Rajasthan

भीषण गर्मी में रेगिस्तान में भी लहलहाएगी फसल, करें इन फलों की खेती, बंपर पैदावार कर देगी मालामाल

जालौर. गर्मी यानि हर तरफ सूखा, मुरझाए पेड़ पौधे. उठते खलिहान और खाली पड़े खेत. बात अगर राजस्थान की हो तो मरुस्थल और पानी की मारामारी ही याद आती है. लेकिन इसी राजस्थान में भीषण गर्मी में भी खेती फल फूल रही है. जानकर हैरानी होगी कि सिर्फ खेती ही नहीं हो रही बल्कि बंपर पैदावार हो रही है.

गुजरात सीमा से लगे पश्चिमी राजस्थान के जालौर जिले में जायद बाजरा, मूंगफली, खजूर और अनार की बंपर पैदावार हो रही है. धीरे-धीरे बदलते पर्यावरण के बीच रेतीले धोरों में इन फसलों की खेती किसी क्रांतिकारी बदलाव से कम नहीं है. किसान भी इन फसलों की खेती के लिए उत्साहित हैं.

गर्मी में अच्छी पैदावारगर्मी के मौसम में सबसे ज्यादा असर फसलों पर पड़ता है. ज्यादातर फसलों में बढ़ती गर्मी के साथ ही सिंचाई भी बढ़ानी पड़ती है. जिससे खेती में ज्यादा लागत आती है. लेकिन अगर आप गर्मियों में इन फसलों की खेती करेंगे तो इसका बहुत फायदा मिलता है. इन फसलों की खेती गर्म मौसम में अच्छे से हो पाती है.

कृषि विज्ञान केन्द्र के उपनिदेशक डॉ एल.एन.यादव ने लोकल18 को बताया वर्तमान में जो हीट वेव की परिस्थितियां चल रही हैं, उनमें चार फसलें सफलतापूर्वक उगाई जा रही हैं. ये चारों फसलें आसानी से गर्मी झेल सकती हैं.

जायद बाजरा – बाजरे की खेती हीट वेव में भी सफलतापूर्वक की जा रही है. इस बाजरे की जो इल्ड पोटेशंन उत्पादन क्षमता है वह खरीफ के बाजरे से दोगुनी होती है.

मूंगफली – बाजरे की तरह मूंगफली की खेती भी इस भीषण गर्मी में सफलतापूर्वक हो रही है. इसकी उत्पादन क्षमता भी ज्यादा होती है.

खजूर – खजूर की खेती के लिए यह तापमान बिलकुल ठीक है. खजूर की खेती के लिए कहा गया है हेड इन हीट एंड रूट इन रूफ. जितना अधिक तापमान होगा उतनी ही उसकी उत्पादन क्षमता भी बढ़ती है.

अनार – अनार की अच्छी उपज के लिए गर्म एवं शुष्क जलवायु की आवश्यकता होती है. अनार के फल के विकास के लिए 38 से 40 डिग्री सेल्सियस तापमान चाहिए होता है.

Tags: Agriculture producers, Local18

FIRST PUBLISHED : June 11, 2024, 19:30 IST

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