राजस्थान में मिला सोने का खजाना, एक महिला और पुरुष कितना गोल्ड रख सकते हैं अपने पास, जानें सबकुछ

हाइलाइट्स
राजस्थान में आयकर विभाग की बड़ी कार्रवाई
आयकर विभाग ने तीन कारोबारी समूहों पर मारे थे छापे
तीनों कारोबारी समूहों के ठिकानों से मिली करीब 52 करोड़ की ज्वेलरी
जयपुर. आयकर विभाग ने हाल ही में राजस्थान के पाली और जोधपुर में तीन कारोबारी समूहों के कई ठिकानों पर छापा मारकर सोने के बड़े खजाना को ढूंढ निकाला है. आयकर विभाग को इन कारोबारियों के ठिकानों से करीब 52 करोड़ रुपये की ज्वेलरी मिली है. इतनी ज्वेलरी देखकर इनकम टैक्स विभाग के अधिकारी भी चकरा गए. अधिकार इस ज्वेलरी के सोर्स का पता लगाने में जुटे हैं. आयकर विभाग ने प्रेम केबल्स ग्रुप, पी जी फॉइल्स और गुगड़ ग्रुप के ठिकानों पर छापामारी कर सोने का यह खजाना निकाला है.
उसके बाद सवाल उठता है कि कोई भी व्यक्ति कितनी मात्रा अपने पास सोना या सोने से बनी ज्वेलरी रख सकता है. ऑल इंडिया टैक्स प्रैक्टिसनर्स फेडरेशन (सेंट्रल जोन) के चेयरमैन एवं कर विशेषज्ञ संदीप अग्रवाल के अनुसार आयकर अधिनियम 132 में घर में रखे सोने को संपत्ति कर निर्धारण में निर्धारित किया गया है. घर में रखे सोने के मूल्यांकन के लिए निर्देश संख्या 1916 का अनुप्रयोग किया जाता है.
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शादीशुदा महिला 500 ग्राम सोने के आभूषण रख सकती है
आयकर अधिनियम में इस बात का निर्धारण किया गया है कि घर और लॉकर्स में कितनी मात्रा में सोना रखा जा सकता है. उसके अनुसार घर की एक शादीशुदा महिला 500 ग्राम सोने के आभूषण रख सकती है. वहीं घर की बिना शादीशुदा महिला के पास 250 ग्राम सोना रह सकता है. घर से पुरुष के पास 200 ग्राम सोना रखा जा सकता है. इससे ज्यादा सोना होने पर उसे आयकर रिटर्न में दर्शाना अनिवार्य है.
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आयकर रिटर्न में दाखिल करना जरूरी है
पुस्तैनी सोना घर में या लॉकर में या किसी अन्य जगह पर होने पर भी उसे आयकर रिटर्न में दाखिल करना जरूरी है. जांच के दौरान इसके पुस्तैनी होने के साक्ष्य पेश किए जा सकते हैं. यदि आपने सोना खरीदा है और उसका बिल भी बनवाया है लेकिन आयकर रिटर्न में नहीं दर्शाया है तो सोने को जब्त किया जा सकता है. ये सोना भी आयकर अधिनियम 132 के तहत कर निर्धारण के लिए माना जा सकता है.
सोने को स्त्रीधन के रूप में माना गया है
भारत में सोने को स्त्रीधन के रूप में माना गया है. घर में सोना रखने के मामले में सीबीडीटी की ओर से 11 मई 1994 को एक परिपत्र जारी किया गया था. उसमें एक निर्धारित मात्रा में घर में सोना मिलने पर जांच एजेसिंयों द्वारा पूछताछ नहीं करने का प्रावधान भी बताया गया है. वहीं न ही निर्धारित मात्रा के सोने के स्रोत्र पर सवाल उठाने का प्रावधान है.
अदालतें भी इस संबंध में कई निर्णय दे चुकी हैं
घर में माता पिता के साथ साथ ससुराल पक्ष, मित्र या किसी अन्य रूप से गिफ्ट के रूप में मिले गोल्ड को महिला के पास रखने के नियम हैं. घर में सोने की मात्रा को लेकर राजस्थान उच्च न्यायालय और गुजरात उच्च न्यायालय सहित सुप्रीम कोर्ट ने भी महत्वपूर्ण मामलों की सुनवाई करते हुए निर्णय पारित किए हैं.
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FIRST PUBLISHED : December 18, 2023, 14:51 IST