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CRPF Jawan Marriage to Pakistani Girl। सीआरपीएफ से बर्खास्त मुनीर अहमद ने पाकिस्तानी महिला से शादी छिपाने के आरोपों का खंडन किया.

‘मैंने सभी चैनल फॉलो किए थे. सारे कागजात और डॉक्यूमेंट देने के बाद ही मैंने पाकिस्तानी लड़की से शादी की थी. मुझे मीडिया के जरिए पता चला कि सेवा से बर्खास्त कर दिया गया है, उसके बाद ही कागज मिली. मैं कसम खाता हूं कोर्ट में चैलेंज करुंगा…’

ये कहना है सीआरपीएफ द्वारा बर्खास्त किए गए कश्मीरी नागरिक मुनीर अहमद का. दरअसल, उनको सेवा से बर्खास्त कर दिया गया है. उनको पाकिस्तानी महिला से अपनी शादी की बात छिपाने के आरोप लगा है. हालांकि, उन्होंने आरोपों का खंडन किया है.

अहमद का कहना है, ‘मैंने 31 दिसंबर, 2022 को पाकिस्तानी नागरिक से शादी करने की जानकारी पत्र भेजकर मुख्यालय को जानकारी दी थी. मुझे पासपोर्ट, विवाह कार्ड और हलफनामे की प्रतियां संलग्न करने जैसी औपचारिकताएं पूरी करने के लिए कहा गया. मैंने अपना हलफनामा और अपने माता-पिता, सरपंच और जिला विकास परिषद के सदस्य के हलफनामे भी जमा कराए थे. मुझे शादी के लिए 30 अप्रैल, 2024 को मुख्यालय से मंजूरी मिली.’

मुनिर ने कहा कि पिछले साल मुख्यालय से अनुमति मिलने के लगभग एक महीने बाद अपनी शादी की थी. समाचार एजेंसी पीटीआई के अनुसार उन्होंने कहा, ‘मुझे शुरुआत में मीडिया रिपोर्टों के ज़रिए अपनी बर्खास्तगी के बारे में पता चला. मुझे कुछ ही समय बाद सीआरपीएफ़ से एक पत्र मिला जिसमें मुझे बर्खास्तगी के बारे में बताया गया. यह मेरे और मेरे परिवार के लिए एक झटका था क्योंकि मैंने मुख्यालय से एक पाकिस्तानी महिला से शादी करने की अनुमति मांगी थी. मुझे अनुमति मिल गई थी.

मुनीर अहमद ने कहा कि हमने पिछले साल 24 मई को एक वीडियो कॉल के जरिए ऑनलाइन शादी की थी. इसके बाद, मैंने अपनी बटालियन में, जहां मैं तैनात था, वहां शादी की तस्वीरें, ‘निकाह’ के कागजात और विवाह प्रमाण पत्र जमा किए.

मुनीर अहमद ने कहा कि कि जब वह 28 फरवरी को पहली बार 15 दिन के वीजा पर आईं, तो हमने मार्च में ही long term वीजा के लिए आवेदन कर दिया था. इंटरव्यू सहित आवश्यक औपचारिकताएं पूरी कर ली थीं. उन्होंने इस बात पर प्रकाश डाला कि इससे जम्मू-कश्मीर और लद्दाख उच्च न्यायालय के लिए बुधवार को अंतिम समय में उनकी पत्नी के निर्वासन पर रोक लगाकर उन्हें राहत प्रदान करने का मार्ग प्रशस्त हुआ.

अहमद ने कहा कि वह अपनी छुट्टी की अवधि समाप्त होने पर अपने कर्तव्यों पर लौट आया. मुझे 25 मार्च को सुंदरबनी में बटालियन मुख्यालय में रिपोर्ट करने के लिए कहा गया, लेकिन 27 मार्च को, मुझे एक ट्रांस्फर ऑर्डर दे दिया गया. 15 दिनों की अनिवार्य ज्वाइनिंग अवधि प्रदान किए बिना भोपाल (मध्य प्रदेश) में 41 वीं बटालियन में तैनात किया गया.

मुझे आदेश की प्रति दी गई और तुरंत कार्यमुक्त कर दिया गया. मेरे पास भोपाल में अपने कर्तव्यों को संभालने के अलावा कोई विकल्प नहीं बचा. मैं वहां 29 मार्च को कार्यभार संभाला. वहां पहुंचने पर कमांडिंग ऑफिसर और उनके डिप्टी के साक्षात्कार का सामना किया.  दस्तावेजीकरण प्रक्रिया भी पूरी की, जिसमें स्पष्ट रूप से एक पाकिस्तानी महिला से मेरी शादी का उल्लेख था.

मुनीर अहमद ने कहा कहा कि उन्होंने अपनी बटालियन डेटा रिकॉर्ड बुक में भी इसकी एंट्री की है. सीआरपीएफ जवान ने कहा कि मैं प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और गृहमंत्री अमित शाह से अनुरोध करता हूं कि मैं एक जवान हूं और देश के साथ कंधे से कंधा मिलाकर खड़ा हूं .मैं कभी भी अपने देश के साथ धोखा नहीं कर सकता. जो पहलगाम में हुआ है मेरे दिल में भी उतना गुस्सा है जितना पूरे देश में गुस्सा है.

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