Rajasthan

कनेर के पत्तों का लेप जोड़ों के दर्द में देता है आराम, पुराने घावों को भरने में भी किया जाता है इस्तेमाल

जयपुर. गार्डन की सुंदरता बढ़ाने के लिए कनेर के पौधे का नाम सबसे पहले लिया जाता है. कनेर के पौधे पर पीले, गुलाबी सफेद रंग के फूलों आते पौधा है, इसकी पत्तियां चपटी व लंबी होती है. यह एक सदाबहार पौधा होता है जो आसानी से हाईवे रोड के बीचो-बीच सड़क की सुंदरता को दर्शाता है. कनेर के पौधे कई औषधीय गुण भी पाए जाते हैं.

धार्मिक दृष्टि से कनेर का बड़ा महत्व है. वास्तु शास्त्र की दृष्टि से कनेर को शुभ पौधा माना जाता है. इस पौधे को घर में पश्चिम दिशा कोण में लगाना चाहिए. कनेर के पत्ते सिरे से नोकदार, नीचे से खुरदरे, सफ़ेद घाटीदार और ऊपर से चिकने होते हैं. मुख्य रूप से इसके फूल गर्मियों के मौसम में खिलते हैं. कनेर के पौधे को तोड़ने से दूध निकलता है.

कनेर के धार्मिक महत्वधर्म विशेषज्ञ चंद्रप्रकाश ढांढण ने बताया कि हिंदू धर्म शास्त्रों में सफेद फूलों वाले कनेर का पेड़ मां लक्ष्मी को प्रिय पेड़ होता है. पीले रंग के फूल भगवान विष्णु को प्रिय होते हैं, वहीं पीले फूलों वाले कनेर के पेड़ को विष्णु भगवान का वास होता है. उन्होंने बताया कि  कनेर के पौधे को घर में लगाने से सकारात्मक ऊर्जा का संचार होता है और सुख-समृद्धि आती है. वास्तु शास्त्र के अनुसार कनेर के पौधे को घर में लगाने से नकारात्मक शक्ति और बाधाएं दूर भागती है.

कनेर का पौधा घर में लगाने से दूर हो जाते हैं वास्तु दोष वास्तु शास्त्र के अनुसार कनेर के पौधे को घर में पश्चिम कोण में लगाना ठीक माना गया है. कनेर के फूल को शांति का प्रतीक भी माना गया है. इनके फूल को भगवान शिव को अर्पित करना शुभ माना जाता है.

कनेर के औषधीय गुणकनेर के पौधे में अनेक औषधीय गुण मौजूद होते हैं. आयुर्वेदिक डॉक्टर रमेश कुमार बताते हैं कि कनेर एक खास किस्म का पौधा होता है जिनका औषधीय दवा बनाने में प्रयोग किया जाता है. इसका उपयोग से दाद होने पर कनेर के पत्तों का लेप लगाने से दाद व खुजली में तुरंत आराम मिलता है.

कनेर के पौधे के पत्तों का लेप जोड़ के दर्द में तुरंत आराम देते हैं और जोड़ दर्द में कनेर के पत्तों का लेप सबसे कारगर उपाय माना जाता है. इसके अलावा पुराने घावों को ठीक करने में कनेर के पत्ते बहुत फायदेमंद होते हैं इनके लेप से पुराने घाव भी जल्द भर जाते हैं. कनेर के पत्तों के रस में कीड़े-मकोड़े के जहर को कम करने की शक्ति मौजूद है. कीड़े मकोड़े काटने पर कनेर के पत्तों का इस्तेमाल करना अच्छा होता है.

Tags: Jaipur news, Local18, Rajasthan news

FIRST PUBLISHED : October 26, 2024, 18:21 IST

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