After Kalisindh, Power Generation From Suratgarh Plant Also Stopped – कालीसिंध के बाद सूरतगढ़ प्लांट से भी बिजली उत्पादन बंद, गहराया बिजली संकट

कोयला संकट से ऊर्जा महकमे का उड़ा फ्यूज

जयपुर। राज्य के सरकारी बिजलीघरों में एक बार फिर कोयला संकट गहरा गया है। इससे बिजली उत्पादन प्रभावित हो रहा है। हालात यह है कि कालीसिंध थर्मल पॉवर प्लांट पिछले 7 दिन से बंद है और अब सूरतगढ़ थर्मल पॉवर प्लांट (सब क्रिटिकल) की सभी छह यूनिट से बिजली उत्पादन बंद हो गया है। इससे हर दिन 500 लाख यूनिट से ज्यादा बिजली नहीं मिल पा रही है। ऐसे में इतनी ही बिजली एक्सचेंज से महंगे दाम में खरीदनी पड़ रही है।इसके अलावा ज्यादातर बड़े पॉवर प्लांट में भी एक दिन का भी कोयला नहीं है और स्टॉक भी घटकर आधा (1.20 लाख टन) रह गया है। ऐसे हालात में ऊर्जा विभाग, उत्पादन निगम से लेकर डिस्कॉम अफसरों के फ्यूज उड़ गया गया। ऊर्जा विभाग के आला अफसरों ने कोल मंत्रालय तत्काल सहयोग करने के लिए कहा है। ऐसे में फिर से प्रदेश में बिजली कटौती का संकट हो गया है। बताया जा रहा है कि अब भी कोयला खरीद का पूरा भुगतान नहीं किया जा रहा है। इस कारण भी कंपनियों ने कोयल सप्लाई कम कर दी है।
दो दिन भी कोयला लेट तो कोटा, छबड़ा प्लांट भी बंद होने का खतरा
कोटा थर्मल में डेढ़ दिन, छबड़ा प्लांट में 1 दिन का ही कोयला बचा है। यहां लगातार दो दिन भी कोयला नहीं पहुंचा तो इन दोनों प्लांट के भी बंद होने का खतरा बनेगा। इसी स्थिति को देखते हुए उत्पादन निगम में कोयला मंत्रालय और छत्तीसगढ़ के पीकेसीएल प्लांट से लगातार कोयला आने के लिए मॉनिटरिंग का दायरा बढ़ा दिया है। प्रशासन ने इंजीनियरों को अलर्ट रहने के निर्देश दिए हैं।
बकाया भुगतान ने आग में घी का काम किया
बारिश के बाद बिजली डिमांड लगातार बढ़ रही है, जबकि उसके अनुपात में बिजली उत्पादन के लिए कोयला सीमित मात्रा में उपलब्ध हो रहा है। इसके अलावा बकाया भुगतान ने आग में घी का काम कर दिया है। इसी कारण यह स्थिति बनी है। हालांकि, राजस्थान ऊर्जा विकास निगम लोड मैनेजमेंट में जुटा है।
अभी इन प्लांटों में यह है स्थिति
1. सूरतगढ़ थर्मल पॉवर प्लांट — 1250 मेगावॉट की सभी छह यूनिट से बिजली उत्पादन बंद हुआ। पहले तक 240 लाख यूनिट बिजली हर दिन उत्पादन होता रहा।
2. छबड़ा थर्मल पॉवर : 2320 मेगावॉट क्षमता की छह यूनिट है। इसमें से दो यूनिट मेंटीनेंस और एक यूनिट फॉल्ट के कारण बंद है। यहां हर दिन 20 हजार टन कोयल की जरूरत है, लेकिन एक दिन का ही कोयला बचा है।
3. कोटा थर्मल : 1240 मेगावॉट की सात में से छह यूनिट में बिजली उत्पादन हो रहा है। हर दिन 12 हजार टन कोयल की आवश्यकता है और अभी डेढ़ दिन का ही कोयला बचा है।
4. सूरतगढ़ थर्मल : सब क्रिटिकल की 1250 मेगावॉट की सभी छह यूनिट बंद है। सुपर क्रिटिकल की 660 मेगावॉट की एक यूनिट चल रही है। हर दिन 20 हजार टन कोयल की जरूरत।
5. कालीसिंध बिजलीघर : 1200 मेगावॉट क्षमता की दोनों यूनिट बंद है। यहां प्रतिदिन 14 हजार टन कोयल की जरूरत है।