Diwali Festival: Take Precautions While Buying Sweets – Diwali Festival: मिठाई खरीदते समय बरतें सावधानियां

Diwali Festival: दिवाली की मिठाइयां करती हैं बीमार
मिठाई खरीदते समय बरतें सावधानियां

Diwali Festival: दिवाली के मौके पर सबसे ज्यादा मिठाइयां की बिक्री होती है। बाजार में अब मिलावट के चलते ये मिठाइयां बीमारियां पैदा कर रही हैं। इन बीमारियों से बचने के लिए जरूरी है कि मिलावटी चीजों से परहेज करें। दिवाली के त्योहार पर सबसे ज्यादा मिठाइयां बनती और बिकती हैं। खास बात यह है कि जितना दूध का उत्पादन नहीं होता उससे कहीं ज्यादा मावे की मिठाइयां बाजार में बिकती हैं। ऐसे में साफ तौर पर अंदाजा लगाया जा सकता है कि ये मिठाइयां मिलावटी मावे से बनी हुई है। खुद स्वास्थ्य विभाग के अधिकारी भी इस बात को मानते हैं कि प्रदेशभर में नकली मावे से बनी मिठाइयां जमकर बिक रही हैं, लेकिन लचीले कानून और संसाधनों के अभाव के चलते हर जगह कार्रवाई नहीं होती है।
हर वर्ष त्योंहार के समय स्वास्थ्य विभाग की ओर से नकली मावा व अन्य खाद्य सामग्री को पकडऩे के लिए कुछ दिनों का अभियान चलाया जाता है। अभियान के दौरान खाद्य विभाग की टीम अलग-अलग क्षेत्रों में जाकर नकली खाद्य पदार्थों के सैंपल लेती है और बाद में उस सैंपल को जांच के लिए लैबोरेट्रीज में भिजवाया जाता है। लेबोरेट्री में 14 दिन में जांच का प्रावधान है पर इस समयावधि में जांच नहीं हो पाती है। स्वास्थ्य विभाग भी केवल सूचना मिलने पर ही कार्रवाई कर रहा है। उधर नकली मावा जांच के लिए बनी लेबोरेट्रीज का बुरा हाल होने के कारण जांच समय पर नहीं हो पाती और दोषियों को सजा भी नहीं मिल पाती। ऐसे में दोषी लोगों के होंसले बुलंद हो रहे हैं।
नकली मावे से बनने वाली मिठाइयों से कई गंभीर बीमारियां होती है, जिसमें कैंसर भी शामिल है। डॉक्टरों ने भी इस बात को साफ तौर पर स्वीकारा है कि नकली मावे से बनी मिठाइयों से उल्टी, दस्त, यहां तक की आंतों का कैंसर भी हो जाता है। बच्चों के लिए यह काफी नुकसान दायक होती है। यही कारण है कि राखी, होली, दिवाली जैसे बड़े त्योंहार के बाद कई लोगों को अस्पताल जाकर उपचार कराना पड़ता है।