क्या पुतिन ने कराई मोदी-जिनपिंग की बात? क्या है इसकी इनसाइड स्टोरी, रूसी राजदूत ने खोला राज

हाइलाइट्स
रूस के कजान शहर में मोदी-जिनपिंग के बीच बैठक हुई.ब्रिक्स मुलाकात के बीच भारत-चीन की औपचारिक मुलाकात हुई.ब्रिक्स समिट के इतर दोनों नेताओं की बैठक रूस में हुई.
Russia on India China Talk: हाल ही में रूस के शहर कजान में ब्रिक्स की बैठक हुई. इस दौरान पांच साल बाद भारत और चीन के बीच औपचारिक बातचीत हुई. पीएम नरेंद्र मोदी और चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग एक मंच पर साथ बैठे और द्विपक्षीय मुद्दो को सुलझा लेने के लिए प्रतिबद्धता जताई. ऐसे में यह सवाल उठ रहा है कि क्यों दोनों देशों के बीच जमी हुई इस बर्फ को हटाने में रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने कोई भूमिका निभाई. इस सवाल का जवाब खुद रूस के राजदूत ने दिया.
रूसी राजदूत डेनिस एलिपोव ने कहा कि हम लोग खुश हैं कि भारत और चीन के बीच औपचारिक बैठक हुई. हम स्वागत करते हैं कि चीन और भारत के नेताओं के बीच 5 साल बाद द्विपक्षीय बातचीत की. भारत और चीन के लिहाज से ये सकारात्मक घटनाक्रम है. हम लोग ने भारत-चीन की बैठक में कोई रोल नहीं निभाया है लेकिन हम खुश हैं कि कजान में बैठक हुई. रूस हमेशा चाहता है कि भारत और चीन स्थिर और अच्छे संबंध रखें.
चार साल से उलझा था मामलाबता दें कि साल 2020 में कोरोना महामारी के बीच गलवान घाटी में भारत और चीन के सैनिक सीमा विवाद को लेकर आपस में भिड़ गए थे. हस घटना में बड़ी संख्या में दोनों देशों की सेना के जवान मारे गए थे. इसके बाद से ही सीमा पर तनातनी का माहौल बना हुआ था. सेना के स्तर पर बैठकों का दौर चला लेकिन समस्या का समाधान नहीं निकल सका. अब चार साल बाद सीमा विवाद द्विपक्षीय वार्ता की मदद से सुलझ गया है. दोनों देशों के सैनिक अब विवादित जगह से पीछे हटना शुरू हो गए हैं.
क्या ब्रिक्स अमेरिका विरोधी है?इस बात पर सवाल उठाए जा रहे हैं कि ब्रिक्स का गठन अमेरिका और यूरोप जैसे पश्चिमी देशों के खिलाफ एक गुट बनाने के लिए किया गया था. ब्रिक्स के दो बड़े देश रूस और चीन की अमेरिका और उसके मित्र देशों से दुश्मनी जगजाहिर है. इसपर रूसी राजदूत की तरफ से भी प्रतिक्रिया दी गई. रूसी राजदूत ने कहा कि 40 देशों ने ब्रिक्स को ज्वाइन करने की इच्छा जताई है और ज्यादातर ने सम्मेलन में हिस्सा लिया. ब्रिक्स समावेशी प्लेटफार्म है. एंटी पश्चिम नहीं बल्कि नॉन पश्चिम है. उधर, ब्रिक्स को लेकर युद्धग्रत यूक्रेन का भी रिएक्शन आया. यूक्रेन के राजदूत ने टाइम्स ऑफ इंडिया के इंटरव्यू में कहा कि ब्रिक्स सम्मेलन असफल था.
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FIRST PUBLISHED : October 28, 2024, 14:25 IST