Effect Of Excessive Rain: Crop Affected In 3 Lakh 69 Thousand Hectares – अतिवृृष्टि का असर : राज्य में 3 लाख 69 हजार हेक्टेयर में फसल प्रभावित

किसानों को मुआवजा दिए जाने के निर्देश
हाड़ौती अंचल और सवाई माधोपुर में सबसे अधिक नुकसान

जयपुर, 5 अगस्त
प्रदेश में पिछले कई दिनों से चल रही तेज बरसात के कारण अब तक 3 लाख 69 हजार 174 हेक्टेयर क्षेत्र में फसल प्रभावित हुई है। जिसे ध्यान में रखते हुए कृषि मंत्री लालचंद कटारिया (Agriculture Minister Lalchand Kataria) ने अतिवृष्टि से प्रभावित फसलों (crops affected by rain) का सर्वे कर किसानों को प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना (Prime Minister Crop Insurance Scheme) के तहत मुआवजा (compensation) दिलवाए जाने के निर्देश दिए हैं। उन्होंने बताया कि कृषि विभाग की ओर से करवाए गए प्रारंभिक सर्वे के मुताबिक भारी बारिश से हाड़ौती अंचल और सवाई माधोपुर जिले में फसलों को काफी नुकसान हुआ है। कोटा, बारां और बूंदी जिलों में सोयाबीन और उड़द तथा सवाई माधोपुर जिले में बाजरा एवं उड़द की फसल में ज्यादा नुकसान हुआ है। राज्य में सोयाबीन 1 लाख 60 हजार 264 हेक्टेयर और उड़द 98 हजार 660 हेक्टेयर क्षेत्र में प्रभावित हुई है।
कहा कितना नुकसान
कोटा जिले में 1 लाख 3 हजार 257 हेक्टेयर, बूंदी में 99 हजार 26 हेक्टेयर, बारां में 76 हजार 199 हेक्टेयर क्षेत्र
सवाई माधोपुर जिले में 23 हजार 60 हेक्टेयर में बाजरा एवं 18 हजार 47 हेक्टेयर में उड़द सहित 61 हजार 387 हेक्टेयर क्षेत्र में फसलों को नुकसान हुआ है। इसके साथ ही जयपुर, सीकर, नागौर, करौली, झालावाड़, अलवर, टोंक और भरतपुर जिलों में भी कहीं कहीं ज्यादा बारिश होने से फसलों को नुकसान हुआ है। जयपुर जिले की सांगानेर, फागी, चाकसू और कोटखावदा तहसीलों में 2 हजार 920 हेक्टेयर, सीकर जिले की दांतारामगढ़ तहसील में 3 हजार 992 हेक्टेयर तथा नागौर जिले की कुचामन सिटी और नावां तहसीलों में 7 हजार 357 हेक्टेयर क्षेत्र प्रभावित हुआ है। इसी तरह करौली जिले में 9 हजार 664, टोंक में 4 हजार 140, भरतपुर की डीग तहसील में 764, झालावाड़ जिले की मनोहरथाना, रायपुर एवं खानपुर तहसीलों में 398 हेक्टेयर, अलवर जिले की कोटकासिम तहसील में 70 हेक्टेयर क्षेत्र में फसलें प्रभावित हुई हैं। कटारिया ने अधिकारियों को प्रभावित किसानों को प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना के तहत नियमानुसार मुआवजा दिलवाने की कार्यवाही प्रारंभ करवाने के निर्देश दिए हैं, जिससे किसानों को राहत दी जा सके। उन्होंने कहा कि कोई भी पात्र काश्तकार फसल बीमा मुआवजे से वंचित नहीं रहना चाहिए।