Rajasthan Politics: परिसीमन के बीच कांग्रेस का संगठन विस्तार, क्या निकाय चुनाव में BJP पर पलटवार की है तैयारी?

Last Updated:April 07, 2025, 12:43 IST
Rajasthan Politics News : राजस्थान में इन दिनों स्थानीय निकाय और पंचायती राज संस्थाओं के परिसीन समेत कांग्रेस के संगठन विस्तार का मुद्दा बेहद चर्चा में है. क्या कांग्रेस संगठन विस्तार के जरिये आगामी निकाय और प…और पढ़ें
राजस्थान पीसीसी चीफ गोविंद सिंह डोटासरा ने आरोप लगाया है कि भाजपा सरकार अपने हारे हुए नेताओं को फायदा पहुंचाने के लिए वार्डों का पुनर्गठन कर रही है.
हाइलाइट्स
कांग्रेस ने संगठन विस्तार कर 50 जिला इकाइयां बनाई.कांग्रेस परिसीमन को राजनीतिक साजिश बता रही है.कांग्रेस ने भाजपा सरकार के खिलाफ कोर्ट में याचिकाएं दाखिल की.
जयपुर. राजस्थान की राजनीति में इन दिनों दो अहम मुद्दे चर्चा में हैं. नंबर वन निकाय और पंचायती राज संस्थाओं का पुनर्सीमांकन (परिसीमन) और नंबर टू कांग्रेस का संगठनात्मक विस्तार. कांग्रेस परिसीमन की इस प्रक्रिया को राजनीतिक साजिश और प्रशासनिक मनमानी बता रही है. जबकि वह खुद को चुनावी रूप से तैयार करने में भी जुटी है. राजस्थान में परिसीमन को लेकर कांग्रेस का सबसे बड़ा आरोप है कि गुपचुप और नियमविरुद्ध तरीके से निकायों और पंचायतों की सीमाएं बदली जा रही हैं.
कांग्रेस अध्यक्ष गोविंद सिंह डोटासरा ने आरोप लगाया है कि भाजपा सरकार अपने हारे हुए नेताओं को फायदा पहुंचाने के लिए वार्डों का पुनर्गठन कर रही है. ग्राम पंचायतों को जबरन नगर निकायों में शामिल किया जा रहा है. इसमें जनसंख्या नियमों की अनदेखी की जा रही है. डोटासरा के मुताबिक उनके अपने ही विधानसभा क्षेत्र लक्ष्मणगढ़ में पहले 40 वार्डों की सूची प्रकाशित की गई थी. अगले ही दिन दो ग्राम पंचायतों को नगर निकाय में जोड़ दिया गया. लेकिन इसकी कोई अधिसूचना जारी नहीं की गई. डोटासरा ने भाजपा पर ‘वन स्टेट-वन इलेक्शन’ की आड़ में संविधान और कानून की खुली अवहेलना करने का आरोप लगाया है. उन्होंने कहा कि जब तक नगर निकायों और पंचायतों के कार्यकाल खत्म नहीं होते और वोटर लिस्ट फाइनल नहीं होती तब तक परिसीमन प्रक्रिया पूरी करना असंवैधानिक है. कांग्रेस इसे मुद्दा बनाकर जनता का साथ लेने की रणनीति पर काम कर रही है.
कांग्रेस संगठन को तेजी से सक्रिय कर रही हैकांग्रेस ने परिसीमन प्रक्रिया का विरोध करने साथ ही अपने संगठन को सक्रिय करने का काम भी तेज कर दिया है. उसने अपनी जिला इकाइयों की संख्या को 39 से बढ़ाकर 50 कर दिया है. इसके साथ ही 200 विधानसभा क्षेत्रों में 400 ब्लॉक और 2200 मंडलों में समन्वयकों की नियुक्ति की है. इनमें से 387 ब्लॉकों में बैठकें पूरी हो चुकी हैं. उनका फीडबैक लिया गया और कार्यकर्ताओं की पहचान की गई है. 30 प्रतिशत मंडल कमेटियों की बैठकें हो चुकी हैं. बाकी की अब अप्रेल में होंगी. सभी मंडलों का डेटा डिजिटल रूप में संग्रहीत किया गया है. इससे संगठन तकनीकी रूप से और मजबूत हुआ है.
भाजपा सरकार को घेरने के लिए हो रही है तैयारइस विस्तार से यह साफ है कि कांग्रेस अब केवल विरोध की राजनीति नहीं कर रही है बल्कि निकाय चुनाव के युद्ध के लिए संगठित और नई रणनीति भी बना रही है. कांग्रेस ने कहा है कि वह कानूनी और जनआंदोलन के जरिये भाजपा सरकार को घेरने के लिए तैयार है. परिसीमन को लेकर कांग्रेस की ओर से चौमूं और अन्य क्षेत्रों में कोर्ट में याचिकाएं दाखिल की गई हैं. जिला कलेक्टरों को ज्ञापन सौंपे गए हैं. आम जनता को साथ लेकर आंदोलन की तैयारी भी चल रही है. इससे साफ है कि कांग्रेस इस बार परिसीमन को मात्र एक तकनीकी मुद्दा नहीं बल्कि राजनीतिक और जनलोकतांत्रिक अधिकारों का सवाल बना रही है.
निकाय चुनावों से पहले बड़ा टकरावराजस्थान में होने वाले आगामी नगर निकाय और पंचायत चुनाव भाजपा के लिए स्थानीय स्तर पर पकड़ मजबूत करने का अवसर हैं. लेकिन कांग्रेस परिसीन को जनभावना से जुड़ा मुद्दा बनाकर पेश कर रही है. अगर कांग्रेस संगठनात्मक रूप से मजबूत होती है और जनसमर्थन को इस मुद्दे से जोड़ पाती है तो निकाय चुनावों में वह भाजपा की मुश्किलें बढ़ सकती हैं.
परिसीमन बड़ा राजनीतिक मुद्दा बन चुका हैराजस्थान की राजनीति में परिसीमन केवल एक प्रशासनिक प्रक्रिया नहीं बल्कि बड़ा राजनीतिक मुद्दा बन चुका है. कांग्रेस इसे लोकतांत्रिक अधिकारों और प्रशासनिक पारदर्शिता का मुद्दा बना रही है. वहीं भाजपा के लिए यह स्थानीय सत्ता को मजबूत करने की कवायद है. आने वाले हफ्तों में यह देखना दिलचस्प होगा कि कौन-सी पार्टी जनभावना को अपने पक्ष में मोड़ने में सफल होती है. संगठनात्मक तैयारी के बल पर कांग्रेस या सत्तारूढ़ भाजपा.
Location :
Jaipur,Jaipur,Rajasthan
First Published :
April 07, 2025, 12:43 IST
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परिसीमन के बीच कांग्रेस का संगठन विस्तार, निकाय चुनाव में पलटवार की तैयारी