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जयपुर. देशभर में फैल रहे कोरोना के ओमिक्रॉन (Omicron) वेरिएंट के मद्देनजर राजस्थान सरकार ने इसका मुकाबला करने के लिये पूरी तरह से कमर कस ली है. इसके तहत दूसरी लहर की कमियों पर फोकस करते हुए इस बार राज्य सरकार ने माइक्रो लेवल पर प्लानिंग (Micro Planning) की है. एक ओर जहां ग्रामीण स्तर पर चिकित्सा संस्थानों को मजबूत किया गया है वहीं ऑक्सीजन को लेकर राजस्थान आत्मनिर्भर बनने के लिए तैयार है. प्रदेशभर में सरकारी और निजी चिकित्सा संस्थानों के अलावा अब 332 सामुदायिक स्वास्थ्य केन्दों पर 1600 एचडीयू बैड स्थापित किए गए हैं. इसके अलावा पीएमओ स्तर पर 544 बैड भी तैयार किए गए हैं.
कोरोना की दूसरी लहर में मचे हाहाकार के बाद राजस्थान में स्वास्थ्य क्षेत्र पर विशेष फोकस किया गया है. दूसरी लहर में शहरी क्षेत्रों में चिकित्सा संस्थानों पर पड़े दबाव को देखते हुए अब ग्रामीण स्तर पर ही स्वास्थ्य सुविधाओं को विकसीत किया गया है. प्रदेशभर में सरकारी और निजी चिकित्सा संस्थानों के अलावा अब 332 सामुदायिक स्वास्थ्य केन्दों पर 1600 एचडीयू बैड स्थापित किए गए हैं. इसके अलावा पीएमओ स्तर पर 544 बैड भी स्थापित किए गए हैं.
त्रिस्तरीय स्वास्थ्य सेवाओं का ढांचा तैयार
इन चिकित्सा संस्थानों के कार्मिकों को कोरोना की तीसरी लहर के मद्देनजर प्रशिक्षण दिया जा चुका है. इसके अलावा प्रदेश में तीन अलग अलग कैटेगरी में स्वास्थ्य सेवाएं उपलब्ध कराई जा रही हैं. इनमें कोविड डेडीकेटेड अस्पताल बनाये गये हैं. ये वो बड़े सरकारी और निजी अस्पताल हैं जहां पर सभी तरह की सुविधाएं मौजूद हैं. प्रदेशभर में कुल 56 डेडिकेटेड अस्पतालों में कुल 13 हजार 595 बैड मौजूद हैं. इनमें 9078 बैड पॉजिटिव मरीजों के लिए है. 4517 बैड संदिग्ध मरीजों के लिए निर्धारित किए गए हैं. 5685 ऑक्सीजन सपोर्टेड बैड हैं. वहीं 1399 आईसीयू बैड और 788 वेन्टीलेटर बैड मौजूद हैं.
डेडिकेटेड कोविड हेल्थ सेन्टर तैयार किये
नंबर दो पर डेडिकेटेड कोविड हेल्थ सेन्टर तैयार किये गये हैं. प्रदेशभर में 47 डेडिकेटेड कोविड हेल्थ सेन्टर हैं. ये सेंटर निजी अस्पताल, उप जिला स्वास्थ्य केन्द्र और सीएचसी को मिलाकर बनाए गए हैं. इनमें कुल 4257 बैड हैं. इनमें से 2897 बैड पॉजिटिव मरीजों के लिए हैं तो 1360 बैड संदिग्ध मरीजों के लिए निर्धारित किए गए हैं. इनमें से 1343 बैड ऑक्सीजन सपोर्टेड बैड हैं. 303 आईसीयू और 109 वेन्टीलेटर बैड हैं.
राज्यभर में 81 कोविड सेन्टर
नंबर तीन पर कोविड सेन्टर हैं. राज्यभर में 81 कोविड सेन्टर हैं. ये वो सेंटर्स हैं जहां कोरोना के बढ़ते केसेज को देखते हुए मरीजों को रखने के लिए स्वास्थ्य सुविधाएं विकसीत की गई थी. इन कोविड सेंटर्स में होटल, रिजॉर्ट, धर्मशाला और यूनिवर्सिटी शामिल हैं. अगर तीसरी लहर आती है तो इनको भी उपयोग में लिया जा सकता है. इस प्रकार के सेंटर्स में कुल 7638 बैड हैं. इनमें 3221 बैड पॉजिटिव मरीजों के लिए तो 447 संदिग्ध मरीजों के लिए हैं.
ऑक्सीजन के लिए आत्मनिर्भर राजस्थान
कोरोना की तीसरी लहर के पीक पर प्रदेश में करीब साढे तीन लाख मरीज आने की आशंका है. ऐसे में ऑक्सीजन की उपलब्धता भी बड़ी चुनौती है. राज्य सरकार ने एक हजार मैट्रीक टन ऑक्सीजन की उपलब्धता सुनिश्चित की है. राज्य सरकार ने ऑक्सीजन जनरेशन प्लांट की स्थापना के लिए विशेष पैकेज के तहत एक करोड़ से अधिक पर निवेश करने पर 25 प्रतिशत सब्सिडी का भी प्रावधान कर रखा है.
40 हजार से ज्यादा ऑक्सीजन कन्सन्ट्रेटर
प्रदेश में मेडिकल ऑक्सीजन में आत्मनिर्भरता के लिए 40 हजार से ज्यादा ऑक्सीजन कन्सन्ट्रेटर प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्रों तक उपलब्ध करवाये गये हैं. इसके साथ ही प्रदेश में 450 ऑक्सीजन उत्पादन प्लांट तैयार कर लिए गए हैं. 31 नये लिक्विड मेडिकल ऑक्सीजन स्टोरेज टैंक का कार्य प्रक्रियाधीन है. सभी जिला मुख्यालयों पर लिक्विड मेडिकल ऑक्सीजन स्टोरेज टैंक बनाने की योजना है. इनमें अब तक 18 लिक्विड मेडिकल ऑक्सीजन स्टोरेज टैंक स्थापित किये जा चुके हैं. चिकित्सा संस्थानों में ऑक्सीजन सर्पोटेड बैड्स की संख्या बढ़ाकर लगभग 60 हजार बैड किये जाने का लक्ष्य निर्धारित है.
हर जिले में ऑक्सीजन कंसंट्रेटर बैंक
प्रत्येक जिले में ऑक्सीजन कंसंट्रैटर बैंक स्थापित किए गए हैं. ताकि मरीज को जब आवश्यकता हो तब वो चिकित्सक की पर्ची से निशुल्क ऑक्सीजन कंस्ट्रेटर अपने घर ले जा सकता है.
ओमिक्रॉन के लिए अलग वार्ड बनाये
राजस्थान में अब तक 17 ओमिक्रॉन के मरीज आ चुके हैं. हालांकि अब सभी ओमिक्रॉन मरीज नेगेटिव हो चुके हैं. लेकिन दुनियाभर में ओमिक्रॉन के बढ़ते मामलों को देखते हुए स्वास्थ्य विभाग ने सभी जिलों में ओमिक्रॉन मरीजों के लिए अलग से वार्ड बनाने के निर्देश दिए हैं. एयरपोर्ट पर अन्य देशों से आने वाले यात्रियों का अधिक से अधिक आरटीपीसीआर टेस्ट किया जा रहा है.
जिनोम सिक्वेन्सिंग में लाई जा रही है तेजी
इसके साथ ही सभी पॉजिटिव रोगियों की जिनोम सिक्वेन्सिंग कराई जा रही है. जिन लोगों में संक्रमण मिला है उनकी सघन कॉन्टेक्ट ट्रेसिंग की जा रही है. ओमिक्रॉन से संक्रमित रोगियों के उपचार के लिए मेडिकल कॉलेज एवं जिला अस्पतालों में अलग से आइसोलेशन वार्ड स्थापित किए गए हैं.
वैक्सीनेशन पर जोर
18 साल और इससे अधिक आयु के शत-प्रतिशत लोगों का टीकाकरण सुनिश्चित किया जा रहा है. प्रदेश में 3 नवंबर से 30 नवंबर तक ‘हर घर दस्तक’ अभियान के तहत घर-घर जाकर कोविड की प्रथम व द्वितीय डोज से वंचित लोगों की पहचान कर वैक्सीनेशन किया गया है. अब ‘ऑन द स्पॉट’ वैक्सीनेशन की व्यवस्था भी की गई है. 10 या 10 से अधिक लोगों को वैक्सीनेशन कराना हो तो वे मुख्यमंत्री हेल्पलाइन नंबर 181 पर कॉल कर इच्छित जगह समय पर वैक्सीनेशन करा सकते हैं.
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