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दुबला-पतला शरीर और रोजाना 5 किलोमीटर रनिंग, फिर भी इस 37 साल के शख्स को हार्ट में लगाने पड़े 2 स्टैंट, आखिर क्यों, जानें कारण

Hidden risk of heart disease: क्या कभी आपने सोचा है कि दुबला-पतला शरीर है, जो कभी जंक फूड भी न खाया हो, न ही शराब-सिगरेट पीता हो, रोज 5 किलोमीटर दौड़ता हो, और उसे हार्ट में इमरजेंसी में 2 स्टैंट लगाने पड़े. जी हां, ऐसा हुआ है. बेंगलुरु के एक 37 साल के शख्स के साथ ऐसा हुआ. उसे इमरजेंसी में अस्पताल में भर्ती कराया गया. जब एंजियोग्राफी हुई तो पता चला कि उसके हार्ट में दो ब्लॉकेज हैं. यानी तत्काल उसे दो स्टैंट लगाने पड़े. एक डॉक्टर डॉ. जुबैर अहमद ने इस मरीज के लाइफस्टाइल को शेयर करते हुए यह बताया है कि आखिर उसे हार्ट में दो स्टैंट क्यों लगाने पड़े.

हार्ट डिजीज के छुपे हुए खतरे 

1. फेमिली जीन-डॉ. जुबैर अहमद ने इंस्टाग्राम पर बताया कि अगर आपके परिवार यानी निकट संबंधी जैसे कि माता-पिता, दादा-दादी, नाना-नानी में से किसी को भी पहले से हार्ट डिजीज था तो इस बात की आशंका ज्यादा रहती है कि आपमें भी वो फॉल्टी जीन आ जाए. इससे बिना कुछ हुए अचानक आपको हार्ट डिजीज की समस्या हो सकती है. इसलिए ऐसे लोग चाहे कितना भी हेल्दी क्यों न हो, उसे हार्ट डिजीज हो सकता है. ऐसे लोगों को जीन टेस्ट कराना बहुत जरूरी है.

2. कॉरपोरेट लाइफस्टाइल और तनाव-आजकल अधिकांश युवा कॉरपोरेट सेक्टर में काम करते हैं. उनपर काम का दबाव बहुत ज्यादा रहता है. समय सीमा के अंदर काम को पूरा करने का बोझ रहता है. इससे वह हमेशा तनाव में रहता है. तनाव में रहने के कारण शरीर में एड्रीनेलीन हार्मोन बढ़ जाती है. इसके साथ ही बीपी भी हाई हो जाता है. शरीर में इंफ्लामेशन बढ़ जाता है और खून की धमनियों के अंदर महीन-महीन प्लैक बनना शुरू हो जाता है. इसलिए भले ही आप रोज 5 किलोमीटर दौड़ लगाते हैं लेकिन इस तनाव से निपटने का यह तरीका सही नहीं है. इस तनाव से निपटने के लिए आपको योग, ध्यान, मेडिटेशन आदि करना होगा. दोस्तों और परिवार के साथ अच्छी बातचीत, सैर-सपाटा इन सब से इसका समाधान निकलेगा.

3. शरीर में इंफ्लामेशन-बहुत से लोगों में इंफ्लामेशन की मात्रा ज्यादा होती है. कुछ लोग एक्सरसाइज करते हैं और उन्हें पता नहीं होता है कि बॉडी में इंफ्लामेशन है. इस इंफ्लामेशन के लिए सीआरपी टेस्ट से पूरी तरह पता नहीं लगता. इसलिए इन्हें हार्ट का प्रोब्लम हो जाता है. इसलिए आपको बेहतर टेस्ट कराने की दरकार होती है.

4. लाइपोप्रोटीन ए-हार्ट पर किसी तरह का संकट है या नहीं, इसके लिए हमलोग कोलेस्ट्रॉल की जांच कराते हैं लेकिन यह पर्याप्त नहीं है. इसमें लाइपोप्रोटीन ए छूट जाता है. कभी-कबी एलडीएल लेवल नॉर्मल रहता है लेकिन आर्टरीज में हाई लेवल वाला जाम बन जाता है. इसकी जांच के लिए लाइपोप्रोटीन ए टेस्ट कराना बहुत जरूरी है.

5. खराब नींद-7 से 8 घंटे की नींद जरूरी है. बहुत से लोग इतनी देर सोते भी है लेकिन नींद की गुणवत्ता सही नहीं होती. वे बार-बार बीच में उठते हैं. देर से सोते हैं, देर से उठते हैं. गहरी नींद के समय जाग जाते हैं. इन सबसे कॉर्टिसोल लेवल बढ़ता है जो खून को पतला कर देता है और मेटाबोलिज्म पर दबाव डालता है. इन सबसे हार्ट डिजीज का खतरा बढ़ता है.

6. गलत चीजों पर यकीन-हार्ट डिजीज के लिए सिर्फ मोटापा, एक्सरसाइज न करना और गलत चीज खाना ही जिम्मेदार है. यह अधूरा सच है. ऐसी गलत बातों पर ध्यान नहीं देना चाहिए. इससे गलतफहमी बढ़ती है. ये चीजें हार्ट डिजीज का कारण है लेकिन इसके साथ ही आपकी लाइफस्टाइल, आपका पारिवारिक इतिहास, आपके शरीर में बन रहे इंफ्लामेशन भी जिम्मेदार है.

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