Information On The Use Of Blockchain Technology – ब्लॉकचेन तकनीक के प्रयोगों की मिली जानकारी

पूर्णिमा इंस्टीट्यूट ऑफ इंजीनियरिंग एंड टेक्नोलॉजी की ओर से ब्लॉकचेन एंड इट्स एप्लीकेशंस विषय पर एआईसीटीई अटल द्वारा प्रायोजित पांच दिवसीय फैकल्टी डवलपमेंट प्रोग्राम आयोजित किया गया।

एआईसीटीई अटल द्वारा प्रायोजित फैकल्टी डवलपमेंट प्रोग्राम आयोजित
जयपुर। पूर्णिमा इंस्टीट्यूट ऑफ इंजीनियरिंग एंड टेक्नोलॉजी की ओर से ब्लॉकचेन एंड इट्स एप्लीकेशंस विषय पर एआईसीटीई अटल द्वारा प्रायोजित पांच दिवसीय फैकल्टी डवलपमेंट प्रोग्राम आयोजित किया गया। इसमें 25 राज्यों के विभिन्न कॉलेजों और यूनिवर्सिटीज के 180 से अधिक फैकल्टी मेम्बर्स शामिल हुए। देश विदेश के विशेषज्ञों द्वारा इन्हें ब्लॉकचेन, बिटकॉइन, क्रिप्टोकरेंसी, डिजिटल वॉलेट, ब्लॉकचेन माइनिंग, एथेरियम, स्मार्ट कॉन्ट्रेक्ट्स, मैसेज डाइजेस्ट, फेब्रिक लेजर जैसी तकनीकों के लैटेस्ट ट्रेंड्स की जानकारी दी गई।
उन्होंने बताया कि वर्तमान में साइबर सिक्योरिटी, डिजिटल आइडेंटिटी, फइनेंस व बैंकिंग, हैल्थकेयर, वोटिंग, स्मार्ट कॉन्ट्रेक्ट्स, आईओटी व क्लाउड स्टोरेज, सप्लाई चेन मैनेजमेंट तथा हॉस्पिटल रिकॉड्र्स जैसे क्षेत्रों में ब्लॉकचेन तकनीक का सर्वाधिक उपयोग किया जा रहा है। मेजबान पूर्णिमा इंस्टीट्यूट ऑफ इंजीनियरिंग एंड टेक्नोलॉजी के डायरेक्टर डॉ. दिनेश गोयल और कंप्यूटर इंजीनियरिंग के एचओडी दीपक मौद ने एफडीपी के विभिन्न सत्रों का परिचय दिया।
दिल्ली टेक्नोलॉजिकल यूनिवर्सिटी के प्रोफेसर डॉ.मनोज कुमार ने बताया कि ब्लॉकचेन एक नवीनतम तकनीक है और वर्तमान कैपिटल मार्केट ब्लॉकचेन का प्रयोग कर रहे हैं। फिनलैंड की यूनिवर्सिटी ऑफ औलू के विजिटिंग रिसर्चर डॉ. अंशुमान कल्ला ने ब्लॉकचेन के विभिन्न एप्लीकेशंस तथा सार्वजनिक, वित्त, हैल्थकेयर व गवर्नेंस में इसके उपयोग के बारे में बताया। ट्रिपल आईटी, इलाहाबाद के एसोसिएट प्रोफेसर एस. वैंकटेशन ने प्रतिभागियों को क्रिप्टोकरेंसी, हाइपर लेजर और हैश ग्राफ के बारे में जानकारी दी। गुरुकुल कांगड़ी यूनिवर्सिटी हरिद्वार के एसोसिएट प्रोफेसर डॉ.मयंक अग्रवाल ने मेटा मास के साथ एरिथ्रम पर सेशन लिया। जामिया हमदर्दए नई दिल्ली की असिस्टेंट प्रोफेसर डॉ.शेरिन जफर ने बताया कि बेहतर भविष्य के लिए आईओटी एवं एआई के साथ ब्लॉकचेन को एकीकृत किया जाना चाहिए।