Prabha Khetan Foundation….Aakhar..Grassroots Media Foundation | लोकहित और सामाजिक संवेदना को उजागर करता है साहित्य- घनश्याम नाथ कच्छावा
जयपुरPublished: Feb 27, 2023 10:09:39 pm
प्रभा खेतान फाउंडेशन की ओर से ग्रासरूट मीडिया फाउंडेशन के सहयोग से सोमवार को आखर में युवाओं द्वारा लिखी गई राजस्थानी भाषा की पुस्तकों का लोकार्पण और उनकी साहित्यिक समीक्षा का कार्यक्रम आयोजित किया गया।
लोकहित और सामाजिक संवेदना को उजागर करता है साहित्य- घनश्याम नाथ कच्छावा
प्रभा खेतान फाउंडेशन की ओर से ग्रासरूट मीडिया फाउंडेशन के सहयोग से सोमवार को ‘आखर’ में युवाओं द्वारा लिखी गई राजस्थानी भाषा की पुस्तकों का लोकार्पण और उनकी साहित्यिक समीक्षा का कार्यक्रम आयोजित किया गया। इसमें हाड़ौती अंचल से 3 सद्य प्रकाशित किताबें शामिल की गईं। कार्यक्रम में राज्य मानवाधिकार आयोग के अध्यक्ष, गोपाल कृष्ण व्यास मुख्य अतिथि के रूप में मौजूद थे। राजस्थानी भाषा एवं साहित्य अकादमी के सदस्य घनश्याम नाथ कच्छावा ने इस अवसर पर वक्तव्य दिया। कोटा से डॉ.नंदकिशोर महावर और जयपुर से मीनाक्षी पारीक ने इन पुस्तकों की साहित्यिक चर्चा में भाग लिया। राज्य मानवाधिकार आयोग के अध्यक्ष गोपाल कृष्ण व्यास ने राजस्थानी भाषा और साहित्य को अधिक से अधिक प्रोत्साहन देने की आवश्यकता पर जोर दिया।
राजस्थानी भाषा साहित्य एवं संस्कृति अकादमी,बीकानेर के सदस्य कवि.समीक्षक घनश्याम नाथ कच्छावा ने विजय जोशी की पुस्तक राजस्थानी गद्य ‘विविधा भावाँ की रमझोळ’ पर कहा कि इस पुस्तक में कथेत्तर साहित्य की विविध विधाओं आलेख, शोध.समीक्षा, बाल.कथा, डायरी, रिपोर्ट, रेखाचित्र, संस्मरण आदि रचनाओं का समावेश किया गया है। युवा कवि किशन प्रणय के राजस्थानी उपन्यास ‘अबखाया का रींगटां ‘पर युवा समीक्षक डॉ.नंदकिशोर महावर ने कहा कि वर्तमान युग.सत्य का दस्तावेजीकरण है, जिसमें वर्तमान युवा के सुनहले सपने,संघर्ष और वर्तमान दशा का यथार्थ चित्रण किया है।
युवा कवि नन्दू राजस्थान की राजस्थानी कुण्डली संग्रह ‘कदै आवसी भोर’ पर अपने समीक्षात्मक विचार व्यक्त करते हुए मीनाक्षी पारीक ने कहा कि यह संग्रह ग्राम्य संस्कृति और जीवन के कई पहलुओं को सामने लाता है।