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Chandrayaan 3: चांद पर उतरा चंद्रयान-3 का प्रज्ञान रोवर, विक्रम लैंडर ने भेजी पहली तस्वीर

बेंगलुरु. भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) ने बुधवार को एक नया इतिहास रचते हुए चंद्रमा के दक्षिणी ध्रुव पर चंद्रयान-3 (Chandrayaan-3) के लैंडर मॉड्यूल की ‘सॉफ्ट लैंडिग’ कराने में सफलता हासिल की. यह मॉड्यूल लैंडर ‘विक्रम’ (Vikram Lander) और 26 किलोग्राम वजनी रोवर ‘प्रज्ञान’ (Pragyan Rover) से लैस है, जिसने बुधवार शाम करीब छह बजकर चार मिनट पर चांद की सतह को छुआ.

विक्रम के सफलतापूर्वक लैंडिंग के बाद अब इसका रोवर ‘प्रज्ञान’ भी मॉड्यूल से निकलकर चांद पर उतर आया है. अंतरिक्ष यान ने रैंप पर लैंडर से बाहर निकलते रोवर की पहली तस्वीर भेजी है.

रोवर के विभिन्न कार्यों में चंद्रमा की सतह के बारे में और जानकारी हासिल करने के लिए वहां प्रयोग करना भी शामिल है. इसरो के अनुसार, लैंडर और रोवर में पांच वैज्ञानिक उपक्रम (पेलोड) हैं जिन्हें लैंडर मॉड्यूल के भीतर रखा गया है. इसरो ने कहा कि चंद्रमा की सतह पर वैज्ञानिक प्रयोग करने के लिए रोवर की तैनाती चंद्र अभियानों में नई ऊंचाइयां हासिल करेगी.

इसरो के अनुसार, चंद्रमा की सतह और आसपास के वातावरण का अध्ययन करने के लिए लैंडर और रोवर के पास एक चंद्र दिवस (पृथ्वी के लगभग 14 दिन के बराबर) का समय होगा. हालांकि, वैज्ञानिकों ने दोनों के एक और चंद्र दिवस तक सक्रिय रहने की संभावनाओं से इनकार नहीं किया है.

विक्रम लैंडर में लगे कैमरे भेज रहे तस्वीरें
दरअसल विक्रम लैंडर पर एक हॉरिजॉन्‍टल वेलोसिटी कैमरे लगा हुआ है, जिससे ये तस्‍वीरें ली गई हैं. इससे पहले चंद्रयान-3 ने चांद की सतह पर लैंड करने के तुरंत बाद ली गई तस्वीर भेजी थी. बेंगलुरु के MOX-ISTRAC और विक्रम लैंडर के बीच लगातार संपर्क बना हुआ है, जिससे ये तस्‍वीरें मिली हैं, जो चांद के दक्षिण ध्रुवीय क्षेत्र की सबसे करीब से ली गई तस्वीर है.

इससे पहले चंद्रमा की सतह पर सुरक्षित लैंडिंग के बाद चंद्रयान-3 के विक्रम लैंडर ने इसरो के कमांड सेंटर को पहला संदेश भेजा था. इसरो को भेजे मैसेज में चंद्रयान ने कहा, ‘भारत, मैं अपने गणतव्य पर पहुंच गया हूं और आप भी!’ इसके साथ ही उसने कहा, चंद्रयान-3 ने चांद पर सफलतपूर्वक लैंडिंग की. बधाई हो, भारत!

ISRO चीफ ने दी बधाई
वहीं इसरो के अध्यक्ष एस. सोमनाथ ने कहा कि चंद्रयान-3 की सफलता इसरो नेतृत्व और वैज्ञानिकों की पीढ़ियों की मेहनत का नतीजा है. उन्होंने कहा कि यह सफलता ‘बहुत बड़ी’ और ‘प्रोत्साहित करने वाली’ है. इसरो प्रमुख एस सोमनाथ ने खुशी व्यक्त करते हुए कहा, ‘हमने चंद्रमा पर ‘सॉफ्ट लैंडिंग’ में सफलता हसिल कर ली है. भारत चांद पर है.’

उधर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भी दक्षिण अफ्रीका से ऑनलाइन माध्यम से इस जटिल मिशन के मुकाम तक पहुंचने के गवाह बनने के लिए जुड़े थे और उन्होंने भी वैज्ञानिकों की कोशिश की प्रशंसा की.

इसरो की सफलता दुनिया अभिभूत
यह एक ऐसी सफलता है जिसे न केवल इसरो के शीर्ष वैज्ञानिक, बल्कि भारत का हर आम और खास आदमी टीवी की स्क्रीन पर टकटकी बांधे देख रहा था. यह सफलता इसलिए भी महत्वपूर्ण है, क्योंकि हाल में रूस का ‘लूना 25’ चांद पर उतरने की कोशिश करते समय दुर्घटना का शिकार हो गया था.

चंद्रयान-3 मिशन पर 600 करोड़ रुपये की लागत आई और यह 14 जुलाई को चंद्रमा के दक्षिणी ध्रुव पर पहुंचने के लिए 41 दिन की यात्रा पर रवाना हुआ था. इसे प्रक्षेपण यान ‘लॉन्च व्हीकल मार्क-3 (एलवीएम-3) रॉकेट के जरिए प्रक्षेपित किया गया था. (भाषा इनपुट के साथ)

Tags: Chandrayaan-3, ISRO, Mission Moon

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