इको फ्रेंडली गणपति बना लोगों की पहली पसंद, ऑन डिमांड तैयार हो रही प्रतिमाएं
धौलपुर: गणेश उत्सव सात सितंबर से शुरू होगा और इसके लिए गणेश प्रतिमाओं का निर्माण जोरशोर से चल रहा है. शहर के कारीगर मूर्तियों को अंतिम रूप देने में व्यस्त हैं. इस बार गणपति की मिट्टी की प्रतिमाओं की मांग अधिक हो रही है, क्योंकि लोगों का कहना है कि प्लास्टर ऑफ पेरिस (पीओपी) की प्रतिमाएं विसर्जन के लिए उपयुक्त नहीं हैं. इसलिए, मिट्टी की प्रतिमाएं बेहतर विकल्प मानी जा रही हैं.
मूर्तिकार मिट्टी और पीओपी दोनों को मिलाकर प्रतिमाएं बना रहे हैं. गणेश महोत्सव के नजदीक आने के साथ ही शहर में तैयारियां भी तेज हो गई हैं. मूर्ति कलाकार गणेश की मूर्तियों को अंतिम रूप देने में व्यस्त हैं. मूर्तिकार विजय और उनका परिवार वर्षों से इस कार्य को कर रहे है. वे मिट्टी के खिलौनों से लेकर मिट्टी और पीओपी की बड़ी मूर्तियों का निर्माण करते हैं. वे भगवान गणेश की प्रतिमाएं मिट्टी, बांस, घास और कच्चे रंग से तैयार कर रहे हैं ताकि विसर्जन के दौरान मिट्टी आसानी से पानी में घुल जाए और रंग से पानी प्रदूषित न हो.
मूर्तिकार विजय ने लोकल 18 को बताया कि उनकी मूर्तियों की कीमत 80 रुपए से लेकर 5 हजार रुपए तक है. इसमें घर-घर में विराजने वाले छोटे गणेश प्रतिमा से लेकर 3 फीट, 4 फीट और 6 फीट की मूर्तियां शामिल हैं. 6 फीट की मूर्ति की कीमत 4 हजार रुपए, 4 फीट की मूर्ति की कीमत 3 हजार रुपए, और 3 फीट की मूर्ति की कीमत 2 हजार रुपये है. यदि किसी को बड़ी मूर्ति की आवश्यकता हो, तो उसे उसी अनुसार बनाया जाता है.
विजय ने बताया कि पहले गणेश और दुर्गा प्रतिमाओं की मांग अधिक होती थी, और लोग बड़ी-बड़ी प्रतिमाएं मांगते थे. लेकिन अब लोगों का रुझान कम हो गया है, जिसके कारण मांग में कमी आई है. इसका असर उनके काम पर भी पड़ा है. इस वर्ष, पिछले सालों की तुलना में लगभग आधा कार्य ही रह गया है. वर्तमान में मूर्तियों की मांग धौलपुर, बाड़ी, बसेड़ी, मनियां और आसपास के ग्रामीण क्षेत्रों से आ रही है.
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FIRST PUBLISHED : September 3, 2024, 17:41 IST