Dausa में बेटी ने पिता की अर्थी को कंधा देकर चिता को दी मुखाग्नि, जानिए क्या लिया संकल्प
रिपोर्ट: पुष्पेंद्र मीणा
दौसा. जहां बेटे अपने माता-पिता की सेवा नहीं करते और अपने माता- पिता की मौत के बाद फर्ज निभाने की बात करते हैं. लेकिन दौसा जिले में समाज की रूढ़िवादी परंपरा से आगे बढ़कर एक बेटी ने अपने पिता को श्मशान घाट तक कंधा दिया और रीति- रिवाज के अनुसार अंतिम संस्कार किया.
बेटी ने पिता को क्यों दिया कंधा
दौसा जिले के खेड़ा पहाड़पुर निवासी रामसुख मीणा 95 वर्षीय का निधन हुआ. इस दौरान उनकी बेटी ने उन्हें कंधा दिया. उनके 40 वर्षीय बेटे की मौत 2001 में घर में रखे तेल के गोदाम में आग लग जाने से हो गई थी. रामसुख के दो पोती और एक पोता भी था उनकी भी मौत उस आगजनी की घटना में हो गई थी.
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एक ही बेटी थी प्रेम
मृतक रामसुख मीना के एक ही बेटी प्रेम थी. जिसने अपने बेटे का फर्ज निभाया और पिता की मौत पर बेटी ने अपने पिता की अर्थी को कंधा दिया. बेटी के अलावा उनका कोई भी वारिस नहीं होने के कारण बेटी प्रेम ने ही अर्थी को कंधा दिया और मुखाग्नि भी देकर पुत्र धर्म निभाया. प्रेम ने इस दौरान संदेश दिया कि बेटा-बेटी में कोई भेदभाव नहीं होना चाहिए.
घर के पास खेत में अंतिम संस्कार
पिता की मौत के बाद बेटी प्रेम ने घर के पास ही खेत में अंतिम संस्कार किया. उनका कहना है कि उनके पिता की समाधि भी बनाएंगे. उनके बेटा नहीं था तो उनकी इच्छा पूर्ति मेरे द्वारा की गई.
अंतिम संस्कार में बड़ी संख्या लोग हुए शामिल
रामसुख मीणा की मौत के बाद गांव में शोक की लहर दौड़ पड़ी और अंतिम संस्कार में बड़ी संख्या में लोग पहुंचे. यहां लोगों ने बेटी को कंधा देते हुए देखा तो लोग अचंभित रह गए और चर्चा का विषय भी बनाया. ग्रामीणों का कहना है कि यह निर्णय बेटी का सही है. बेटी ने अपने पिता को बेटे की कमी महसूस नहीं होने दी.
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Tags: Daughters Day, Dausa news, Elderly story, Rajasthan news
FIRST PUBLISHED : January 13, 2023, 11:34 IST