Rajasthan

जरा चेक कर लें कहीं आप भी तो नहीं खा रहे मिलावटी खाद्य सामग्री, अब इस तरह घर पर स्वयं करें स्क्रीनिंग

पाली. राजस्थान सरकार द्वारा ‘शुद्ध आहार-मिलावट पर वार’ को लेकर चलाए जा रहे विशेष अभियान के तहत बात करें तो इस त्योहारी सीजन में 1600 से ज्यादा सैंपल लिए गए थे, जिसमें आपको जानकर हैरानी होगी कि 25 प्रतिशत सैंपल जांच में फेलियर पाए गए यानि की उनमें मिलावट की मात्रा सबसे ज्यादा पाई गई. ऐसे में आप भी बाजारो से मिठाई,मावा,घी या फिर तेल इत्यादि की सामग्री को खरीदते है और इस असमंजस में है कि अगर यह मिलावटी है तो इसका पता कैसे लगाया जाए तो अब जापको जानकर खुशी होगी कि इसकी स्क्रिनिंग आप स्वयं अपने घर पर कर सकते है.

चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग की फूड एनालिसिस रेनू शर्मा ने आमजन को जागरूक करने के लिहाज से उनकी इस परेशानी को दूर करते हुए कुछ ऐसे टिप्स बताए है जिससे आप अपने घर पर ही इन खाद्य पदार्थो में मिलावट है या नही इसकी अच्छे से पहचान कर सकते है. आप भी रेनू शर्मा द्वारा बताई गई टिप्स को घर पर फॉलो कर खुद को और अपने परिवार को मिलावटी खाद्य सामग्री खिलाने से बचा सकते है.

1600 सैंपल से 25 प्रतिशत पाए गए मिलावटीजोधपुर हो पाली हो या फिर आस-पास के अन्य जिले जहां पर स्वास्थ्य विभाग की टीम द्वारा जांच पडताल करने के बाद जिन सैंपलों पर डाउट होता है उनको जोधपुर की इस चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग की बनी मिलावट की जांच की लेबोरेटरी में भेजे जाते है. दीपावली पर बडी मात्रा में सैंपल्स लिए गए जिनकी जांच में चौकाने वाले तथ्य सामने आए है.

चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग की फूड एनालिसिस रेनू शर्मा लोकल-18 से खास बातचीत करते हुए बताया कि जिन पर डाउट होता है वह सैंपल लेकर कन्फर्म के लिए लेबोरेट्री भेजे जाते है. जहां ज्यादा लेवल पर मिलावट लगती है उनको मौके पर ही वही नष्ट कर दिया जाता है. पहला प्रोसेस यही होता कि सैंपल लैब भेजे जाते है और लैंब में जांच के बाद मिलावट पाए जाने पर आगे का प्रोसेस होता है.

मिलावट की मात्रा पर तय होता है सजा का प्रावधानमिलावट करने वालों के खिलाफ क्या सजा का प्रावधान है. उसको लेकर रेनू शर्मा ने बताया कि मिलावट की कितनी मात्रा है इसको देखते हुए यह तय होता है कि सजा का क्या प्रावधान रहेगा. सजा या फिर जुर्माना इसकी मिलावट की मात्रा पर निर्भर करता है.

यह बुक्स जिसको पढ़कर आमजन कर सकते स्क्रिनिंगरेनू शर्मा ने बताया कि आमजन मिलावट लगने पर संपर्क पोर्टल पर शिकायत कर सकते है या फिर अपने संबंधित सीएमएचओ कार्यालय या फिर अधिकारी को अवगत करा सकते हैं. आम आदमी को खुद जागरूक होने की जरूरत है. आम आदमी खुद भी अपने स्तर पर स्क्रिनिंग कर सकता है. इसके लिए एफएसएसआई की वेबसाइट पर इस तरह का कंटेंट उपलब्ध है जिसमें बहुत सारी बुक्स है, ऑरेंज, पिंक व डार्ट बुक में यह सभी जानकारी दी हुई है. डार्ट बुक में सारे पेरामिटर्स इसमें जिसमें आम आदमी पढकर स्क्रिनिंग कर सकता है.

365 दिन चलता है यह अभियान यह अभियान केवल त्यौहारी सीजन पर नही बल्कि 365 दिन चलाया जाता है ताकि आमजन को मिलावटी खाद्य सामग्री से बचाया जा सके. रेनू शर्मा ने बताया कि मिलावट की मात्रा ज्यादा होती है तो सेहत के लिए काफी हानिकारक रहता है अगर माइक्रोबायोलॉजिकल लेवल पर मिलावट हो तो जान जाने का भी खतरा रहता है.

Tags: Local18, Pali news, Rajasthan news

FIRST PUBLISHED : November 5, 2024, 20:20 IST

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