Rajasthan

DGP एमएल लाठर ने बताया – राजस्थान में सजा दर 45 फीसदी, जबकि देश में 23 फीसदी| DGP ML Lather told

जयपुर. अपराधों का पंजीकरण हो या फिर महिला अत्याचारों के मामलों की जांच, रेट ऑफ कन्विक्शन हो या फिर मिलीभगत करने वाले पुलिसकर्मियों के खिलाफ एक्शन – देशभर की तुलना में राजस्थान में हालात बेहतर हैं. ये बातें डीजीपी एमएल लाठर के जारी किए गए आंकड़ों से सामने आती है.

5 हफ्ते में 10 हजार 665 मुलजिम गिरफ्तार

आपको बता दें कि राजस्थान पुलिस के मुखिया डीजीपी एमएल लाठर आज सोमवार को राजधानी में मीडिया से मुखातिब हुए. उन्होंने बताया कि वांछित अपराधियों की धरपकड़ अभियान के तहत 5 सप्ताह में 10 हजार 665 अभियुक्त गिरफ्तार किए जा चुके हैं. गिरफ्तार अभियुक्तों में से 1588 अभियुक्तों ने न्यायालय में समर्पण किया है. डीजीपी ने बताया कि अभियान में जघन्य अपराधों में वांछित अपराधियों की गिरफ्तारी पर विशेष जोर दिया जा रहा है. अभियान के तहत घोषित अपराधी 83, गिरफ्तारी वारंटी 1061, गैर अनुसंधान प्रकरणों में वांछित 2632 अपराधी, पैरोल से फरार 8 अपराधी, स्थायी वारंटी 6218 सहित कुल 10 हजार 665 अपराधी पुलिस की गिरफ्त में आ चुके हैं.

ढाई साल में कोई भी बड़ा अपराध अनसुलझा नहीं

डीजीपी की ओर से जारी किए गए आंकड़े बताते हैं कि 2013 से 2019 तक पूरे भारत में अपराध में 23 फीसदी की बढ़ोतरी हुई, जबकि इस दौरान राजस्थान में सिर्फ 16 फीसदी अपराध बढ़ा. 2020 की तुलना में राजस्थान में 2021 में 14 फीसदी बढ़ोतरी हुई है. ढाई साल में कोई भी बड़ा अपराध राज्य में अनसुलझा नहीं है रहा है. राजस्थान में कोर्ट के जरिए मुकदमा दर्ज कराने की दर घटी है.

राजस्थान में सजा दर 45 फीसदी, जबकि देश में 23 फीसदी

आंकड़े बताते हैं कि महिला अत्याचार के मामले में देश में लंबित जांच 34 फीसदी हैं, जबकी राजस्थान में लंबित जांच सिर्फ 9 फीसदी. देशभर में रेट ऑफ कन्विक्शन सिर्फ 23 फीसदी है, लेकिन राजस्थान में रेट ऑफ कन्विक्शन 45 फीसदी. 18 मामलों में कोर्ट ने सजा सुनाई गई है. इनमें 9 ब्लाइंड केस सुलझाए गए हैं.

पुलिसकर्मियों पर भी हो रही कार्रवाई

डीजीपी एमएल लाठर ने बताया कि अपराध पंजीकरण और अपराधों में वृद्धि दोनों अलग-अलग विषय हैं. उन्होंने बताया कि मामला दर्ज नहीं करने वाले पुलिसकर्मियों के खिलाफ भी कार्रवाई की जा रही है. डीजीपी के मुताबिक, 218 लोगों ने एसपी कार्यालय के जरिए मामले दर्ज कराए हैं. इनमें आनाकानी करने वाले 18 पुलिस अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई की गई है. डीजीपी ने बताया कि पूरे देश में रेप के 32 हजार 497 मामले झूठे पाए गए हैं, इनमें से ही 12 हजार 80 मामले राजस्थान में झूठे पाए गए हैं. इसी तरह राजस्थान में अपहरण के 72 फीसदी मामले झूठे पाए गए हैं. उन्होंने बताया कि मिलीभगत करने वाले पुलिसकर्मियों के खिलाफ कार्रवाई हो रही है. अब तक 1 आईपीएस,10 आरपीएस, 23 इंसपेक्टर, 571 अन्य पुलिसकर्मी सस्पेंड किए गए हैं, जबकि नौकरी से 1 आरपीएस, 1 इंस्पेक्टर, 2 सब इंस्पेक्टर और 23 अन्य पुलिसकर्मी निकाले गए हैं. इसी तरह गठजोड़ करने वाले 300 पुलिसकर्मियों के तबादले किए गए हैं.

161 के बयान से पहले पीड़ित मुकर जाते हैं

डीजीपी ने बताया कि एफआईआर के बाद 14 फीसदी मामलों में 161 के बयान होने से पहले ही मामला वापस ले लिया जाता है. 164 के बयान से पहले 31 फीसदी मामले पीड़ित मना कर देते हैं. झूठे मामले दर्ज कराने के मामलों में भी कार्रवाई की जाती है.

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