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युवाओं में कोलोन कैंसर के अलग संकेत, पेट के इस हिस्से में दर्द और मूवमेंट में परिवर्तन है रेड सिग्नल, इग्नोर करने पर घातक नुकसान

Colon Cancer Sign in Young: छोटी आंत के सबसे निचले हिस्से और गुदा मार्ग के अंदर होने वाले कैंसर को कोलोन कैंसर या रेक्टल कैंसर कहते हैं. कैंसर अपने आप में कितना खतरनाक है यह सब जानते हैं ही है. लेकिन सच यह है कि आजकल युवा भी कोलोन कैंसर की चपेट में तेजी से आने लगे हैं. ऐसे में एक हालिया रिसर्च में कहा गया है कि यंगर जेनरेशन में कोलोन कैंसर के लक्षण अलग तरह से दिखत हैं. रिसर्च में यह भी कहा गया कि यंगर जेनरेशन में हर साल 3.2 प्रतिशत की दर से कोलोन कैंसर बढ़ रहे हैं वहीं रेक्टर कैंसर के मामलों में युवाओं में 3.3 प्रतिशत की वृद्धि हर साल हो रही है.

ब्लीडिंग और पेट के मूवमेंट में बदलावताइवान के चांग गुंग मेमोरियल अस्पताल के शोधकर्ताओं ने यह स्टडी की है. इस स्टडी में पाया गया कि यंगर जेनरेशन के लोग खासकर जिनकी आयु 50 साल से कम है उनमें बेहद आक्रामक तरीके से कोलोन कैंसर के संकेत आते हैं. यंगर लोगों को यदि कोलोन कैंसर होता है रेक्टम यानी गुदामार्ग से तेज खून निकलता है और पेट के मूवमेंट में तेजी से बदलाव होने लगता है. इसके साथ ही पेट में भी दर्द होता है. आमतौर पर लोग इसे मामूली समझ लेते हैं लेकिन ऐसा करने पर घातक परिणाम सामने आ सकते हैं. इसलिए अगर युवाओं में ब्लीडिंग और पेट के मूवमेंट में बदलाव एक साथ दिखे तो तुरंत डॉक्टर से दिखाना चाहिए. अगर यह कोलोन कैंसर हुआ तो देर करने पर बेहद खराब स्थितियों का सामना करना पड़ सकता है.

कोलोन कैंसर के संकेत रिसर्च में यह भी कहा गया है कि यंगर जेनरेशन में कोलोन कैंसर के मामले तेजी से बढ़ते जा रहे हैं. हरेक साल कोलोन कैंसर में 3.2 प्रतिशत की वृद्धि हो रही है जबकि रेक्टल कैंसर में 3.3 प्रतिशत के तेजी आ रही है. ऐसे में युवाओं में कोलोन कैंसर को लेकर भारी जागरूकता की दरकार है. इंडियन एक्सप्रेस की खबर में कैंसर स्पेशलिस्ट डॉ. भारथ जी बताते हैं कि कोलोन कैंसर के मामले में देरी बिल्कुल नहीं करनी चाहिए. खासकर अगर रेक्टल ब्लीडिंग हो रही है तो तुरंत डॉक्टर के पास जाए इसे बवासीर समझने की गलती न करें. हो सकता है कि यह पाइल्स हो, इसके बावजूद आपको डॉक्टर से दिखाना चाहिए. कोलोन कैंसर के मामले में बार-बार रेक्टल ब्लीडिंग होती है. इसके साथ ही स्टूल में ब्लड या ब्लैक स्टूल पास होता है. पेट में दर्द और क्रैंप होता है, तेजी से वजन गिर जाता है और बहुत अधिक कमजोरी और थकान महसूस होती है. पेट में लगातार मूवमेंट में बदलाव होता रहता है. स्टूल पेंसिल की तरह पतला बनकर निकलता है.

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FIRST PUBLISHED : November 22, 2024, 20:47 IST

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