Rajasthan

भरतपुर की बरसों पुरानी परंपरा, घोड़ियों से करवाए जाते हैं अनोखे प्रदर्शन, मेले में होता है ये आयोजन

मनीष पूरी/भरतपुर:- भरतपुर में इन दिनों लगने वाला शीतला माता का लक्खी मेला अब जोरो शोंरो से चल रहा है और लोगों की काफी अधिक मात्रा में भीड़ भी उमड़ रही है. लोग मेला देखने के लिए काफी अधिक संख्या में आ रहे हैं और मां के दर्शन कर हर पापों से मुक्ति पा रहे हैं. यह मेला भरतपुर के ग्रामीण इलाकों के लोगों का सबसे बड़ा मेला माना जाता है, जहां पर लोग काफी अधिक मात्रा में आते हैं. यह मेला साल में सिर्फ एक बार लगता है.

मेले की है अनोखी परंपरा
इस मेले की एक अनोखी परंपरा है, जिसमें साल में एक बार घोड़ियों की दौड़ प्रतियोगिता कराई जाती है. यहां के बड़े बुजुर्ग बताते हैं कि जिन परिवारों के पास घोड़ियां होती हैं, वह अपनी घोड़ियां इस मेले में लेकर आते हैं और यहां पर अपनी घोड़ियों के साथ एक से बढ़कर एक प्रदर्शन कराते हैं. यह परंपरा काफी बरसों पुरानी मानी जाती है, जिसमें एक से बढ़कर एक घोड़ियां आती हैं और अपना प्रदर्शन करती हैं.

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जीतने वाले व्यक्ति को मिलता है सम्मान
इस मेले में घोड़ियों को विभिन्न प्रकार के प्रदर्शन जैसे कि घोड़ियों का नाचना, घोड़ियों की दौड़ करना, घोड़ियों को धीमी चाल में चलना, घोड़ियों के साथ स्टंट करना, जैसे कार्यक्रम कराए जाते हैं. जिसमें जीतने वाले व्यक्ति के लिए इनाम, सम्मान और पुरस्कार दिए जाते हैं. यहां साल में एक बार घोड़ियों का प्रदर्शन किया जाता है. यह मेला भरतपुर के ग्रामीण लोगों का काफी बड़ा मेला माना जाता है, जहां भरतपुर के आसपास और दूर-दूर के लोग अपनी घोड़ियों को लेकर आते हैं और उनके साथ प्रदर्शन करते हैं. यह अंगूठी परंपरा काफी बरसों से चली आ रही है और इस परंपरा को आज भी निभाया जा रहा है.

Tags: Bharatpur News, Local18, Rajasthan news

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