Such roofs are built today to avoid heat in rural areas
रिपोर्ट- पीयूष पाठक
अलवर. जिले में गर्मी के दिनों की शुरुआत हो चुकी है. गर्मी को देखते हुए घरों में पंखे चलने लगे हैं. लेकिन गांवों में आज भी लोग गर्मी से बचने के लिए लकड़ी से बने जुगाड़ का सहारा लेते हैं. इस जुगाड़ से गर्मी मे भी ठंडक का एहसास होता है. गांवों में य़ह बहुत समय से चल रहे है. लोग इस लकड़ी की झोपड़ी में चौपाल लगाते हुए दिखाई पड़ते हैं.
पूले का बनाते हैं छप्पर
आपके शहर से (अलवर)
ग्रामीण इलाकों में लोग चार बांस पर एक छप्पर बनाते हैं. इस छप्पर में गर्मी आते ही रौनक दिखाई देती है. लोग बाग यहां आराम करते हुए दिखाई पड़ते हैं. बुजुर्ग लोग इसमें अपना समय व्यतीत करते हैं व ताश खेलते हुए दिखाई पड़ते हैं. पूले जंगलों में अपने आप उगते हैं. इसके बाद ग्रामीण इन्हें तोड़कर छप्पर बनाने के लिए काम में लेते हैं. पहले के जमाने में गांव के हर घर के आसपास यह छप्पर दिखाई देता. अब इनमें कमी आई है लेकिन,लोग अभी इनमें आराम फरमाते हुए नजर आते हैं.
रामगढ़ तहसील के जुगरावर का बास गांव के फूलचंद ने बताया कि यह छप्पर काफी सालों तक चलता है. इसमें बांस के ऊपर जंगल से लकड़ी लाकर बनाया जाता है. इसे बनाने में कोई परेशानी नहीं है. इसका फायदा यह है कि इसमें गर्मियों के समय में ठंडक मिलती है. गांव वासी यहां आकर एक साथ बैठकर गप्पे लड़ाते हैं और समय व्यतीत करते हैं. आजकल इन्हें गांव में छोटी-छोटी दुकान वालों ने भी लगाना शुरू किया है. जिससे धूप से बचाव हो सके व आने वाले लोगों को गर्मी में ठंडक का एहसास हो. हमारे गांव में करीब 35 से 40 ऐसे छप्पर होंगे जिनमें लोग गर्मियों में आकर इनमें आराम करते हैं.
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Tags: Alwar News, Rajasthan news
FIRST PUBLISHED : March 14, 2023, 15:31 IST