Rajasthan

The population of panthers is increasing in Rajasthan their number has reached 20 you can also see them

पाली. लेपर्ड कंजर्वेशन से अच्छी खबर आई है. राजस्थान के पाली संभाग स्थित देसूरी क्षेत्र की पहाडियों में पैंथरों का कुनबा लगातार बढ़ रहा है. यहां इसकी संख्या बढकर 20 से ज्यादा हो चुकी है. जिसके चलते इनको देखने के लिए पर्यटकों की संख्या में भी बढोतरी हो रही है. हालांकि उपखंड क्षेत्र में लेपर्ड कंजर्वेशन रिजर्व को लेकर कार्य तो शुरू नहीं हुआ है. लेकिन पहाड़ियों में धीरे- धीरे पैंथरों का कुनबा बढ़ता जा रहा है. इसलिए लेपर्ड कंजर्वेशन रिजर्व कार्य को शीघ्र ही शुरू कर देना चाहिए. वहीं, देसूरी क्षेत्र की पहाड़ियों में पैंथरों को देखने के लिए सुबह-शाम पर्यटक सफारी करने के लिए इन पहाड़ियों तक पहुंच रहे हैं. पर्यटकों को पैंथर विचरण करते नजर आ जाते हैं.

इस वजह से बढ़ रही है पैंथरों की संख्या

पैंथरों की बढती संख्या एक अच्छा संकेत है. वन चौकी प्रभारी घाणेराव, मेहबूब छीपा की मानें तो देसूरी पंचायत समिति क्षेत्र के गांव के पास स्थित पहाड़ियां पैंथरों के लिए सुरक्षित स्थान है, क्योंकि इस इलाके के गांव में बसने वाले लोग जागरूक हैं. जिसके चलते इस इलाके में शिकारी नहीं पहुंच पाते हैं. वहीं, पहाड़ों के पास जंगल और पानी होने के कारण इनको भटकना नहीं पड़ता है. यही वजह है कि पहाड़ियों में पैंथरों की संख्या में बढ़ोतरी देखी जा सकती है. कंजर्वेशन रिजर्व को लेकर मुख्यमंत्री बजट में घोषणा की गई. ऐसे में अब जब कंजर्वेशन रिजर्व बन जाएगा तो पर्यटकों को यहां अधिक सुविधाएं मिलने लगेगी.

पांच पंचायतों ने पहले ही दे दिया है अनापत्ति प्रमाण पत्र

कंजर्वेशन रिजर्व के विकास पर अनुमानित 2 करोड़ की राशि खर्च होना है. इसके तहत 5 पंचायत क्षेत्रों में लेपर्ड कंजर्वेशन रिजर्व को लेकर विभिन्न कार्य होने थे. पांचों पंचायतों की ओर से अनापत्ति प्रमाण पत्र भी जारी कर दिया गया था. इसके बावजूद अभी तक कार्य शुरू नहीं हो पाया है. छोड़ा व काणा गांव की पहाड़ियों के पास घने जंगल मौजूद है. जिसमें कई वन्यजीव विचरण करते हैं.  पैंथरों को आसानी से शिकार के रूप में भोजन मिल जाता है. इन पहाड़ियों के पास बांध व छोटे तालाब मौजूद है. पैंथर सहित अन्य जानवर सुबह-शाम प्यास बुझाने के लिए यहां पर पहुंच जाते हैं.

Tags: Local18, Pali news, Rajasthan news, Wild animals, Wild life

FIRST PUBLISHED : June 25, 2024, 09:10 IST

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