Congress Candidates House Arrest Before The Third Phase Of Polling – तीसरे चरण के मतदान से पहले कांग्रेस प्रत्याशियों की बाड़ाबंदी, विधायकों ने संभाला मोर्चा

– जहां दो चरणों के मतदान हुए, उन क्षेत्रों में स्थानीय स्तर पर ही हुई बाड़ाबंदी, 6 सितंबर तक बाड़ाबंदी में ही रहेंगे कांग्रेस के प्रत्याशी, मतदान के बाद तीसरे चरण के प्रत्याशियों की भी होगी बाड़ाबंदी, निर्दलीय और बागी प्रत्याशी भी कांग्रेस विधायकों के संपर्क में, पीसीसी से कांग्रेस विधायकों को मिला 6 जिलों में प्रमुख बनाने का टास्क, पंचायत जिला परिषद चुनाव में कांग्रेस के 6 मंत्रियों और 22 कांग्रेस विधायकों की साख का सवाल
फिरोज सैफी/जयपुर।
प्रदेश 6 जिलों में हो रहे पंचायत और जिला परिषद चुनाव तीसरे चरण के चुनाव संपन्न होने से पहले ही सत्तारूढ़ कांग्रेस ने प्रशिक्षण के नाम पर अपने पंचायत समिति सदस्यों और जिला परिषद सदस्यों के प्रत्याशियों की बाड़ाबंदी कर दी है। प्रदेश के 6 जिलों जयपुर, जोधपुर, दौसा, सवाई माधोपुर, भरतपुर और सिरोही जिले में जहां-जहां पर दो चरणों के चुनाव संपन्न हो चुके हैं वहां पर कांग्रेस ने अपने प्रत्याशियों की बाड़ाबंदी कर दी है। बुधवार को तीसरे चरण का चुनाव संपन्न होने के बाद तीसरे चरण के प्रत्याशियों की भी बाड़ाबंदी की तैयारी है। कांग्रेस प्रत्याशियों की बाड़ाबंदी जिला प्रमुख और प्रधान बनाने को लेकर है।
विधायकों के हाथों में बाड़ाबंदी की कमान
बताया जाता है कि पंचायत चुनाव वाले प्रदेश के 6 जिलों में जहां पंचायत और जिला परिषद चुनाव के दो चरण पूरे हो चुके हैं वहां पर कांग्रेस और कांग्रेस समर्थित निर्दलीय विधायकों ने बाड़ाबंदी की कमान अपने हाथों में ले रखी है और जहां पर कांग्रेस के विधायक नहीं हैं वहां पर कांग्रेस के जिला प्रभारियों और स्थानीय नेताओं को बाड़ाबंदी का टास्क दिया गया है।
बाड़ाबंदी के तहत कांग्रेस प्रत्याशियों को सुरक्षित जगह पर ठहराया गया है। हालांकि कांग्रेस प्रत्याशियों को संबंधित जिलों में ही गुप्त जगह पर विधायकों ने ठहराने की व्यवस्था की है। इनमें कई फॉर्म हाउस और लग्जरी रिसोर्ट्स भी शामिल हैं।
बाड़ाबंदी को इतना गोपनीय रखा गया है कि कांग्रेस विधायकों ने अपने विश्वस्त लोगों को ही बाड़ाबंदी की व्यवस्था संभालने की जिम्मेदारी दी है, जबकि कांग्रेस के जिला प्रभारियों को प्रत्याशियों बाड़ाबंदी से दूर रखा गया है।
6 सितंबर तक बाड़ाबंदी में रहेंगे प्रत्याशी
कांग्रेस के प्रत्याशी अब 6 सितंबर तक बाड़ाबंदी में रहेंगे। 6 सितंबर को जिला प्रमुख और प्रधान के चुनाव के लिए मतदान होना है। ऐसे में प्रत्याशियों को बाड़ाबंदी से सीधे सीधे मतदान स्थल लाया जाएगा और कांग्रेस के जिला प्रमुख प्रत्याशी को वोट करवाया जाएगा। सूत्रों की माने तो जैसे ही बुधवार को तीसरे चरण का मतदान संपन्न होगा तो इन प्रत्याशियों को भी सीधे बाड़ाबंदी में भेजा जाएगा।
निर्दलीय और बागियों से भी संपर्क
बताया जाता है कि कांग्रेस और कांग्रेस समर्थित विधायकों ने कांग्रेस के बागियों और निर्दलीय प्रत्याशियों से भी संपर्क साध रखा है। 4 सितंबर को जैसे ही पंचायत समिति सदस्य और जिला परिषद सदस्य के चुनाव परिणाम आने शुरू होंगे वैसे पंचायतों जिला परिषद चुनाव में जीत दर्ज करने वाले बागी और निर्दलीय प्रत्याशियों को भी कांग्रेस विधायक अपने साथ बाड़ाबंदी में ले जाने के प्रयास करेंगे।
6 जिलों में जिला प्रमुख बनाने का टास्क
सूत्रों की माने तो कांग्रेस के विधायकों को 6 जिलों में जिला प्रमुख और ज्यादा से ज्यादा प्रधान बनाने का टास्क प्रदेश कांग्रेस नेतृत्व की ओर से दिया गया है। यही वजह है कि टिकट वितरण से लेकर बाड़ाबंदी तक में विधायकों को फ्री एंड दिया गया है।
प्रशिक्षण के नाम पर बाड़ाबंदी
हालांकि बाड़ाबंदी के पीछे प्रदेश कांग्रेस नेताओं की ओर से तर्क यह दिया जा रहा है कि यह बाड़ाबंदी नहीं बल्कि ट्रेनिंग कैंप है, जहां पर कांग्रेस प्रत्याशियों को जिला प्रमुख और प्रधान के चुनाव में किस प्रकार से वोट करना है उसकी ट्रेनिंग दी जाएगी।
6 मंत्रियों और 22 कांग्रेस विधायकों की साख का सवाल
प्रदेश के 6 जिलों में तीन चरणों में हो रहे जिला परिषद और पंचायत चुनाव में सत्तारूढ़ कांग्रेस के 6 मंत्रियों और 22 विधायकों की साख दांव पर लगी हुई है। इन 6 जिलों में गहलोत सरकार के मंत्री लालचंद कटारिया, राजेंद्र यादव, परसादी लाल मीणा ,ममता भूपेश, सुभाष गर्ग और भजन लाल जाटव की साख दांव पर है। इसके अलावा विश्वेंद्र सिंह, जाहिदा खान, इंद्राज गुर्जर, आलोक बेनीवाल, गोपाल मीणा, बाबूलाल नागर, वेद प्रकाश सोंलकी, लक्ष्णण मीणा, अमर सिंह जाटव, वाजिब अली, जोगिंदर अवाना, मुरारी लाल मीणा, जी आर खटाणा, दानिश अबरार, इंद्रा मीणा, अशोक बैरवा, किशनाराम विश्नोई, महेंद्र विश्नोई, हीरालाल मेघवाल, मीना कंवर, दिव्या मदेरणा और संयम लोढ़ा की साख दांव पर है। ॉ