Rajasthan

Dharma Khatushyam ji temple doors have opened for devotees check the timing of darshan

सीकर. विशेष पूजा ओर तिलक श्रृंगार के चलते बंद हुआ खाटूश्याम जी मंदिर आज यानि गुरूवार को खुलेगा. हालांकि गुरूवार को मंदिर पूरे दिन मंदिर बंद रहेगा, लेकिन देर शाम संध्या आरती के समय मंदिर के कपाट खोले जाएंगे. आपको बता दें कि श्री श्याम मंदिर कमेटी ने पत्र जारी कर दो दिन के लिए खाटूश्याम मंदिर बंद रहने की सूचना जारी की थी. जारी सूचना के अनुसार विशेष सेवा-पूजा व तिलक श्रृंगार के चलते खाटूश्याम जी का मंदिर बंद रहेगा.

मंदिर कमेटी ने जारी कि थी सूचना

श्री श्याम मंदिर कमेटी के कोषाध्यक्ष कालू सिंह चौहान ने बताया कि 7 अक्टूबर को बाबा श्याम की विशेष सेवा-पूजा व तिलक श्रृंगार किया जाएगा. इस कारण 6 अक्टूबर को रात 10 बजे से 7 अक्टूबर शाम 5 बजे तक आम दर्शनों के लिए बाबा श्याम का मंदिर बंद रहेगा. श्री श्याम मंदिर कमेटी ने सभी श्याम भक्तों को मंदिर खुलने के बाद भक्तों के आने की अपील की है. इसके चलते आज पूरा दिन मंदिर बंद रहेगा. आज शाम 5:00 बजे संध्या आरती के समय बाबा श्याम के कपाट खोले जाएंगे.

बाबा के तिलक श्रृंगार में लगते हैं 16 से 24 घंटे

काली अमावस्या के बाद बाबा श्याम का तिलक श्रृंगार उतार दिया जाता है, उसके बाद बाबा श्याम लगभग 7 दिन तक मूल रूप शालिग्राम में भक्तों को दर्शन देते हैं. इसके कुछ दिन बाद बाबा श्याम का विशेष तिलक श्रृंगार किया जाता है. बाबा के विशेष पूजा में 12 से 15 घंटे का समय लगता है. इसके अलावा श्याम के विशेष श्रंगार में भी करीबन 5 से 6 घंटे का समय लगता है. इसी को ध्यान में रखते हुए बाबा श्याम के मंदिर के कपाट आम दर्शनों के लिए मंदिर के कपाट बंद रहेंगे.

कौन हैं खाटूश्याम जी

खाटूश्याम भीम के पोते और घटोत्कच के बेटे बर्बरीक हैं, इन्हीं की खाटूश्याम के रूप में पूजा की जाती है. बर्बरीक बचपन से ही वीर और महान योद्धा के गुण थे और इन्होंने भगवान शिव को प्रसन्न कर उनसे तीन अभेद्य बाण प्राप्त किए थे. इसी कारण इन्हें तीन बाण धारी भी कहा जाता है. महाभारत युद्ध के दौरान भीम के पौत्र बर्बरीक कौरवों की तरफ से युद्ध में शामिल होने जा रहे थे. तब उनके पास ये तीन ऐसी तीर थे, जो पूरे युद्ध को पलट सकते थे. इसी को लेकर भगवान कृष्ण ब्राह्मण का रूप में आए और उनसे शीश दान में मांग लिया. बर्बरीक ने भी बिना संकोच किया भगवान कृष्ण को अपना शीश दान में दे दिया. तब भगवान कृष्ण ने प्रसन्न होकर बर्बरीक को कहा कि ” बर्बरीक तुम्हें कलयुग में श्याम के नाम से पूजा जाएगा, तुम्हें लोग मेरे नाम से पुकारेंगे और तुम अपने भक्तों के सहारा बनोंगे”.

Tags: Dharma Aastha, Khatu Shyam, Local18, Rajasthan news, Sikar news

FIRST PUBLISHED : November 7, 2024, 12:58 IST

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