Self Employment Opportunities For Adivasi Youth In Rajasthan – राजस्थान : आदिवासी-पिछड़े वर्ग को मिल रहे स्वरोजगार के भरपूर अवसर, जानें क्या हो रही कवायद?

आदिवासी एवं पिछड़े वर्गों के उत्थान के लिए आरएसएलडीसी ने अपनी योजनाओं को पुर्नगठित किया है। निगम की नवीन योजनाओं सक्षम और समर्थ का ध्येय ही पिछ़डे वर्गों के युवाओं को रोजगार एवं स्वरोजगार से जोड़ना है।
जयपुर।
विश्व आदिवासी दिवस के अवसर पर राजस्थान कौशल एवं आजीविका विकास निगम की ओर से यहां मंगलवार, को विशेष समारोह आयोजित किया गया। इस समारोह में आरएसएलडीसी के प्रशिक्षण प्रदाता प्रतिध्वनि संस्थान के सौजन्य से आदिवासी क्षेत्रों से जुड़ी 11 महिला प्रशिक्षणार्थियों को नि: शुल्क सिलाई मशीनें वितरित की गई।
इस मौके पर प्रतिध्वनि संस्थान, बांसवाड़ा की सचिव डॉ. निधि जैन ने बताया कि आदिवासी क्षेत्रों में रहने वाली महिलाओं के उत्थान में कौशल विकास का महत्वपूर्ण योगदान है। आदिवासी महिलाओं को स्वरोजगार के अवसर प्रदान करने के लिए उनका कौशल विकास आवश्यक है।
एमएसएमई के सहायक निदेशक अजय शर्मा ने कहा कि आजीविका विकास निगम को पिछड़े क्षेत्र की लड़कियों को कौशल विकास से जोड़कर उन्हे सक्षम बनाना चाहिए।
इस सम्मान समारोह की अध्यक्षता आरएसएलडीसी के चेयरमैन डॉ. नीरज के पवन ने की। इस अवसर पर आरएसएलडीसी के अन्य अधिकारीगण भी उपस्थित रहे। डॉ.नीरज के पवन ने इस समारोह में सभी को विश्व आदिवासी दिवस की बधाई देते हुए संबोधित किया।
उन्होंने कहा कि आरएसएलडीसी का मुख्य उदे्श्य राज्य के 15 से 35 वर्ष के युवाओं एवं विशेष वर्गों में 45 वर्ष तक के नागरिकों को कौशल विकास से जोड़ना है। साथ ही आदिवासी एवं पिछड़े वर्गों के उत्थान के लिए निगम ने अपनी योजनाओं को पुर्नगठित भी किया है। निगम की नवीन योजनाओं सक्षम और समर्थ का ध्येय ही पिछ़डे वर्गों के युवाओं को रोजगार एवं स्वरोजगार से जोड़ना है।
इस कार्यक्रम में विशिष्ट अतिथि के रूप में आईआईसीडी से किंशुक मुखर्जी, एमएसएमई के सहायक निदेशक अजय शर्मा एवं प्रतिध्वनि संस्थान से डॉ. संजय लोढ़ा उपस्थित थे।