Rajasthan

Department Of Telecom And Trai Will Make Circuit To Protect Against – साइबर ठगी से बचाने का सर्किट बनाएगा दूरसंचार विभाग और ट्राई

जयपुर। साइबर ठगी अमरबेल की तरह फैल रही है। अकेले जयपुर में अभी हर माह औसतन 80 लोग साइबर ठगी के शिकार हो रहे हैंं। राज्यभर में तो यह आंकड़ा कई गुना ज्यादा है। लोगों को इस ठगी से बचाने के लिए दूरसंचार विभाग और भारतीय दूरसंचार विनियामक प्राधिकरण (ट्राई) फिर से एक्टिव मोड में आ गए हैं। दोनों ही अपने-अपने स्तर पर साइबर ठगी के कारण पता लगाने से लेकर उसके समाधान पर काम करेंगे। इसमें मोबाइल आॅपरेटर की भूमिका भी सुनिश्चित की जाएगी। साथ ही स्थानीय विकास समितियों को भी जोड़ा जाएगा, जिससे बचाव के सभी पहलुओं के बारे में पता लग सके। इस बीच लगातार बढ़ रहे ग्राफ का मामला ट्राई मुख्यालय तक भी पहुंचा है। इस बीच सरकार ने अफसरों को इस तरफ भी ध्यान देने के निर्देश दिए हैं।

इस तरह करेंगे जागरुक

-इनाम लग जाने, किसी इनाम में गाड़ी जीत जाने, टावर लगवाने, लोन लेने या अन्य किसी भी तरह के लुभावने विज्ञापन से बचने के लिए जगह-जगह प्रचार होगा। इसमें एनजीओ व निजी संस्थाओं का सहयोग लेंगे।
-शहरों में सेमिनार व जनजागरुकता कार्यक्रम। इसमें स्थानीय विकास समितियों को आमंत्रित किया जाएगा। जिससे की समिति अपने-अपने इलाके के लोगों को जागरुक कर सकें।
-फोनपे ,गूगलपे या अन्य किसी यूपीआई एप पर किसी के द्वारा रिफंडिंग जैसी मैसेज के लिंक यार रिक्वेस्ट को स्वीकार न करें। ऐसा करने पर साइबर ठगी के शिकार होने की आशंका बनी रहती है।
-किसी भी कंपनी का कस्टमर केयर का नंबर गूगल पर सर्च करें, लेकिन तस्दीक करना कि यह सही या नहीं। क्योंकि, विभिन्न डीटीएच के ढेरों फर्जी कस्टमर केयर नंबर हैं। संबंधित साइबर विशेषज्ञों के साथ होगा काम।

यह है स्थिति
-960 मुकदमे आईटी एक्ट में दर्ज हुए एक साल में
-10 करोड़ की ठगी एक साल में (कमिश्नरेट के थानों में दर्ज मामले)
-400 से अधिक मामले नहीं सुलझा पाई पुलिस
-अप्रेल से सितम्बर के बीच ही साइबर ठगों ने राज्य में 2 हजार से ज्यादा लोगों को अपना निशाना बनाया है। इससे लोगों से करीब 20 करोड़ रुपए की ठगी की गई।









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