Dhanteras 2021 : For Long Life Do This Work – धनतेरस को मिलेगा दीर्घायु का वरदान, बस करें ये काम

संध्याकाल में घर व प्रतिष्ठानों में होगा दीपदान

जयपुर। राजधानी जयपुर में दीपोत्सव की शुरुआत आज त्रिपुष्कर योग में धनतेरस से हो रही है। धनतेरस से भाई दोज तक पांच दिवसीय त्योहार मनाया जाएगा। संध्याकाल में घर व प्रतिष्ठानों में दीपदान होगा। धनतेरस को धनवंतरी जयंती या फिर धन त्रयोदशी के नाम से भी जाना जाता है। धनतेरस से ही पांच दिवसीय दिवाली पर्व की शुरुआत हो जाती है। कार्तिक मास के कृष्ण पक्ष की त्रयोदशी के दिन धनतेरस का त्योहार मनाया जाता है। इस दिन भगवान धन्वंतरि प्रकट हुए थे। मान्यता है कि भगवान धन्वंतरि विष्णु जी का ही अवतार हैं। यहीं कारण है कि आज के दिन भगवान धन्वंतरि, मां लक्ष्मी की पूजा की जाती है। साथ ही, धन कुबेर की पूजा का भी विधान है।
यमराज के निमित्त होता है दीपदान
ज्योतिषाचार्य पं.सुरेश शास्त्री ने बताया कि धनतेरस को घर के बाहर दक्षिण दिशा में यम के नाम का दीपक भी जलाया जाता है. ताकि अकाल मृत्यु का भय न रहे। धनतेरस की पूजा का यमराज से संबंध है। इस दिन यमराज के निमित्त दीपदान करने से अकाल मृत्यु से बचा जा सकता है और दीर्घायु प्राप्त होती है। शाम को तिल के तेल से युक्त दीपक जलाकर गंध, पुष्प और अक्षत से पूजन कर दक्षिण दिशा की ओर मुख करके यम से प्रार्थना की जाती है।
कल रूप चतुर्दशी का पर्व
बुधवार को रूप चतुर्दशी का पर्व मनाया जाएगा। दिन भर महिलाओं के साथ पुरुष भी स्वयं को संवारने में लगे रहेंगे। इसके लिए महिलाओं ने ब्यूटी पार्लर में बुकिंग भी करवाई हैं। दरअसल रूप चौदस घर-आंगन के साथ-साथ शारीरिक स्वच्छता व सौंदर्य का प्रतीक त्योहार है। इसी दिन यम-तर्पण का विधान भी होता है। प्रदोषकाल में चौराहे, देवालय व घर के बाहर तिल के तेल से भरे चौदह दीपक जला ब्रह्मा, विष्णु, महेश आदि देवताओं के मंदिर, परकोटे, मठ, बाग-बगीचे, बावड़ी व अन्य स्थानों पर भी दीप जलाए जाएंगे। इसी दिन नरक चतुर्दशी भी मनाई जाएगी। वहीं रूप चतुर्दशी के निमित्त स्नान गुरुवार सुबह होगा।