Rajasthan

Congress also opened front against Arvind Kejriwal in Tejinder case | तेजिंदर मामले में Congress ने भी खोला अरविंद केजरीवाल के खिलाफ मोर्चा, जानिए क्या है कानून

हाल ही में जिग्नेश मेवाणी की हुई थी अंतरराज्यीय गिरफ्तारी बता दें कि अंतरराज्यीय गिरफ्तारी का यह पहला मामला नहीं है कुछ दिन पहले ही गुजरात के विधायक जिग्नेश मेवाणी को देर रात असम पुलिस ने उनके गृह राज्य से गिरफ्तार किया और पूर्वोत्तर राज्य ले गई। उनकी गिरफ्तारी पीएम मोदी को लेकर किए गए एक कथित पोस्ट पर ही हुई थी। हालांकि, मेवाणी को बाद में जमानत दे दी गई। वहीं से लौटकर , जिग्नेश ने ट्वीट किय था – असम से वापस आकर माँ से मिला। साथियों ने बताया की कैसे असम में मेरी बेबुनियाद गिरफ़्तारी के बाद मेरी माँ भी सड़कों पर सबके साथ विरोध प्रदर्शन पर भी बैठती थी – बिना डरे, बिना किसी घबराहट के।

अतंरराज्यीय गिरफ्तारी पर कोर्ट भी दे चुका है निर्देश

बहुत पहले की बता नहीं हैं, करीब दो साल पहले ही दिसंबर 2019 में दिल्ली पुलिस और उत्तर प्रदेश पुलिस को दिल्ली उच्च न्यायालय ने अंतर-राज्यीय गिरफ्तारी (Inter State Arrest) को लेकर कुछ दिशा-निर्देश दिए थे, जो इस प्रकार हैं-

1. दूसरे राज्य का दौरा – सर्च या गिरफ्तारी करने से पहले, पुलिस अधिकारी को उस स्थानीय पुलिस स्टेशन से संपर्क स्थापित करने का प्रयास करना चाहिए जिसके अधिकार क्षेत्र में उसे जांच करनी है। उसे शिकायत की एफआईआर और राज्य की भाषा में अन्य दस्तावेज साथ ले जाने चाहिए।
2. जिस इलाके में जांच करनी है वहां जाने के बाद स्थानीय पुलिस स्टेशन से संपर्क करना जरूरी है। वहां डायरी में एंट्री भी होनी चाहिए। साथ ही संबंधित पुलिस स्टेशन उन्हें सभी कानूनी सहायता मुहैया कराएगा।
3. पुलिस को गिरफ्तार व्यक्ति को यह मौका जरूर देना चाहिए कि वो अपने वकील से एक बार बात कर ले।
अपने राज्य में वापस लौटते समय पुलिस अधिकारी को स्थानीय पुलिस स्टेशन की दैनिक डायरी में गिरफ्तार व्यक्ति का नाम, पता, सारी डिटेल्स दी जानी चाहिए। अगर उसके पास से कोई वस्तु बरामद हुई है तो उसको भी दर्ज करना जरूरी है।
4. यदि गिरफ्तार व्यक्ति को ऐसी जगह ले जाया जा रहा है, जहां उसका कोई परिचित ना हो, तो उसको अपने साथ परिवार के सदस्य या परिचित को साथ ले जाने की अनुमति है। ताकि वह उसके लिए कानूनी व्यवस्था कर सके।

5. गिरफ्तार व्यक्ति को 24 घंटे के अंदर मजिस्ट्रेट के सामने पेश करना जरूरी है। जहां तक बग्गा की गिरफ्तारी का मामला है तो दिल्ली पुलिस का आरोप है कि पंजाब पुलिस ने दिशा-निर्देशों का पालन नहीं किया। वहीं, पंजाब पुलिस का दावा है कि सभी नियमों का पालन किया गया है।

कांग्रेस नेता नवजोत सिंह सिद्धू ने किया तेजिंदर बग्गा का समर्थन कांग्नेस के फायरब्रांड नेता नवजोत सिंह सिद्धू , जो खुद कई बार विवादित बयान दे चुके हैं, ने कहा है, “तेजिंदर बग्गा अलग पार्टी से हो सकते हैं और वैचारिक मतभेद हो सकते हैं, लेकिन राजनीतिक प्रतिशोध के लिए अरविंद केजरीवाल और भगवंत मान ने पंजाब पुलिस के माध्यम से हिसाब चुकता करने के लिए जो किया वो बहुत बड़ा पाप है। पंजाब पुलिस का राजनीतिकरण कर उसकी छवि खराब करना बंद करें।”

promod_tweet.jpgबंदर के हाथ उस्तरा, गृहमंत्री भी होते जेल में: बोले कांग्रेस के वरिष्ठ नेता

बीजेपी ने तो बग्गा की गिरफ्तारी को राजनीति से प्रेरित बताया ही है। इस मुद्दे पर कांग्रेस नेता आचार्य प्रमोद कृष्णन ने भी आप नेता केजरीवाल पर गंभीर आरोप लगाए हैं। कृष्णन ने कहा है कि कोई विरोधी पार्टी का नेता किसी दूसरे के राज्य में जाएगा तो उसे गिरफ्तार कर लेंगे क्या? उन्होंने तो यहां तक कहा कि शुक्र मनाओ अरविंद केजरीवाल के हाथों में दिल्ली पुलिस नहीं है वरना वो प्रधानमंत्री पर मुकदमा कर देते, गृहमंत्री को बंद करवा देते। कहा कि सरकारों का एक्ट सरकार जैसा नहीं लग रहा। पंजाब पुलिस यूं आकर बीजेपी नेता को आतंकवादी की तरह गिरफ्तार कर ले गयी और दिल्ली पुलिस ने भी आनन-फानन में मुकदमा दर्ज कर लिया। आचार्य कृष्णन ने सीएम केजरीवाल पर तंज कसते हुए कहा कि ऐसा लगता है, जैसे बंदर के हाथ उस्तरा आ गया है। वो किसी का भी नाक-कान काट लेगा और खुद भी लहुलुहान हो जाएगा।

पीएम मोदी और गृहमंत्री अमित शाह भी करते हैं बग्गा को ट्विटर पर फॉलो तेजिंदर बग्गा का नाम कोई पहली बार चर्चा में नहीं आया है। इसके पहले भी ये नाम कई बार विवादों में आ चुका है। बग्गा ने 16 साल की उम्र में ही उन्होंने राजनीति में कदम रख दिया था। बग्गा ट्विटर पर काफी सक्रिय रहते हैं। वे उन नेताओं में हैं जिन्हें पीएम मोदी और गृहमंत्री अमित शाह समेत कई भाजपा के मंत्री भी ट्विटर पर फॉलो करते हैं।

कभी केजरीवाल टीम का हिस्सा थे तेजिंदर बग्गा वे अन्ना आंदोलन के समय केजरीवाल टीम का भी हिस्सा थे। इसके बाद भारतीय जनता युवा मोर्चा के कार्यकर्ता के रूप में काम किया और इसके बाद भगत सिंह क्रांति सेना का एक संगठन भी बनाया। बग्गा का नाम कई विवादों से जुड़ा है उन्होंने ‘द कश्मीर फाइल्स’ को लेकर दिल्ली सीएम अरविंद केजरीवाल के बयान पर बवाल मचा दिया था और उनकी अगुआई में सीएम के घर के बाहर प्रदर्शनकारियों ने तोड़-फोड़ की। इसके अलावा, वे राजीव गांधी पर टिप्पणी से लेकर एडवोकेट और आप नेता रह चुके प्रशांत भूषण को थप्पड़ मारने तक कई विवादों के कारण चर्चाओं का हिस्सा रहे हैं।

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