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नई दिल्ली. भारत में कोरोना वायरस से लड़ने के लिए वैक्सीन की तीसरी डोज (Covid-19 Vaccine Third Dose) 10 जनवरी से दी जाएगी. पीएम मोदी (PM Modi) ने पिछले ही दिनों इसे प्रीकॉशन डोज (Precaution Dose) का नाम दिया था. दूसरे देशों में इसे बु्स्टर डोज (Booster Dose) के तौर पर जाना जा रहा है. भारत में यह तीसरी डोज फिलहाल सिर्फ फ्रंटलाइन वर्कर्स, हेल्थकेयर वर्कर्स और गंभीर बीमारियों से जूझ रहे 60 साल से ऊपर के बुजुर्गों को लगाई जाएगी. हालांकि, बुजुर्गों के लिए तीसरी खुराक को वैकल्पिक किया गया है. ऐसे में लोगों के मन में यह सवाल उठ रहा है कि क्या बुस्टर डोज या प्रीकॉशन डोज अलग वैक्सीन होगी? बता दें कि अमेरिका, यूरोप सहित दुनिया के सभी देशों का ध्यान नए साल में बुस्टर डोज पर ही है. ज्यादातार देशों में लोगों को पहले दोनों डोज से अलग वैक्सीन दी जा रही है.
गौरतलब है कि भारत में कोरोना का यह टीका लोगों को कब दिया जाए, किसे पहले मिले और कौन सा वैक्सीन मिले इसको लेकर एक्सपर्ट्स चर्चा कर रहे हैं. ओमिक्रॉन के बढ़ते मामले के बीच भारत सरकार ने अब एहतियातन एक और टीका देने का प्लान तैयार कर लिया है. एक्सपर्ट की मानें तो भारत में बुस्टर डोज या प्रीकॉशन डोज अलग वैक्सीन की होगी. जैसे अगर आपने पहली दो डोज कोवैक्सीन की लगाई है तो तीसरी डोज कोविशील्ड की लगानी होगी. इसी तरह अगर आपने पहली दो डोज कोविशील्ड की लगाई है तो तीसरी डोज कोवैक्सीन की होनी चाहिए.
क्या तीसरी डोज के बजाए टीकाकरण की दूसरी खुराक पर ध्यान देने की जरूरत है? (Image: Shutterstock)
क्या कहते हैं एक्सपर्ट
कुछ एक्सपर्ट्स का मानना है कि जिस व्यक्ति को जिस वैक्सीन की पहली दो डोज लगाई गई है, उसी वैक्सीन की तीसरी डोज भी लगाई जानी चाहिए. केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय की सूत्रों की मानें तो कोरोना की तीसरी खुराक को लेकर व्यापक विचार-विमर्श हुआ है. खासकर फ्रंटलाइन वर्कर्स और 60 साल से अधिक उम्र के लोगों को कोविड टीका का तीसरा डोज दिया जाएगा. भारतीय आयुर्विज्ञान अनुसंधान परिषद के महानिदेशक डॉ बलराम भार्गव ने कहा है कि केंद्र सरकार 10 जनवरी से पहले इसको लेकर स्पष्ट सिफारिशें जारी करेंगी.
बुस्टर खुराक में कौन देश सबसे आगे
वहीं, कुछ एक्सपर्ट्स मानते हैं कि बूस्टर खुराक देने में हमलोगों को अमेरिका का अनुसरण नहीं करना चाहिए. हमें तीसरी डोज के बजाए टीकाकरण की दूसरी खुराक पर ध्यान देने की जरूरत है. बूस्टर खुराक से हमारे सामूहिक टीकाकरण कार्यक्रम में बाधा आ सकती है, जिसे हम सहन नहीं कर सकते.
कोरोना की तीसरी खुराक दूसरी खुराक दिए जाने की तारीख से 9 महीने पूरे होने पर ही दी जाएगी.
मिक्स वैक्सीन दी जाए या पहली वाली है वैक्सीन मिले?
हालांकि, कोरोना की तीसरी खुराक दूसरी खुराक दिए जाने की तारीख से 9 महीने पूरे होने पर ही दी जाएगी. केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय अगले एक-दो दिनों में लोगों को मिक्स वैक्सीन दी जाए या पहली वाली है वैक्सीन मिले. इसको लेकर फैसला करने जा रही है. स्वास्थ्य मंत्रालय के एक वरिष्ठ अधिकारी के मुताबिक, ‘दूसरे देशों में मिक्सिंग वैक्सीन के अच्छे परिणाम आ रहे हैं. अगर किसी को उसी वैक्सीन की अतिरिक्त डोज दी जाए तो उसके परिणाम उतने अच्छे नहीं आते. दूसरे देशों में मिक्सिंग के अच्छे नतीजे मिलने पर भारत में भी इसे लागू करने में कोई परेशानी नहीं आनी चाहिए, क्योंकि हमारे पर दो-तीन तरह की वैक्सीन पहले से ही है और उसके नतीजे भी अच्छे आए हैं.
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बता दें कि भारत में तीसरी डोज का यह फैसला कोरोना वायरस के ओमीक्रोन स्वरूप से जुड़े कोविड मामले बढ़ने के बीच आया है. दुनिया के दूसरे देशों ने भी बढ़ते संक्रमण को रोकने के प्रयास में सभी वयस्कों के लिए कोविड बूस्टर शॉट शुरू कि हैं. केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री मनसुख मंडाविया ने पिछले दिनों कहा था कि बूस्टर खुराक पर निर्णय केवल विशेषज्ञ की सिफारिश के आधार पर ही लिया जाएगा.
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