Relief To Those Installing Rooftop Solar Plants, Benefit – रूफटॉप सोलर लगाओ, पैसे कमाओ

500 किलोवॉट तक नेट मीटरिंग का फायदा

जयपुर। राजस्थान विद्युत विनियामक आयोग ने रूफटॉप सोलर प्लांट लगाने के मामले में उपभोक्ताओं को राहत दी है। अब 500 किलोवॉट क्षमता तक के सोलर पैनल लगाने वालोें का नेट मीटिरिंग का फायदा मिलेगा। केन्द्र सरकार के इलेक्ट्रिसिटी राइट ऑफ कंज्यमूमर्स रूल्स में भी नेट मीटरिंग के तहत पांच सौ किलोवॉट तक के पैनल लगाने का प्रावधान किया गया है।
उसी आधार पर आयोग ने ग्रिड इंटरेक्टिव डिस्ट्रीब्यूटेड रिन्यूएल एनर्जी जनरेशन सिस्टम रेगूलेशन के तहत आदेश जारी किए हैं। इससे सामान्य उपभोक्ताओं के साथ एमएसएमई (सूक्षम, लघु एवं मध्यम उद्योग) को भी राहत मिली है। अभी तक आयोग ने 15 सितम्बर तक के लिए 2105 के रेग्यूलेशनलागू कर रखे थे। 2015 के रेग्यूलेशन में नेट मीटरिंग के तहत एक मेगावाट क्षमता के सोलर पैनल लगाए जा सकते थे, लेकिन केंद्र सरकार ने अपने रूल्स में उसे सीमा घटा दी थी। अब भले ही ये क्षमता आधी हो गई हो, फिर भी इसे उपभोक्ताओं के लिए राहत माना जा रहा है। क्योंकि, नए रेग्यूलेशन की कवायद के दौरान 10 किलोवाट क्षमता किए जाने पर मंथन हो रहा था।
यह है नेट मीटरिंग
रूफटॉप सोलर प्लांट से हर माह 300 यूनिट बिजली उत्पादन होता है। इसमें से उपभोक्ता 240 यूनिट बिजली खुद उपयोग कर लेता है और बाकी 60 यूनिट बिजली ग्रिड में चली जाती है। ऐसे में उपभोक्ता का बिजली बिल 60 यूनिट के आधार पर ही बनेगा। यह पूरी प्रक्रिया नेट मीटरिंग है। घरेलू श्रेणी में ग्रिड में गई अतिरिक्त बिजिली का भुगतान डिस्कॉम 3.14 रूपए प्रति यूनिट की दर से करता है, जबकि घरेलू व व्यावसायिक में प्लांट से बनी बिजली का उपयोग करने की अनिवार्यता है। इन्हें भुगतान नहीं दिया जाता।