Crop Damage: आज ही अपनाएं ये तरीका, सर्दी से नहीं होगी फसल की बर्बादी, कम लागत में मिलेगा ज्यादा रिटर्न

बाड़मेर. सर्दी के मौसम में किसानों को दोहरी मार झेलनी पड़ती है. जहां एक ओर किसानों को बुवाई की चिंता सताती है तो वहीं पाले से होने वाली नुकसान को लेकर किसान बहुत चिंतित रहते हैं. सरहदी बाड़मेर में इन दिनों शीतलहर का मौसम चल रहा है और आने वाले समय में ठंड का प्रकोप और बढ़ने वाला है. इस साल मौसम वैज्ञानिकों ने लंबे समय तक जाड़े का असर होने के साथ ही इसके अधिक पड़ने की संभावना भी जताई है. दिन-प्रतिदिन तापमान में आ रही कमी की वजह से फसलों में पाला पड़ने की संभावना अधिक रहती है.
पाले से होता है फसल को नुकसान अधिक सर्दी से फसलों की उत्पादकता पर विपरीत असर पड़ता है और कम उत्पादन प्राप्त होता है. इसलिए सर्दी के मौसम में फसलों को विशेष देखभाल की ज़रूरत होती है. फसलों को शीतलहर और पाले से बचाने के लिए किसानों को विशेष इंतजाम करने चाहिए जिससे फसल खराब नहीं हो. पाला पड़ने से गेंहू,सरसों, चना, इसबगोल, मेथी, जीरा सहित अन्य फसलों को काफी नुकसान पहुंचता है.
पाले की असर से बचाएगा धुंआ बाड़मेर कृषि अधिकारी बाबूराम राणावत ने लोकल18 से बातचीत करते हुए पाले से बचाव के लिए किसानों को वायु अवरोधक धुंआ करने की सलाह दी है. उन्होंने कहा कि सूखा खरपतवार और सुखी लकड़ियां हवा के विपरीत दिशा में जलाकर धुंआ करने से ठंड का असर कम रहता है. प्लास्टिक का पलवार का उपयोग करने से भी तापमान में 2-3 डिग्री सेल्सियस तक कमी रहती है.
प्लास्टिक टनल से ढ़ंकने पर दूर होगा पाले का असर उन्होंने कहा कि सल्फर का भुरकाव करने से भी पौधों में गर्मी बनी रहती है. इसके अलावा घुलनशील सल्फर 80 फीसदी डब्ल्यूडीजी की 40 ग्राम मात्रा को 15 लीटर पानी मे घोलकर छिड़काव करना चाहिए. इसके साथ ही पौधों की पत्तियों पर शाम के समय हल्की सिंचाई करनी चाहिए. इससे पौधे अव्यक्त गर्मी छोड़ते हैं, जिससे ठंड से बचाव किया जा सकता है. इसके साथ ही सब्जियों, फल-फूल और अन्य फसलों को प्लास्टिक टनल से ढ़ंकना चाहिए जिससे पाले का असर नही होगा.
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FIRST PUBLISHED : December 21, 2024, 13:27 IST