डॉक्टर बने मसीहा, महिला ने एक साथ तीन बच्चों को दिया जन्म, 48 दिन बाद दो को मिली जिंदगी, एक की हुई मौत
पाली. पाली शहर में एक ऐसा मामला सामने आया जिसमें एक महिला ने एक साथ तीन बच्चों को जन्म दिया. मगर इसमें बात करें तो एक बच्चे की ईलाज के दौरान मौत हो गई, तो वहीं दो बच्चों को डॉक्टर्स की टीम ने बचा लिया. 48 दिन के इलाज के बाद सकुशल दोनों बच्चों को अस्पताल से डिस्चार्ज किया गया. आपको बता दें कि साल 2024 में बांगड अस्पताल में एक महिला द्वारा एक साथ तीन बच्चों को जन्म देने का यह पहला मामला होगा, जिसमें डॉक्टर्स की टीम ने अपना 100 प्रतिशत देते हुए बच्चों को बचाने की कोशिश की गई. पाली में 30 साल की दाड़मी देवी करीब 6 साल बाद दूसरी बार मां बनी. डिलीवरी से पहले रूटीन चेकअप के दौरान डॉक्टर ने उन्हें बताया कि उनके पेट में 3 बच्चे हैं. जिसके कारण समय से पहले डिलीवरी हो सकती है और जरूरी नहीं कि तीनों बच्चों को बचाया जा सके. इसके बाद परिजनों ने सबकुछ डॉक्टर पर छोड़ दिया.
डॉक्टर ने महिला की में नॉर्मल डिलीवरी करवाई. महिला ने 3 लड़कों को जन्म दिया. लेकिन जन्म के समय बच्चों का वजन कम था, सांस लेने में बच्चों को दिक्कत थी. फेफड़े पूरी तरह विकसित नहीं थे. लेकिन डॉक्टर्स ने हार नहीं मानी और स्पेशल ट्रीटमेंट शुरू किया. हालांकि, एक बच्चे की इलाज के दौरान मौत हो गई. लेकिन दो बच्चों को डॉक्टर ने बचा लिया. 48 दिन के इलाज के बाद आज सकुशल दोनों बच्चों को हॉस्पिटल से डिस्चार्ज किया गया.
डॉक्टर्स की टीम ने दिखाई गंभीरताराजस्थान के पाली शहर के सुभाष नगर में रहने वाले तेजाराम की 30 वर्षीय पत्नी दाड़मी देवी से 22 नवम्बर 2017 में शादी हुई. 12 फरवरी 2019 दाड़मी देवी ने फूल सी बेटी रवीना को जन्म दिया. लेकिन उसके बाद दो-तीन बार उसके गर्भ गिर गए. ऐसे में बांगड़ हॉस्पिटल के डॉ. बालगोपाल सिंह भाटी का ट्रीटमेंट लिया. इसके बाद दाड़मी देवी गर्भवती हुई. जिसके बाद परिवार में उनके लिए विशेष केयर शुरू कर दी गई.
इस तरह तीन बच्चों का पता चला डॉ. बाल गोपाल भाटी ने महिला की सोनोग्राफी की जांच की तो पता चला कि उसके पेट में तीन बच्चे हैं. ऐसे में उसके पति तेजाराम को बताया कि दाड़मी देवी के पेट में तीन बच्चे हैं. ऐसे में समय से पहले डिलीवरी हो सकती और बच्चे कमजोर हो सकते हैं. ऐसी स्थिति में सभी बच्चों को बचाना संभव नहीं होगा. डिलीवरी से पहले डॉक्टर ने महिला की बच्चेदानी का मुंह भी बंद कर दिया. जिससे गर्भ में पल रहे बच्चे समय से पहले न हो. हालांकि, डॉक्टरों की टीम ने अपना 100 प्रतिशत दिया.
महिला का इस तरह करवाया सफल प्रसवडॉक्टर बाल गोपाल सिंह भाटी और उनकी टीम ने महिला का 21 सितम्बर 2024 को सफल प्रसव करवाया. जिसमें उसने 3 बेटों को जन्म दिया. लेकिन तीनों बच्चों का वजन काफी कम था, उनके फेफड़े पूरी तरह विकसित नहीं हो रखे थे, सांस लेने में दिक्कत हो रही थी और संक्रमण भी हो रखा था. एक बच्चे का वजन 700 ग्राम, दूसरे का 1KG और तीसरे का 1.4 KG ही वजन था. तीनों बच्चों को बचाने के लिए डॉक्टर्स की टीम ने पूरा प्रयास किया.
बच्चे की मौत का कारणचाइल्ड स्पेशलिस्ट डॉक्टर रफीक कुरैशी, डॉ. एसएस स्वर्णकार और डॉक्टर सुशील बाकोलिया की टीम ने बच्चों का इलाज शुरू किया. दो दिन बाद 1 KG वजन वाले बच्चे की संक्रमण से मौत हो गई. शेष दोनों बच्चों को बचाने के लिए डॉक्टरों की टीम जी जान से जुट गई. उन्हें फेफड़े पकाने की दवा सरफेक्ट दी गई. ऑक्सीजन पर रखा गया. बच्चे मां का दूध भी नहीं पी पा रहे थे. ऐसे में ट्यूब से मां का दूध पिलाया गया. जिससे दोनों बच्चों का शारीरिक विकास हो और वजन बढ़ सके.
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FIRST PUBLISHED : November 10, 2024, 16:12 IST