CM mangala animal insurance scheme animal insurance available for one year no need to pay premium amount

भीलवाड़ा. एक ग्रामीण के लिए उसका पशुधन सबसे बड़ी पूंजी होती है और पशुधन यानी की गाय, भैंस, बकरी, भेड़, ऊंट और बेल के माध्यम से ही उसकी आमदनी होती है और खेत खलियान खिलते हैं. ऐसे में अपने परिवार के समान उनकी वह पूरी देखभाल करते हैं. पशुपालकों को कोई परेशानी ना हो, इसके लिए सरकार ने बीमा योजना की शुरूआत की है.
प्रदेश सरकार ने मुख्यमंत्री मंगला पशु बीमा योजना शुरू कर दी है. ऐसे में पशुओं की अकाल मृत्यु पर पशुपालकों को बीमा क्लेम मिलने से आर्थिक राहत मिलेगी. योजना के तहत ऑनलाइन पंजीयन शुरू हो गए हैं. जिसकी अंतिम तिथि 12 जनवरी होगी. जनाधार कार्ड धारक पशुपालकों के पशुओं का एक साल के लिए निःशुल्क बीमा होगा. यानि उन्हें प्रीमियम देने की आवश्यकता नहीं होगी.
इस तरह कराएं पशुधन का बीमा
पशुपालक अपने नजदीकी ई-मित्र या एमएमपीबीवाई एप के माध्यम से बीमा के लिए ऑनलाइन पंजीयन करा सकते हैं. प्ले स्टोर से एमएमपीबीवाई एप को डाउनलोड किया जा सकता है. पंजीयन के समय पशुपालक का जनाधार कार्ड, पशु का फोटो, पशुओं का टैग नंबर, आधार कार्ड से लिंक मोबाइल नंबर, जाति प्रमाणपत्र, गोपाल कार्ड व लखपति दीदी कार्ड (यदि कोई) साथ लेकर जाना होगा.
इन पशुओं का करा सकेंगे बीमा
पशुपालक अपनी गाय, भैंस, बकरी, भेड़, ऊंट का बीमा करा सकेंगे. एक पशुपालक के अधिकतम दो दुधारु पशुओं जैसे गाय और भैंस का बीमा हो सकेगा. जबकि भेड़-बकरी के दस-दस के ग्रुप को एक यूनिट माना जाएगा. इसी तरह एक पशुपालक अपने एक ऊंट का बीमा करा सकेगा. बीमा कराने के लिए गाय की उम्र 3 से 12 वर्ष, भैंस की 4 से 12 वर्ष, बकरी और भेड़ की उम्र एक से 6 वर्ष तथा ऊंट की उम्र 2 से 15 वर्ष होना आवश्यक होगा.
पशुपालन विभाग को बनाया नोडल एजेंसी
पशुपालकों को पशुधन की हानि होने पर आर्थिक रूप से सुरक्षा प्रदान करने के लिए योजना शुरू किया गया है. इसकी क्रियान्विति राज्य बीमा एवं प्रावधायी निधि विभाग करेगा. जबकि पशुपालन विभाग को नोडल एजेंसी बनाया गया है. बीमा केवल वे ही पशुपालक करा सकेंगे, जिनके पशुओं का अन्य किसी योजना में बीमा नहीं है और उनके पास जनाधार कार्ड है. बीमा में गोपाल क्रेडिट कार्ड धारक व लखपति दीदी पशुपालकों को योजना में चयन के लिए प्राथमिकता दी जाएगी. साथ ही अनुसूचित जाति और जनजाति के लिए क्रमशः 16 और 12 प्रतिशत आरक्षण का प्रावधान होगा. योजना में ऑफलाइन पंजीयन स्वीकार्य नहीं होगा.
40 हजार से अधिक नहीं होगी बीमा की राशि
बीमा एक वर्ष के लिए होगा. बीमा राशि का निर्धारण पशु की नस्ल, उम्र व दुग्ध उत्पादन क्षमता के आधार पर किया जाएगा. लेकिन, किसी भी स्थिति में बीमा की अधिकतम राशि 40 हजार रुपए से अधिक नहीं होगी. बीमा कराने वाले पशुओं की टैगिंग अनिवार्य होगी. बीमित पशु की मृत्यु होने पर पशुपालक को इसकी सूचना तुरंत बीमा विभाग को देनी होगी. बीमा प्रतिनिधि सर्वे तथा पशु चिकित्सक मृत पशु का पोस्टमार्टम परीक्षण कर सभी प्रक्रिया को निर्धारित ऐप में इंद्राज करेगा.
बीमा विभाग 21 दिन के अंदर मृत बीमित पशु की क्लेम राशि का भुगतान संबंधित पशुपालक को करेगा. योजना के तहत प्रदेश के 21 लाख पशुओं का बीमा होगा. इसमें 5-5 लाख दुधारू गाय व भैंस, 5-5 लाख भेड़ बकरी व एक लाख अंट शामिल हैं. यदि योजना में इनसे अधिक पशुओं के बीमे के लिए आवेदन आते हैं, तो लॉटरी के आधार पर पशुपालकों का चयन होगा.
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FIRST PUBLISHED : December 21, 2024, 15:28 IST