Rajasthan

खेती करते समय दुर्घटना में रीढ़ की हड्डी टूटने या सिर पर चोट से कोमा में जाने पर मिलेगा मुआवजा

सिरोही : अगर खेती करते समय किसान के साथ कोई हादसा हो जाता है और उसमें अंग भंग होने या मृत्यु होने पर सरकार द्वारा राजीव गांधी कृषक साथी सहायता योजना के तहत निर्धारित सहायता राशि दी जाती है. राज्य सरकार द्वारा इस योजना में किसी किसान के खेती के दौरान दुर्घटना में रीढ़ की हड्डी टूटने और सिर पर चोट से कोमा में जाने की स्थिति बनने पर किसान को मिलने वाली सहायता राशि को बढ़ा दिया गया है. पहले योजना में 50 हजार की सहायता राशि मिलती थी. जिसे बढ़ा कर कृषि विभाग ने 2 लाख कर दिया है.

राजीव गांधी कृषक साथी सहायता योजना वर्ष-2009 में शुरू की गई थी. जिसमें वर्ष 2013-14 में संशोधन किए गए थे. योजना के तहत किसान और खेतीहर मजदूर मंडी परिसर में कार्यरत हमाल भी पात्र है. कृषि कार्य करते समय दुर्घटना में मौत होने या अंग भंग होने पर इस योजना के तहत सहायता राशि दी जाती है.

इन दुर्घटनाओं में​ मिलती है सहायता राशि  योजना में मजदूरों द्वारा कृषि कार्य में कृषि यंत्रों का उपयोग करते समय, सिंचाई कार्य के दौरान कुआं खोदते समय या ट्यूबवेल स्थापित करते समय, ट्यूबवेल संचालित करते सयम बिजली का करंट लगने या खेत में गुजरने वाली विद्युत लाइन के क्षतिग्रस्त होने से मृत्यु या अंग भंग होने पर इस योजना में शामिल किया जाता है. किसान के खेतों में फसलों, फल, सब्जियों पर रासायनिक दवाइयों के छिड़काव के समय मौत होने या मुख्य मंडी यार्ड, उप मंडी यार्ड और राज्य सरकार द्वारा समय-समय पर घोषित क्रय केंद्रों पर कृ​षि यंत्रों का उपयोग करते समय दुर्घटना समेत अन्य मामलों को शामिल किया गया है.

मौत होने पर 2 लाख तक का प्रावधान   नए संशोधन के बाद दुर्घटना में मृत्यु होने या रीठ की हड्डी टूटने या सिर पर चोट से कोमा में जाने पर 2 लाख रुपए की सहायता राशि दी जाती है. इसके अलावा दो अंगों जैसे दोनों हाथ, दोनों पैर, दोनों आंख या कोई एक अंग के क्षतिग्रस्त होने पर 50 हजार रुपए, पुरुष या महिला के सम्पूर्ण सिर के बालों की डी स्केल्पिंग होने पर 40 हजार रुपए, पुरुष या महिला के सिर के बालों के आंशिक भाग की डी स्केल्पिंग होने पर 25 हजार रुपए, एक अंग जैसे एक हाथ, एक पैर, आंख, पंजा, बाह आदि अंग भंग होने पर 25 हजार, चार अंगुली कटने पर 20 हजार आदि सहायता राशि का प्रावधान है.

ऐसे करें आवेदन  दुर्घटना होने की 6 महीने की अवधि में सम्बंधित मंडी समिति कार्यालय में आवेदन पत्र प्रस्तुत  करना होता है. इस अवधि के बाद प्राप्त आवेदन पर विचार नहीं किया जाता है. योजना के तहत दुर्घटना में मृत्यु होने पर संबंधित स्थानीय पुलिस स्टेशन में दर्ज एफआईआर और पोस्टमार्टम रिपोर्ट के आधार पर सहायता राशि दी जाती है. दुर्घटना में अंग भंग की स्थिति में स्थानीय सरकारी या निजी अस्पताल जहां से भी इलाज करवाया गया है, उस चिकित्सक का प्रमाण पत्र, इलाज की पर्ची आदि दावा प्रपत्र के साथ संलग्न की जाती है.

Tags: Local18, Rajasthan news, Sirohi news

FIRST PUBLISHED : November 1, 2024, 22:53 IST

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