इस युवक ने बनाया पंचर निकालने का चलता-फिरता जुगाड़, 10-12 किलोमीटर एरिया में देते हैं सर्विस

रविन्द्र कुमार/झुंझुनूं : झुंझुनू के तीन नंबर रोड पर पशु अस्पताल के पास एक युवक ने अनोखा जुगाड़ बनाया है. इस जुगाड़ से गाड़ियों में पंचर निकलने का काम किया जाता हैं. यह अनोखा जुगाड़ झुंझुनू के रहने वाले विक्की चला रहे हैं. अक्सर ऐसे जुगाड़ पर हमें गन्ने का रस बिकता हुआ नजर आता है, लेकिन विक्की ने इस जुगाड़ पर अपनी पंचर की दुकान फिट करवाई है. अब वह झुंझुनू के 10 किलोमीटर के आसपास के क्षेत्र में 24 घंटे वह अपनी सेवाएं दे रहे हैं.
विक्की ने बताया कि इस जुगाड़ को बनवाने से पहले उनकी पंचर की दुकान थी. एक दिन उन्होंने यूटयूब पर गन्ने का जूस निकलने वाले जुगाड़ बनने का विडियो देखा.तब उन्होंने जुगाड़ बनाने वालों से बात की और दो महीने पहले पंजाब से यह जुगाड़ बनवाया. जुगाड़ में हवा भरने का पूरा सिस्टम है साथ ही पंचर निकलने का सारा सामान इसी में रखते हैं. इस जुगाड़ को बनवाने के लिए दो से ढाई लाख रुपए का खर्चा लगा. उन्होंने बताया की उसने बहुत से लोगों को रात में परेशान होते देखा है तो उनकी परेशानी को दूर करने के लिए उन्होंने यह जुगाड़ बनवाया.
24 घंटे निकालते हैं पंचर
विक्की ने बताया की गाडियों की पंचर निकालने का एक मात्र ऐसा जुगाड़ है जो अब 24 घंटे पंचर निकालने का काम करता है. पंचर निकालने के चार्ज के बारे में जानकारी देते हुए बताया कि पंचर निकालने का चार्ज भी साधारण ही रहता है. बाइक और कार पंचर के 50 रुपए तथा बड़े ट्रक के 150 रुपए पंचर के लगते हैं. इसके अलावा जितनी दूर जाते हैं उसके तेल के पैसे लिए जाते हैं.
2003 से कर रहे पंचर निकालने का काम
इसके अलावा विक्की ने बताया की विकलांग की गाड़ी और 108 एम्बुलेंस झुंझुनू के 10 से 12 किलोमीटर के एरिया में कहीं भी पंचर की वजह से रुक गई है तो वे खुद अपनी गाड़ी से उसकी पंचर निकल के आते है. इसका कोई भी चार्ज नहीं लेते हैं चाहे वह दिन हो या रात.उन्होंने बताया की वे 2003 से पंचर निकलने का काम कर रहे हैं. विक्की ने बताया की दिन में कम से कम 5 से 6 कॉल आ जाते हैं. जबकि रात में 10 से 12 कॉल आते हैं.
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FIRST PUBLISHED : February 21, 2024, 22:20 IST