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बदलते मौसम में कहीं बीमार न पड़ जाएं, हर दिन जरूर करें कुछ योगासन, पूरे जीवन रहेंगे हेल्दी और फिट

Last Updated:April 04, 2025, 23:47 IST

Yoga ke fayde: प्रधानमंत्री मोदी ने मन की बात में 21 जून योग दिवस की याद दिलाई और योग को दिनचर्या में शामिल करने की अपील की. योग गुरु शैलेंद्र ने मौसम अनुसार योग बदलने की सलाह दी. जानें, योगासन रेगुलर करने के फ…और पढ़ेंबदलते मौसम में कहीं बीमार न पड़ जाएं, हर दिन जरूर करें कुछ योगासन

योग करने से मानसिक और शारीरिक फायदे होते हैं.

हाइलाइट्स

प्रधानमंत्री ने 21 जून योग दिवस की याद दिलाई.बदलते मौसम में योगासन बदलने की सलाह दी गई.शीतली, शीतकारी जैसे योगासन गर्मी में लाभकारी.

International Yoga Day 2025: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मन की बात के 120वें एपिसोड में देशवासियों को 21 जून को मनाए जाने वाले ‘योग दिवस’ की याद दिलाते हुए उलटी गिनती करने को कहा. पीएम मोदी ने सभी देशवासियों से अपील करते हुए कहा कि यदि आप सभी को स्वस्थ रहना है तो इसे शीघ्र अपनी दिनचर्या में शामिल कर लें. उन्होंने कहा कि योग यानी कुछ ऐसी क्रियाएं, जो शरीर और मन-मस्तिष्क को दुरुस्त रखती हैं. मौसम कोई भी हो, इसके आसन हमें स्वस्थ रखने में मददगार साबित होते हैं.

अब जबकि मौसम बदल रहा है, तो सवाल उठता है कि क्या जो आसन और प्राणायाम हम ठंड के मौसम में कर रहे थे, वही कंटिन्यू रखना चाहिए या फिर योग भी कहता है कि बदलते मौसम के साथ आचार-व्यवहार में बदलाव जरूरी है! जाने-माने योग गुरु शैलेंद्र ने कहा कि बदलते मौसम के साथ योगासन भी बदलता है.

किस योग से दिमाग और शरीर रहता है शीतल

सवाल यही उठता है कि आखिर कौन से योग करें कि दिमाग और शरीर में शीतलता का संचार हो. योग गुरु बताते हैं कि मौसम के अनुसार, आसन का चयन जरूरी होता है. ऐसे आसन जो गर्मी में आपके मन-मस्तिष्क और शरीर को ठंडा रखें. जैसे हमारे खान-पान में बदलाव जरूरी है, वैसे ही व्यायाम में भी. जैसे शीतली, शीतकारी जैसे योगासन शरीर को ठंडा और शांत रखने में प्रभावकारी होते हैं.

योगासन को लेकर रचे गए प्रमुख ग्रंथ योगसूत्र और योगभाष्य में आसन और प्राणायाम का जिक्र है. इसमें शीतली, शीतकारी, भ्रामरी और शवासन, अभ्यास में शामिल किए जाने का परामर्श दिया गया है. हालांकि, इन आसनों को अपने दैनिक अभ्यास का हिस्सा बनाने से पहले कुशल योग गुरु की सलाह जरूर लेनी चाहिए.

उम्र, मर्ज और जेंडर के हिसाब से कुछ खास एहतियात बरतनी चाहिए. खास ध्यान नियम का भी रखना चाहिए, जैसे बेहतर परिणामों के लिए सुबह का वक्त सबसे उपयुक्त होता है. आसन खाली पेट ही करें. अगर सुबह संभव न हो, तो अभ्यास से 3 घंटे पहले कुछ न खाएं या पेट खाली रखें.

First Published :

April 04, 2025, 23:47 IST

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