cyber threat due to frequent small payments from UPI | यूपीआई से बार-बार छोटे भुगतान से बैंक खातों में सेंध का बड़ा खतरा
जयपुरPublished: Jan 12, 2023 08:23:07 pm
– खुल्ले पैसे के झंझट से बचने के लिए ज्यादातर लोग कर रहे छोटे पेमेंट का ऑनलाइन भुगतान
– हर ट्रांजेक्शन पर बैंक से आने वाले मैसेज पर साइबर अपराधियों की नजर

जया गुप्ता/जयपुर। देश में पिछले एक साल में यूपीआई से भुगतान में 90 प्रतिशत की वृद्धि हुई है। अब लोगों ने कैश साथ ले जाना काफी कम कर दिया है। खुल्ले पैसे के झंझट से बचने के लिए सब्जी, किराना, डेयरी, रिक्शा-ऑटो आदि स्थानों पर 10-20 रुपए के छोटे पेमेंट भी क्यूआर कोड के माध्यम से ही कर रहे हैं। क्यूआर कोड स्कैन करने पर पेमेंट संबंधित एप से लिंक बैंक खाते से ही सीधा कटता है न कि ई-वॉलेट से। हर बार जब खाते से राशि कटती है तो बैंक की ओर से व्यक्ति को मोबाइल पर मेसेज भेजा जा रहा है। कई बैंक तो खाते में शेष बैलेंस की जानकारी भी हर ट्रांजेक्शन पर लोगों को भेज रहे हैं। इसी का फायदा साइबर अपराधी उठा रहे हैं। दरअसल, स्मार्ट फोन में मौजूद कई एप्लीकेशन्स लोगों के निजी डेटा पर भी नजर रखती हैं। उदारहण के तौर पर कॉन्टेक्ट डिटेल, मैसेज, कैमरा, फोटो इत्यादि। जब बैंक की ओर से बार-बार खाते में बैलेंस का मैसेज आता है तो इन एप्स के माध्यम से साइबर अपराध मैसेज तक भी पहुंच जाते हैं। उन्हें आपके बैंक खाते में बैलेंस का पता आसानी से चल सकता है।
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ऐसे बचें, ऑनलाइन भुगतान करें मगर सावधानी से
– नेशनल पेमेंट कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया लिमिटेड (एनपीसीआई) ने इस समस्या को ध्यान में रख भीम एप पर भीम लाइट का फीचर शुरू किया है। भीम लाइट के माध्यम से 200 रुपए से छोटे भुगतान बैंक खाते के बजाए वॉलेट से कर सकता है। इसके लिए सामने वाले के पास भीम वॉलेट होना आवश्यक नहीं है। वॉलेट के माध्यम से भी सीधा बैंक खाते में भुगतान किया जा सकता है। इससे भुगतान होने पर मैसेज नहीं आता है।
– अन्य निजी एप्लीकेशन के ई-वॉलेट से भुगतान करने पर तब तक भुगतान नहीं किया जा सकता है, जब तक सामने वाले के पास भी ई-वॉलेट न हो। इसीलिए ई-वॉलेट से भुगतान में सावधानी रखें।
– किसी भी लिंक पर क्लिक करने से पहले जांच-परख लें। किसी प्रकार के बोनस के लालच में न आएं और न ही कोई भुगतान रोकने के लिए किसी लिंक पर क्लिक करें।
– अपने फोन की सैटिंग में जाकर चैक करते रहे कि कौनसी एप्लीकेशन्स ने कौन-कौन से एक्सेस ले रखे हैं।
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लोग यों हुए साइबर अपराध का शिकार
– मानसरोवर निवासी रोहिताश शर्मा ने बताया, कुछ दिन पहले फोन पर मैसेज आया कि किसी एप पर एक हजार रुपए के भुगतान का ऑटो डिडक्शन (अपने आप पैसा कटेगा) होगा। इसे रोकने के लिए और बैंक को रिपोर्ट करने के लिए नीचे दिए गए लिंक पर क्लिक करे। जैसे ही उस लिंक पर क्लिक किया तो कुछ ही देर बाद खाते से दो हजार रुपए कटने का मैसेज आया। आनन-फानन में बैंक खाते से ई-बैकिंग को रोका। कार्ड को ब्nॉ करवाया।
– परकोटा निवासी प्रवीण गुप्ता को भी इसी प्रकार ऑटो डिडक्शन का मैसेज प्राप्त हुआ। हालांकि, उन्होंने जल्दबाजी में किसी लिकं पर क्लिक नहीं किया। उन्होंने किसी भी सेवा के लिए ऑटो डिडक्शन को शुरू ही नहीं कर रखा है और न ही ऐसी कोई कटौती कभी हुई। इस साइबर फ्रॉड को समझते हुए लिंक पर क्लिक नहीं किया।
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एक्सपर्ट व्यू :
– आमतौर पर लोगों को पता ही नहीं होता है कि उन्होंने कितनी एप्लीकेशन्स को कितने एक्सेस दे रखे हैं। कई एप्स आपके मैसेज को स्वत: पढ़ती हैं और सीधे ओटीपी ले लेती हैं। एंड्राइड फोन में ऐसी एप्लीकेशन्स को तोड़ना साइबर अपराधियों के लिए बेहद आसान होता है। आपके मैसेज पढ़कर उन्हें साइबर ठगी की जा सकती है। इससे बचने के लिए अपने फोन की सेटिंग्स पर ध्यान रखे। यदि आप इंटरनेट बैंकिंग या मोबाइल बैंकिंग का उपयोग करते हैं तो अपने फोन को पब्लिक वाईफाई, हॉटस्पॉट से कनेक्ट न करे। साथ ही फोन में डवलपर मोड को हमेशा ऑफ रखें। थर्ड पार्टी एप्लीकेशन को हमेशा ऑफ रखें। फोन को कभी भी पब्लिक चार्जिंग प्वाइंट पर चार्ज करने से बचें।
– आयुष भारद्वाज, साइबर सुरक्षा विशेषज्ञ
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फैक्ट फाइल :
– 90 प्रतिशत की वृद्धि हुई है यूपीआई पेमेंट में पिछले एक वर्ष में
– 7400 करोड़ ट्रांजेक्शन किए गए साल 2022 में
– इन ट्रांजेक्शन में 125.94 लाख करोड़ का भुगतान हुआ
– केवल दिसम्बर माह में 782 करोड़ ट्रांजेक्शन किए गए
– इनमें 12.8 लाख करोड़ का भुगतान हुआ
(आंकड़ा देशभर का