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दूसरों को महकाने के चक्कर में खुद का न कर लें बंटाधार, परफ्यूम का गलत इस्तेमाल गर्दन को कर सकता है बदरंग, इसलिए संभल के

Perfume can turn your neck black: तुमने कल जो मेरा हाथ क्या पकड़ा था, आज भी तेरी खुशबू मेरे दिलों में रही है. बड़ी खामोशी से भेजा था गुलाब उसको, पर खुशबुओं ने शहर भर में तमाशा कर दिया. कभी-कभी कुछ शख्स इसी तरह आसपास को महका देता है जैसे लगता है कि उसने गुलशन की पूरी महक उठाकर ले आया हो. यह सब परफ्यूम का कमाल होता है. हो सकता है यह आदत आप में भी हो. आप कहीं निकले और पूरे बदन को परफ्यूम से तर कर लिया हो लेकिन जानते हैं इसमें आपकी एक गलती आपकी पूरी पर्सनैलिटी को कबाड़ कर सकती है. दरअसल, परफ्यूम लगाते समय लोग अक्सर परफ्यूम को अपने गले या स्किन पर छिड़क लेते हैं लेकिन इससे आपका गला बदरंग हो सकता है. गले पर कालापन का निशान इस वजह से हो सकता है. एक्सपर्ट इसकी चेतावनी देते हुए कहते हैं कि ऐसा नहीं करना चाहिए. इससे गले में काला पड़ जाएगा. आइए जानते हैं कि ऐसा क्यों होता है.बड़े-बड़े काले धब्बे बन जाएंगेइंडियन एक्सप्रेस की खबर में डर्मेटोलॉजिस्ट डॉ. एंड्रिया रिचेल कहती हैं कि जब कोई अपने गले को परफ्यूम से तर कर लेता है तो इससे सिर्फ पिग्मेंटरी चेंजेज ही नहीं होता बल्कि कुछ लोगों में यह फोटो सेंसिटाइजर का काम करता है. ऐसा इसलिए क्योंकि परफ्यूम में आमतौर पर नींबू का तेल, चकोतरा का तेल और बरगामोट (साइट्रस फ्रूट) का तेल मिला रहता है. इन सबमें ब्रजेप्टन और फुरुकोयूमेरीन कंपाउड पाया जाता है तो फोटो सेंसिटाइजर होता है. इसका मतलब यह हुआ कि जब परफ्यूम लगाकर बाहर निकलेंगे तो ये कंपाउड सूर्य की रोशनी से प्रतिक्रिया करने लगेगा जिससे स्किन पर काला निशान आ जाएगा. इससे स्किन इरीटेट होने लगता है. इसे पोस्ट इंफ्लामेटरी हाइपरपिग्मेंटेशन कहते हैं.

स्किन पर डार्क पैचेज बन जातीडॉ. रिचेल ने यह भी बताया कि परफ्यूम में मिले कुछ कंपाउड जैसे कि सीनामेट्स और फ्रेगरेंस व्यक्ति के इम्यून सिस्टम को सेंसिटाइज कर देता है जिसके कारण प्रभावित जगहों पर रैशेज, रेडनेस और खुजली की समस्या पैदा कर देता है. इसके अलावा परफ्यूम में मौजूद अल्कोहल और फ्रेगरेंसेज स्किन को इरीटेट भी कर देता है. इससे स्किन में एलर्जी भी हो सकती है. क्रोनिक इरीटेशन और इंफ्लामेशन के कारण सेल में मेलेनोसाइट बहुत बनते हैं. इस मेलेनिन के कारण स्किन ज्यादा डार्क और भद्दी हो जाती है और स्किन पर डार्कर पैचेज बन जाते हैं. वहीं एक्सपर्ट के मुताबिक इन सब कारणों से ऑटोइम्यून डिजीज भी हो सतता है जिसे लिचेन प्लानस पिग्मेंटोशस कहते हैं.तो फिर इससे बचे कैसेडॉ. रिचेल कहती हैं कि इन सबसे बेहतर तरीका यही है कि परफ्यूम हो या ड्योडरेंट नंगी स्किन पर लगाने के बजाय इसे कपड़े पर लगाएं. स्किन के लिए दिक्कत तब और हो जाएगी जब आप धूप में निकलेंगे क्योंकि तब सूरज की रोशनी के साथ यह प्रतिक्रिया करने लगेगा जिससे स्किन इरीटेट होने लगेगी. ऐसे में यदि आप पहले से सनस्क्रीन लगाते हैं तो इससे बच सकते हैं. इसके अलावा जिस कॉस्मेटिक चीज में फ्रेगरेंसेज का इस्तेमाल नहीं होता है, उसे आप स्किन पर लगा सकते हैं. हालांकि नेचुरल ड्यो़डरेंट या परफ्यूम इसका बेहतर विकल्प है.

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Tags: Health, Health tips, Lifestyle

FIRST PUBLISHED : August 26, 2024, 07:01 IST

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