CM भजनलाल ने PM मोदी को दी थी ये खास तलवार, महाराणा प्रताप से है इसका संबंध, दो साल में हुई तैयार, जानें खासियत
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चूरू. धोरों की धरती के कलाकारों की कला की महक सात समंदर पार भी है. जी हां चूरू के काष्ठ कलाकारों के हुनर की मुरीद पूरी दुनिया है. इस फेहरिस्त में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से लेकर उद्योगपति स्टील किंग लक्ष्मी मित्तल से लेकर अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति की पत्नी हिलेरी क्लिंटन का नाम तक शामिल है. जयपुर में आयोजित हुए राइजिंग राजस्थान इन्वेस्टमेंट समिट में सीएम भजनलाल शर्मा ने पीएम मोदी के स्वागत में जो चंदन की तलवार भेंट की वह तलवार भी इसी जांगिड़ परिवार द्वारा तैयार की गई है. जांगिड़ परिवार के पवन जांगिड़ बताते हैं कि सवा तीन फीट लंबी इस चंदन की तलवार को तैयार करने में डेढ़ से दो साल तक का समय लग जाता है. चंदन की इस तलवार की खास बात ये है कि इस सवा तीन फीट लंबी तलवार में महाराणा प्रताप, पृथ्वीराज चौहान और शिवाजी की जीवनी दर्शायी गई है.
काष्ठ कलाकार मालचंद जांगिड़ चंदन पर बारीक कलाकारी के लिए जाने जाते थे. उन्हीं कलाकार की चौथी पीढ़ी चंदन पर कलाकृतियां उकेर रही है. चंदन के ये कलाकार विश्वविख्यात हैं. जो 11 बार राष्ट्रीय स्तर पर सम्मानित हो चुके हैं. चंदन के इन चित्रों की कला के मायने जब और भी गहरे हो जाते हैं जब उनकी चंदन पर उकेरी कलाकृतियां देश के प्रधानमंत्री, विदेशी राष्ट्राध्यक्ष को तोहफे में दे और उस तोहफे की चर्चा जब पूरी दुनिया में हो. जी हां प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी अपने हर विदेशी दौरे में और भारत आने वाले विदेशी मेहमानों को कुछ खास तोहफे देते हैं और उन तोहफे की चर्चा पूरी दुनिया में होती है. पीएम नरेंद्र मोदी अपने फ्रांस दौरे में राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों को चंदन से बना सितार भेंट किया था वहीं, इससे पहले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने जापानी पीएम को इसी परिवार द्वारा तैयार की गई चंदन की पंखी भेंट की थी.
राष्ट्रीय स्तर पर हो चुके हैं सम्मानितशहर के मशहूर चंदन कलाकार मालचंद जांगिड़ की चौथी पीढ़ी को यह कला विरासत में मिली. इस कला के दम पर इस परिवार ने अपना नाम लिम्का बुक ऑफ रिकॉर्ड में दर्ज करवा लिया है. काष्ठ कला के दम पर ही इस परिवार ने अब तक 11 राष्ट्रीय पुरस्कार हासिल किए हैं. चूरू में वर्तमान में तीन परिवार चंदन की लकड़ी पर अपनी कला उकेर रहे हैं.
देश ही नहीं विदेश में भी मुरीदचंदन की लकड़ी पर उकेरी गई इन कलाकृतियों के मुरीद देसी ही नहीं बल्कि विदेशी भी है. इस कला के चाहने वाले विदेशों और बड़े-बड़े शहरों में ज्यादा है. कलाकार पवन जांगिड़ बताते हैं कि वह अब तक देश के बड़े शहरों दिल्ली, मुंबई, जयपुर, उदयपुर, लखनऊ, अहमदाबाद में उनकी कला का एग्जीबिशन लग चुका है. यहां इनके खरीदार अधिक है. कलाकारों ने चंदन की लकड़ी पर देवी देवताओं के साथ ही देश की प्रमुख धरोहरों को भी उकेरा है. वीणा में मां सरस्वती, तानसेन, नाचते हुए गणेश, अकबर का दरबार, 9 रत्न, गांधी वॉच, लाल किला, इंडिया गेट, ताजमहल की, पणिहारी, महाराणा प्रताप की जीवनी, श्री कृष्ण लीला को उकेरा गया है.
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FIRST PUBLISHED : December 11, 2024, 11:44 IST