल है शहर भर में पार्कों का, इसमें से 60 फीसदी है लॉन एरिया
-60 वुडलैंड पार्क भी विकसित किए हैं जेडीए ने, यहां पानी की है दिक्कत

पौधों और लोगों को कोई नुकसान नहीं
एसपीटी से पानी मिल जाए तो बेहतर रहेगा। इससे भूजल का बेवजह उपयोग नहीं होगा। देश के कई शहरों में एसटीपी के पानी का उपयोग पौधों के लिए किया जा रहा है। इससे कोई पौधों के अलावा लोगों को भी कोई नुकसान नहीं है।
-महेश तिवाड़ी, वन संरक्षक, जेडीए





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