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Emotionally Vasundhara Raje said : दादा माधव राव सिंधिया होते तो झालावाड़ में ट्रेन देख कर बहुत ख़ुश होते | Emotionally Vasundhara Raje Madhav Rao Scindia Jhalawar Train Dushyant

पूर्व सीएम व भाजपा की राष्ट्रीय उपाध्यक्ष वसुन्धरा राजे बुधवार को भावुक नजर आईं। बारां से बीना व झालावाड़ सिटी से कोटा के लिए सांसद दुष्यंत सिंह द्वारा मेमू ट्रेन को झंडी दिखाकर रवाना करने के बाद राजे ने अपनी पुरानी यादें ताजा कीं तो भावुक हो गई।

जयपुर

Published: January 05, 2022 08:20:54 pm

जयपुर। पूर्व सीएम व भाजपा की राष्ट्रीय उपाध्यक्ष वसुन्धरा राजे बुधवार को भावुक नजर आईं। बारां से बीना व झालावाड़ सिटी से कोटा के लिए सांसद दुष्यंत सिंह द्वारा मेमू ट्रेन को झंडी दिखाकर रवाना करने के बाद राजे ने अपनी पुरानी यादें ताजा कीं तो भावुक हो गई।

Emotionally Vasundhara Raje said : दादा माधव राव सिंधिया होते तो झालावाड़ में ट्रेन देख कर बहुत ख़ुश होते

Emotionally Vasundhara Raje said : दादा माधव राव सिंधिया होते तो झालावाड़ में ट्रेन देख कर बहुत ख़ुश होते

उन्होंने कहा कि एक समय था जब झालावाड़ में भाजपा के कार्यकर्ता उन्हें ट्रेन का मॉडल भेंट किया करते थे। तब झालावाड़ के लिए रेल एक बड़ा सपना हुआ करता था। आज उसी झालावाड़ में तीन-तीन यात्री ट्रेने दौड़ रही है। उन्होंने भावुक होकर कहा कि उनके बड़े भाई तत्कालीन रेल मंत्री माधव राव सिंधिया ने झालावाड़ में रेल का सपना साकार करने में उनका भरपूर सहयोग तो किया। साथ ही धैर्य रखने की भी सलाह दी क्योंकि रेल लाने में वक़्त बहुत लगता है। आज दादा होते तो बहुत ख़ुश होते। राजे ने वर्चुअली कार्यक्रम में हिस्सा लिया। उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और रेल मंत्री अश्वनी वैष्णव का आभार जताया।

उन्होंने कहा कि 21 जून 2013 को पहली यात्री रेल कोटा-झालावाड़ सिटी शुरू हुई। तब उन्होंने और सांसद दुष्यंत सिंह ने उस ट्रेन में बैठ कर सफ़र किया। इसके बाद 5 मार्च 2015 को कोटा-बीना पेसेंजर का झालावाड़ तक विस्तार किया गया। फिर झालावाड़ को राजधानी जयपुर से सीधे जोडऩे के लिए 13 मार्च 2019 को कोटा-श्रीगंगानगर सुपरफास्ट एक्सप्रेस शुरू हुई। उन्होंने कहा 1989 में मैं सांसद का चुनाव लड़ने पहली बार झालावाड़ आइ थी। तब के झालावाड़ और आज के झालावाड़ में ज़मीन आसमान का फ़र्क़ है। आज यह शहर यहाँ के लोगों के आशीर्वाद और हमारे प्रयासों से कहां से कहां पहुंच गया है जो झालावाड़ एक क़स्बे के रूप में पहचाना जाता था, आज देश की पहचान बन गया है।

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