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सर्दियों में लौंग च्यवनप्राश का सेवन है वाकई कमाल, कई बीमारियों का काल, शरीर भी रखेगा गर्म – Jharkhand News

पलामू. ठंड के मौसम में शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता कमजोर पड़ने लगती है. सर्द हवा, कोहरा और तापमान में गिरावट के कारण सर्दी-खांसी, दमा, गले में खराश और सांस से जुड़ी समस्याएं आम हो जाती हैं. ऐसे समय में आयुर्वेद में च्यवनप्राश को संजीवनी माना गया है, जो शरीर को भीतर से गर्म रखता है, इम्युनिटी बढ़ाता है और मौसमी बीमारियों से बचाव करता है. नियमित व सीमित मात्रा में च्यवनप्राश का सेवन ठंड के मौसम में विशेष रूप से लाभकारी होता है.

लौंग च्यवनप्राश: प्राचीन ज्ञान का नया आविष्कारलौंग च्यवनप्राश एक अनोखा और दुर्लभ आयुर्वेदिक प्रयोग है, जिसकी जड़ें प्राचीन काल में मिलती हैं, लेकिन लंबे समय से इसका निर्माण बंद था. अब इसे फिर से तैयार कर एक नए आविष्कार के रूप में प्रस्तुत किया गया है. यह सामान्य च्यवनप्राश से अलग है, क्योंकि इसमें मुख्य घटक के रूप में लौंग का प्रयोग किया गया है, जो अपने औषधीय गुणों के लिए प्रसिद्ध है. ये पलामू जिले के आयुर्वेद के जानकर शिव कुमार पांडे ने दावा किया है.

सांस और गले की समस्याओं में अचूक उपायलौंग च्यवनप्राश की सबसे बड़ी विशेषता यह है कि यह सांस संबंधी समस्याओं में त्वरित राहत देता है. पुरानी खांसी, दमा, कंठ अवरोध और सांस लेने में होने वाली परेशानी में यह अत्यंत लाभकारी बताया गया है. इसके सेवन से गला साफ होता है और सांस की नलियों में जमी रुकावट दूर होती है.

उन्होंने कहा कि यह च्यवनप्राश मुंह में रखते ही लौंग की सुगंध से भर जाता है, जिससे यह एक प्राकृतिक माउथ फ्रेशनर के रूप में भी काम करता है. मुंह की दुर्गंध, मसूड़ों की समस्या और अन्य मुख संबंधी विकारों में यह उपयोगी माना गया है.

रक्तसंचार, गठिया और हृदय के लिए लाभकारीलौंग च्यवनप्राश की एक खास विशेषता यह बताई जाती है कि यह रक्त को पतला कर रक्तसंचार को सुचारु बनाए रखता है. आयुर्वेदिक जानकार शिव कुमार पांडे के अनुसार रक्तसंचार बाधित होने से गठिया, साइटिका, लकवा जैसी समस्याएं उत्पन्न होती हैं, जिनमें यह च्यवनप्राश सहायक हो सकता है. हृदय संबंधी समस्याओं की आशंका रखने वालों के लिए भी इसे लाभकारी माना गया है.

निर्माण प्रक्रिया, सेवन विधि और मूल्यपलामू जिले के आयुर्वेद विशेषज्ञ शिव कुमार पांडे के अनुसार, लौंग च्यवनप्राश लौंग के सत्व और अंजीर के सत्व से तैयार किया जाता है. इसके निर्माण में 2.5 से 3 महीने का समय लगता है और कई कठिन प्रक्रियाओं से गुजरना पड़ता है. वयस्कों के लिए इसकी मात्रा 1 से 2 ग्राम तथा बच्चों के लिए आधा ग्राम बताई गई है. इसकी प्रकृति गर्म होने के कारण मौसम परिवर्तन पर सेवन कम करने की सलाह दी जाती है. इसकी कीमत 8000 रुपये प्रति किलो है और इसे 8789101495 पर संपर्क कर प्राप्त किया जा सकता है.

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