Rajasthan

Congress Chintan Shivir: Contemplation starts in Congress 13th may | Congress Chintan Shivir 2022 : सत्ता से जाते ही कांग्रेस में शुरू हो जाता है चिंतन, क्या गुल खिलाएगा उदयपुर मंथन

congress_chintan_shivir_history.jpgक्या मंथन से निकलेगा शिमला जैसा अमृत चिंतन शिवर के परिणामों की बात करें तो आरंभ के 1998 और 2003 के दो शिविर सफल कहे जा सकते हैं क्योंकि इसके बाद जो आम चुनाव 2004 में हुए उसमें कांग्रेस के नेतृत्व में गठबंधन सरकार का गठन हुआ था, जो लगातार एक दशक तक चली। गौर करने की बात ये है कि इस बीच कांग्रेस को किसी चिंतन शिविर की जरूरत नहीं पड़ी!
congress_chintan1.jpgपचमढ़ी शिविर को याद करने की है जरूरत बता दें, 1998 में, सोनिया गांधी के पार्टी अध्यक्ष के रूप में बागडोर संभालने के बाद मध्य प्रदेश के पचमढ़ी में 4 से 6 सितंबर के बीच इसी तरह का एक चिंतन शिविर आयोजित किया गया था। पचमढ़ी अधिवेशन में सोनिया गांधी ने अपने उद्घाटन भाषण में कहा था, “चुनावी उलटफेर अपरिहार्य हैं और अपने आप में चिंता का कारण नहीं हैं। लेकिन जो बात हमें परेशान करती है वह है हमारे सामाजिक आधार का क्षरण होना, उस सामाजिक गठबंधन का हमसे दूर जाना जो हमारा समर्थन करता है और हमारी ओर देखता है। यह भी चिंताजनक है कि पार्टी की भीतरी कलह हमारा इतना समय और ऊर्जा लेती है, जबकि इसे लोकप्रिय समर्थन और आमजन का भरोसा हासिल करने के लिए मिलकर काम करने के लिए इस्तेमाल किया जाना चाहिए।
कहने की जरूरत नहीं कि आज ये चुनौतियां कांग्रेस के सामने पहले से कहीं बहुत विकट हैं….देखना होगा कि आज से शुरू हो रहा कांग्रेस का चिंतन शिविर उसे सत्ता में लाता है या फिर कांग्रेस में चिंता के सुर तेज होते हैं। इस बार के चिंतन शिविर का खास बात ये बताई जा रही है कि इस बार 50 प्रतिशत से अधिक भागीदार युवा होने का दावा किया जा रहा है। देखना होगा कि इस शिविर में युवाओं की बात कितनी सुनी जाती है। सचिन पायलट जैसे नेता जरूर इस पर नजर रख रहे होंगे।

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